लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऑपरेशनल होटल और रिसॉर्ट के स्टार वर्गीकरण की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. विभाग की तरफ से एक स्टार वर्गीकरण प्रणाली को शुरू किया गया है. इस नई वर्गीकरण प्रणाली का उद्देश्य राज्य में अधिक होटल कमरों की उपलब्धता, बेहतर सुविधाओं के साथ हॉस्पिटैलिटी उद्योग में सुधार के साथ ही होटल और रिसॉर्ट को उद्योग के बराबर सब्सिडी और प्रोत्साहन देना है. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी. इस अवसर पर उन्होंने नए स्टार वर्गीकरण पोर्टल का भी उद्घाटन किया. इस अवसर पर विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम सहित पर्यटन विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे.
पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी जानकारी : प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि 'नई संशोधित वर्गीकरण प्रणाली में पांच अलग-अलग श्रेणियां तय की गई हैं. जिसमें प्लेटिनम, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज कैटिगरी निर्धारित की गई है. उन्होंने बताया कि प्लैटिनम कैटेगरी के होटल को फाइव स्टार, डायमंड कैटेगरी के होटल को फोर स्टार, गोल्ड कैटेगरी के होटल को तीन स्टार, सिल्वर कैटेगरी के होटल को टू स्टार, ब्रॉन्ज कैटेगरी के होटल को एक स्टार की रेटिंग होगी. उन्होंने बताया कि नई स्टार वर्गीकरण प्रणाली में हिस्सा लेने और अधिक जानकारी के लिए पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.uptourism.gov.in पर जाकर देख सकते हैं.'
विभाग की ओर से निर्धारित की गई फीस : प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'इस वर्गीकरण को प्राप्त करने के लिए विभाग की ओर से कुछ फीस भी निर्धारित की गई है, जिसके तहत प्लैटिनम कैटेगरी के लिए ₹15000 शुल्क निर्धारित किया गया है, जबकि डायमंड कैटेगरी के लिए ₹12000 गोल्ड कैटेगरी के लिए ₹8000 सिल्वर कैटेगरी के लिए ₹6000 और ब्रांज कैटेगरी के लिए ₹5000 शुल्क देना होगा. प्रमुख सचिव ने बताया कि एक बार जब कोई भी इस वर्गीकरण के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर देगा, उसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी) में न्यू स्टार होटल कर्मी की क्रिया प्रणाली को देखने के लिए नोडल एजेंसी होगी.'
नए होटल खोलने वालों को मिलेगी 25% सब्सिडी : प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'कोई भी होटल व्यवसायी अगर नया होटल बनाता है और वह वर्गीकरण के लिए हमारे पास आता है तो उसे विभाग की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी. साथ ही उस संपत्ति पर जो कमर्शियल दर पर 6 गुणा अधिक देना होता था, उसे तीन गुना ही देना होगा, जबकि जलकर और सीवर कर भी उसे आधा ही देना होगा. इसके अलावा भविष्य में पर्यटन विभाग की गई और तरह की सुविधाओं उन्हें देने पर विचार कर रहा है. मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'इसके अलावा सब्सिडी के तौर पर होटल व्यवसाइयों को अधिकतम 25% सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी, वहीं अगर कोई अनुसूचित जाति का और महिला होटल निर्माण व्यवसाय के क्षेत्र में आता है तो उसे 5% अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा सरकार अधिकतम 40 करोड़ रुपए की सब्सिडी किसी भी होटल व्यवसाय को एक बार में देगी, चाहे वह कितना भी बड़ा प्रोजेक्ट ही क्यों न बन रहा हो.