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केजीएमयू का 119वां स्थापना दिवस : मेडल पाकर मेधावियों के खिले चेहरे, बोले- 'हमारा जो सपना था वह साकार हुआ'

राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का 119वां स्थापना दिवस (119th foundation day of kgmu) समारोह शनिवार को धूमधाम से मनाया गया. इसमें 63 मेधावियों को मेडल से नवाजा गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 23, 2023, 6:35 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू का 119वां स्थापना दिवस और अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट 2023 का समापन शनिवार को हुआ. इस कार्यक्रम में करीब 42 देशों के 900 से अधिक एल्युमिनाई शामिल हुए थे. इसके अलावा विश्वविद्यालय के टॉपर्स को सम्मानित किया गया. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान टॉपर्स ने कहा कि 'हमारा जो सपना था वह साकार हुआ है. गोल्ड मेडल से सम्मानित होकर चेहरे खिल उठे. इसके अलावा जॉर्जियंस एल्युमिनाई से इन दो दिनों में बहुत कुछ सीखने को मिला है. इस अवसर पर डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर व 63 मेधावियों को सम्मानित किया गया है.'

मानसी सिंह
मानसी सिंह





बीडीएस सेकंड ईयर कि मानसी सिंह ने कहा कि 'बीडीएस सेकंड ईयर में टॉपर होने एक गोल्ड व दो सिल्वर मिले हैं. मैं मूलरूप से गोंडा की रहने वाली हूं. पिता भारत सिंह एक निजी कंपनी में मैनेजर, मां अनुपमा गृहिणी हैं. भाई रितेश ने बीटेक किया है. मेरा मानना है कि मन लगाकर पढ़ाई करने से हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है. मानसी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों में हमें हमारे सीनियर से मिलने का सुनहरा मौका मिलता है. इसे हमें बहुत सारी चीज सीखने को मिलती है.'

ध्रुवतिका जादव
ध्रुवतिका जादव



ध्रुवतिका जादव ने कहा कि 'वह गुजरात के दादर शहर की हैं. मां गीता गृहिणी और पिता मुकेश जादव शुगर फैक्ट्री में कार्यरत हैं. अभी नीट की तैयारी कर रही हूं. आगे एमबीबीएस केजीएमयू से ही करना है. अभी बीडीएस में एक गोल्ड व एक सिल्वर मिला है. मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ ही रिवीजन करने से सफलता मिलती है. ध्रुवतिका ने कहा कि इस कार्यक्रम में बहुत अच्छा लगा. केजीएमयू के फर्स्ट बैच के स्टूडेंट्स से हमें मिलने का मौका मिला, जो हमारे सीनियर्स हैं. उन्होंने हमें अच्छा गाइडेंस दिया.

नेहा आचार्या
नेहा आचार्या


बीएमएस की पढ़ाई कर रही नेहा आचार्या को बीएमएस में गोल्ड मिला है. उन्होंने बताया कि 'पिता ऋषिकेश आचार्या निजी कंपनी में कार्यरत हैं, मां टीचर हैं. आगे हमें पीजी करनी है, जिसकी तैयारी कर रही हूं. इस मेडल का सबसे ज्यादा श्रेय हमारे टीचरों को जाता है. मेरा मानना है कि डॉक्टर का पेशा आय से ज्यादा सेवा भाव का होता है. नेहा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट-2023 में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है. हमारे सीनियर्स से हमें बहुत जानकारी मिली है. वो किस तरह से पढ़ाई करते थे, कैसे आगे की जर्नी को पूरा किया. यह सब कुछ जानने का मौका मिला.'

अंशिका खन्ना
अंशिका खन्ना



अंशिका खन्ना को तीन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. अपने बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 'एमबीबीएस थर्ड ईयर में हूं. हमें तीन गोल्ड मिले हैं. पिता शरद खन्ना बैंक कर्मचारी व मां दीपाली गृहिणी हैं. आगे हमें पीजी करना है. मैं अपने परिवार की पहली डॉक्टर हूं. मुझे डॉक्टर बनाने का सपना मेरे माता-पिता का है. अंशिका ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है. हमारी सीनियर्स ने हमें नई-नई चिकित्सा पद्धतियों के बारे में बताया है जो हम भविष्य में मरीज के इलाज के दौरान इस्तेमाल करेंगे.'

संयुक्ता गौतम
संयुक्ता गौतम



केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में इंटर्न कर रही संयुक्ता गौतम ने बातचीत के दौरान बताया कि 'सम्मानित होकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. संयुक्त ने कहा कि मेरी मां हमेशा चाहती थी कि मैं भविष्य में एक डॉक्टर बनूं और मरीजों की सेवा करूं. आज मैंने अपनी मां के सपनों को साकार किया है. जिससे मुझे बहुत खुशी हो रही है. इस कार्यक्रम में बहुत कुछ सीखने को भी मिला है. इस समय मैं इंटर्न कर रही हूं. ऐसे में जितनी चीज मुझे सीखने को मिलती है वह सब मुझे कम लगती है. यहां पर हमारे सीनियर्स आए हुए हैं, जो देश-विदेश से हैं, उनसे विभिन्न देशों के चिकित्सा व्यवस्था को भी जानने का मौका मिल रहा है.'

यह भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय जाॅर्जियन एल्युमिनाई मीट 2023 : KGMU में जॉर्जियंस ने साझा की यादें, खूब लगे ठहाके

यह भी पढ़ें : जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट, त्रिपुरा के सीएम प्रो. माणिक साहा बोले- लखनऊ में गुजरा जीवन का सबसे सुनहरा वक्त

लखनऊ : केजीएमयू का 119वां स्थापना दिवस और अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट 2023 का समापन शनिवार को हुआ. इस कार्यक्रम में करीब 42 देशों के 900 से अधिक एल्युमिनाई शामिल हुए थे. इसके अलावा विश्वविद्यालय के टॉपर्स को सम्मानित किया गया. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान टॉपर्स ने कहा कि 'हमारा जो सपना था वह साकार हुआ है. गोल्ड मेडल से सम्मानित होकर चेहरे खिल उठे. इसके अलावा जॉर्जियंस एल्युमिनाई से इन दो दिनों में बहुत कुछ सीखने को मिला है. इस अवसर पर डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर व 63 मेधावियों को सम्मानित किया गया है.'

मानसी सिंह
मानसी सिंह





बीडीएस सेकंड ईयर कि मानसी सिंह ने कहा कि 'बीडीएस सेकंड ईयर में टॉपर होने एक गोल्ड व दो सिल्वर मिले हैं. मैं मूलरूप से गोंडा की रहने वाली हूं. पिता भारत सिंह एक निजी कंपनी में मैनेजर, मां अनुपमा गृहिणी हैं. भाई रितेश ने बीटेक किया है. मेरा मानना है कि मन लगाकर पढ़ाई करने से हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है. मानसी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों में हमें हमारे सीनियर से मिलने का सुनहरा मौका मिलता है. इसे हमें बहुत सारी चीज सीखने को मिलती है.'

ध्रुवतिका जादव
ध्रुवतिका जादव



ध्रुवतिका जादव ने कहा कि 'वह गुजरात के दादर शहर की हैं. मां गीता गृहिणी और पिता मुकेश जादव शुगर फैक्ट्री में कार्यरत हैं. अभी नीट की तैयारी कर रही हूं. आगे एमबीबीएस केजीएमयू से ही करना है. अभी बीडीएस में एक गोल्ड व एक सिल्वर मिला है. मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ ही रिवीजन करने से सफलता मिलती है. ध्रुवतिका ने कहा कि इस कार्यक्रम में बहुत अच्छा लगा. केजीएमयू के फर्स्ट बैच के स्टूडेंट्स से हमें मिलने का मौका मिला, जो हमारे सीनियर्स हैं. उन्होंने हमें अच्छा गाइडेंस दिया.

नेहा आचार्या
नेहा आचार्या


बीएमएस की पढ़ाई कर रही नेहा आचार्या को बीएमएस में गोल्ड मिला है. उन्होंने बताया कि 'पिता ऋषिकेश आचार्या निजी कंपनी में कार्यरत हैं, मां टीचर हैं. आगे हमें पीजी करनी है, जिसकी तैयारी कर रही हूं. इस मेडल का सबसे ज्यादा श्रेय हमारे टीचरों को जाता है. मेरा मानना है कि डॉक्टर का पेशा आय से ज्यादा सेवा भाव का होता है. नेहा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जॉर्जियन एल्युमिनाई मीट-2023 में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है. हमारे सीनियर्स से हमें बहुत जानकारी मिली है. वो किस तरह से पढ़ाई करते थे, कैसे आगे की जर्नी को पूरा किया. यह सब कुछ जानने का मौका मिला.'

अंशिका खन्ना
अंशिका खन्ना



अंशिका खन्ना को तीन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. अपने बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 'एमबीबीएस थर्ड ईयर में हूं. हमें तीन गोल्ड मिले हैं. पिता शरद खन्ना बैंक कर्मचारी व मां दीपाली गृहिणी हैं. आगे हमें पीजी करना है. मैं अपने परिवार की पहली डॉक्टर हूं. मुझे डॉक्टर बनाने का सपना मेरे माता-पिता का है. अंशिका ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है. हमारी सीनियर्स ने हमें नई-नई चिकित्सा पद्धतियों के बारे में बताया है जो हम भविष्य में मरीज के इलाज के दौरान इस्तेमाल करेंगे.'

संयुक्ता गौतम
संयुक्ता गौतम



केजीएमयू के मेडिसिन विभाग में इंटर्न कर रही संयुक्ता गौतम ने बातचीत के दौरान बताया कि 'सम्मानित होकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. संयुक्त ने कहा कि मेरी मां हमेशा चाहती थी कि मैं भविष्य में एक डॉक्टर बनूं और मरीजों की सेवा करूं. आज मैंने अपनी मां के सपनों को साकार किया है. जिससे मुझे बहुत खुशी हो रही है. इस कार्यक्रम में बहुत कुछ सीखने को भी मिला है. इस समय मैं इंटर्न कर रही हूं. ऐसे में जितनी चीज मुझे सीखने को मिलती है वह सब मुझे कम लगती है. यहां पर हमारे सीनियर्स आए हुए हैं, जो देश-विदेश से हैं, उनसे विभिन्न देशों के चिकित्सा व्यवस्था को भी जानने का मौका मिल रहा है.'

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