लखनऊ : राजधानी में शनिवार को अमीनाबाद रोड स्थित न्यू गणेशगंज में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर छ्ह दिवसीय डिजिटल मूविंग जन्माष्टमी झांकियां प्रदर्शित की जा रही हैं. कृष्ण झांकी के तीसरे दिन गाय माता के महत्व को बताया गया.
कार्यक्रम संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि 'जन्माष्टमी झांकियों की श्रृंखला में तीसरे दिन की कृष्ण लीला में बृजवासियों को गौ प्रदक्षिणा (गाय की परिक्रमा) का महत्व बताया. बताया गया कि गौ माता में तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं का वास है. इनकी पूजा, अर्चना एवं परिक्रमा करने से समस्त पापों का नाश होता है. गौ माता का दूध अमृत तूल्य होता है. विश्व में गऊ ही एक ऐसा प्राणी है, जिनके मल की पूजा होती है. गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है. गौ माता के दूध, दही, घी, गोबर व मूत्र अर्थात पंचगव्य से भयंकर से भयंकर रोग दूर हो जाते हैं, बुद्धि निर्मल होती है. चेहरे पर क्रांति आ जाती है. गऊ माता को चलता फिरता मंदिर व चिकित्सालय कहते हैं.'
झांकियां और मनमोहक दृश्य से सजा दरबार : वहीं अन्य झांकियों में झूला झूलते राधा कृष्ण, श्रीराम जन्म भूमि मंदिर अयोध्या का भव्य मॉडल, सीना चीरते हनुमानजी, नटखट कान्हा को दूध पिलाती पूतना, 20 फुट का शिवलिंग, बंदर नचाता मदारी, सांप का नृत्य दिखाता सपेरा, लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. सभी झाकियों में बिजली से चलने वाली प्रतिमाओं और लाइट एंड साउंड के इफेक्ट के माध्यम से जीवंत दिखाया गया. सेल्फी दीवानों के लिए चंद्रयान 3 की प्रदर्शनी के साथ सेल्फी लेकर लोग आनंद उठा रहे थे. इस बार झांकी स्थल पर सड़क के दोनों ओर 15 फुट ऊंचा हाथी दांत का भव्य द्वार दूधिया रोशनी से जगमगा रहा था. नाका चौराहा से लेकर न्यू गणेशगंज तक लगने वाले इस मेले में सड़क के दोनों तरफ विशालकाय प्रवेश द्वारों पर कोलकाता की एलईडी लाइटिंग पैनलों से सुशोभित किया गया. इन लाइटिंग पैनलों पर कान्हा की विविध लीलाओं के उकेरे गए स्वचालित चित्र रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहे थे.