लखनऊ : पर्यटन विभाग ने पूरे प्रदेश में उन मंदिरों व धार्मिक स्थलों के विकास की एक परियोजना की शुरूआत की है, जहां साल भर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक आते हैं. ऐसे धार्मिक स्थलों का पर्यटन के लिहाज से विकास किया जाना है. इसके तहत पर्यटन विभाग और उन विधानसभा के विधायक भी अपनी निधि से इन धार्मिक स्थलों का भी निर्माण कर सकते हैं. पर्यटन विभाग ने ऐसे सभी 403 विधानसभा में पहले चरण में एक-एक मंदिर का चुनाव पूरा कर लिया है. जिनको पर्यटकों की दृष्टि से अगले एक साल में विकसित किया जाएगा. इस योजना के तहत पहले चरण में कुल 68 विधानसभाओं में एक-एक मंदिरों का चयन किया गया है.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत प्रदेश के सभी विधानसभा में एक पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे. इसके तहत पहले चरण में 38 प्रस्ताव को मंजूरी मिली है, इसकी शुरुआत लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर से किया जा रहा है. पर्यटन मंत्री ने बताया कि सभी विधानसभाओं में ऐसे धार्मिक स्थलों का चयन किया जा रहा है, जहां पर दर्शन पूजन के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं. यहां पर्यटकों का भी आना-जाना रहता है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत इनका विकास किया जाएगा. इस योजना के तहत 50% राशि राज्य सरकार और 50% राशि मंदिर ट्रस्ट या विधायक व सांसद प्रतिनिधि अपने कोर्स से कर सकते हैं.'
उन्होंने बताया कि 'इस योजना के लिए जरूरी नहीं कि केवल जनप्रतिनिधि ही पैसा देंगे. इसके तहत सक्षम व्यक्ति अथवा संस्था या संगठन भी प्रस्तावक बन सकता है. उन्होंने बताया कि पूरे कार्य पर खर्च होने वाली राशि का 50% कोई भी व्यक्ति अपने पास से दे सकता है. उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक विधानसभा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थलों का चयन कर पर्यटक स्थलों के तौर पर विकसित करना है. इससे वहां पर उच्च स्तरीय पर्यटन स्थल तो बनेगा ही साथ ही पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी और पर्यटन सेवा से जुड़े उद्योग और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लोग भी वहां आ सकते हैं.'
दूसरे चरण में 150 से अधिक मंदिरों का किया जाएगा चयन : मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'इस योजना के तहत अगले वित्तीय वर्ष में डेढ़ सौ से अधिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों की पहचान की जाएगी. उनका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद उन्हें भी अगले एक साल में टूरिस्ट की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार के दूसरे कार्यकाल में हर विधानसभा में एक धार्मिक स्थल या मंदिर को टूरिस्ट प्लेस के तौर पर विकसित करने का लक्ष्य है. जिससे प्रदेश में पर्यटन की क्षेत्र में बढ़ावा मिलने के साथ ही वहां के लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो.'