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टाउनशिप योजना को मिली हरी झंडी, संशोधित नीति के तहत होगा काम

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बंद पड़ी हाईटेक टाउनशिप परियोजना को शुरू करने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. इस संबंध में आवास-विकास विभाग ने निर्देश भी जारी कर दिया है.

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Published : Apr 8, 2021, 1:18 PM IST

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टाउनशिप योजना को मिली हरी झंडी

लखनऊ: हाईटेक टाउनशिप योजना के अंतर्गत बंद पड़ी परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. साथ ही आवास विकास विभाग ने निर्देश भी जारी कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 7 हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं को 3 महीने में शुरू करने के संबंध में विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.

प्रमुख सचिव ने जारी किए निर्देश
आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने 7 हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं को शुरू करने का निर्देश दिया है. 3 महीने के भीतर संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. इसको लेकर एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की गई है. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा कि संशोधित नीति के तहत उन परियोजनाओं को ही शुरू करने की छूट दी गई है, जो योजनाएं चल रही थीं और बीच में रुकी हुई थी.

इसे भी पढ़ें: यूपी में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, 403 विधानसभा क्षेत्रों में बनेंगे केंद्र

संशोधित नीति के तहत होगा काम
परियोजनाओं के लिए न्यूनतम सीमा पंद्रह सौ एकड़ क्षेत्रफल रखा गया है. जरूरत के आधार पर कम करने का अधिकार उच्च स्तरीय समिति को होगा. बिल्डरों को परियोजना पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय लेने के एवज में 80 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से विस्तार शुल्क देने की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए 5 साल का समय दिया जाएगा.

गिरवी रखनी पड़ेगी 25 फीसद जमीन
परियोजना के अंतर्गत अन्य विकास कार्यों की प्रगति के अनुपात में मूलभूत सुविधाओं का भी विकास बिल्डरों को करना होगा. इसी प्रकार बिल्डरों को परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में भी 25 फीसद जमीन गिरवी रखनी पड़ेगी. यदि कोई बिल्डर काम अधूरा छोड़ता है तो परफॉर्मेंस गारंटी ग्रुप में बंधक रखी जमीन को बेचकर परियोजना को पूरा किया जाएगा. बिल्डरों की सहूलियत के लिए यह भी प्रावधान किया गया है कि परियोजना को पूरा करने के लिए बिल्डर ऐसी भूमि का भी उपयोग कर सकता है, जो बिल्डर के स्वामित्व में हो और परियोजना क्षेत्र से सटी हो.

परियोजनाओं के नाम
हाईटेक टाउनशिप योजना के अंतर्गत 7 परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर 7 महीने का समय दिया गया है. इनमें लखनऊ की अंसल प्रॉपर्टी, लखनऊ की गर्व बिल्टेक, गाजियाबाद की उप्पल चड्ढा, गाजियाबाद की सनसिटी, मथुरा की सनसिटी, बुलंदशहर की उत्तम स्टील और प्रयागराज की पंचम रियकॉन कंपनी शामिल है.

लखनऊ: हाईटेक टाउनशिप योजना के अंतर्गत बंद पड़ी परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. साथ ही आवास विकास विभाग ने निर्देश भी जारी कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 7 हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं को 3 महीने में शुरू करने के संबंध में विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं.

प्रमुख सचिव ने जारी किए निर्देश
आवास विकास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने 7 हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं को शुरू करने का निर्देश दिया है. 3 महीने के भीतर संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. इसको लेकर एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की गई है. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा कि संशोधित नीति के तहत उन परियोजनाओं को ही शुरू करने की छूट दी गई है, जो योजनाएं चल रही थीं और बीच में रुकी हुई थी.

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संशोधित नीति के तहत होगा काम
परियोजनाओं के लिए न्यूनतम सीमा पंद्रह सौ एकड़ क्षेत्रफल रखा गया है. जरूरत के आधार पर कम करने का अधिकार उच्च स्तरीय समिति को होगा. बिल्डरों को परियोजना पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय लेने के एवज में 80 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से विस्तार शुल्क देने की भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए 5 साल का समय दिया जाएगा.

गिरवी रखनी पड़ेगी 25 फीसद जमीन
परियोजना के अंतर्गत अन्य विकास कार्यों की प्रगति के अनुपात में मूलभूत सुविधाओं का भी विकास बिल्डरों को करना होगा. इसी प्रकार बिल्डरों को परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में भी 25 फीसद जमीन गिरवी रखनी पड़ेगी. यदि कोई बिल्डर काम अधूरा छोड़ता है तो परफॉर्मेंस गारंटी ग्रुप में बंधक रखी जमीन को बेचकर परियोजना को पूरा किया जाएगा. बिल्डरों की सहूलियत के लिए यह भी प्रावधान किया गया है कि परियोजना को पूरा करने के लिए बिल्डर ऐसी भूमि का भी उपयोग कर सकता है, जो बिल्डर के स्वामित्व में हो और परियोजना क्षेत्र से सटी हो.

परियोजनाओं के नाम
हाईटेक टाउनशिप योजना के अंतर्गत 7 परियोजनाओं को शुरू करने को लेकर 7 महीने का समय दिया गया है. इनमें लखनऊ की अंसल प्रॉपर्टी, लखनऊ की गर्व बिल्टेक, गाजियाबाद की उप्पल चड्ढा, गाजियाबाद की सनसिटी, मथुरा की सनसिटी, बुलंदशहर की उत्तम स्टील और प्रयागराज की पंचम रियकॉन कंपनी शामिल है.

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