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ज्येष्ठ माह का पहला 'बड़ा मंगल' आज, मंदिर में नजर नहीं आए भक्त

आज से ज्येष्ठ माह के पहले 'बड़ा मंगल' की शुरुआत हुई है, लेकिन लॉकडाउन का असर बड़ा मंगल पर भी दिख रहा है. हजारों की संख्या में पहुंचने वाले भक्त मंदिर में नजर नहीं आए.

today is first bada mangal of jyeshtha masam
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Published : May 12, 2020, 4:41 PM IST

लखनऊ: आज से ज्येष्ठ माह के 'बड़ा मंगल' की शुरुआत हुई है. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु हनुमान मंदिर पहुंचते हैं और बड़े ही धूमधाम से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन का असर ज्येष्ठ माह के 'बड़ा मंगल' पर भी दिखा. राजधानी लखनऊ में मंदिर में एक भी भक्त नजर नहीं आए.

ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार आज.

बता दें कि अवध प्रांत में ज्येष्ठ के 'बड़ा मंगल' का विशेष महत्व है. बड़ा मंगल पर बड़े धूमधाम से हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग यहां बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे.

महीने भर होता है भंडारे का आयोजन
बड़ा मंगल पर हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना की प्रथा सदियों से चली आ रही है. लखनऊ के आसपास के शहरों की अगर बात की जाए तो यहां भी धूमधाम से बड़ा मंगल की शुरुआत होती है. इसके तहत महीने तक भंडारे का आयोजन किया जाता है. कोरोना काल में इस बार सभी मंदिर सूने पड़े हैं.

लखनऊ से करीब 30 किलोमीटर दूर मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले उत्तरावां गांव में एक सिद्ध पीठ है, जिसकी स्थापना 317 साल पहले महंत जगन्नाथ दास ने की थी. मंदिर के पुजारी का कहना है कि 317 साल पहले महंत जगन्नाथ दास राजस्थान के चूरु से यहां आए थे. इसी स्थान पर महंत जगन्नाथ दास ने तपस्या के समय गाय के गोबर और मिट्टी से हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी. तभी से यह सिद्ध पीठ कहलाता है. यहां भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

घर-घर भेजा जाएगा प्रसाद
वहीं मंदिर संचालक ने बताया कि आम दिनों में यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. दिनभर भंडारा चलता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से प्रतीकात्मक रूप से पूजा की जा रही है. इस प्रसाद को घर-घर भेजने की तैयारी की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: मालगाड़ी की चपेट में आने से युवक की मौत

लखनऊ: आज से ज्येष्ठ माह के 'बड़ा मंगल' की शुरुआत हुई है. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु हनुमान मंदिर पहुंचते हैं और बड़े ही धूमधाम से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन का असर ज्येष्ठ माह के 'बड़ा मंगल' पर भी दिखा. राजधानी लखनऊ में मंदिर में एक भी भक्त नजर नहीं आए.

ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार आज.

बता दें कि अवध प्रांत में ज्येष्ठ के 'बड़ा मंगल' का विशेष महत्व है. बड़ा मंगल पर बड़े धूमधाम से हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग यहां बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे.

महीने भर होता है भंडारे का आयोजन
बड़ा मंगल पर हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना की प्रथा सदियों से चली आ रही है. लखनऊ के आसपास के शहरों की अगर बात की जाए तो यहां भी धूमधाम से बड़ा मंगल की शुरुआत होती है. इसके तहत महीने तक भंडारे का आयोजन किया जाता है. कोरोना काल में इस बार सभी मंदिर सूने पड़े हैं.

लखनऊ से करीब 30 किलोमीटर दूर मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले उत्तरावां गांव में एक सिद्ध पीठ है, जिसकी स्थापना 317 साल पहले महंत जगन्नाथ दास ने की थी. मंदिर के पुजारी का कहना है कि 317 साल पहले महंत जगन्नाथ दास राजस्थान के चूरु से यहां आए थे. इसी स्थान पर महंत जगन्नाथ दास ने तपस्या के समय गाय के गोबर और मिट्टी से हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी. तभी से यह सिद्ध पीठ कहलाता है. यहां भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं.

घर-घर भेजा जाएगा प्रसाद
वहीं मंदिर संचालक ने बताया कि आम दिनों में यहां हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. दिनभर भंडारा चलता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से प्रतीकात्मक रूप से पूजा की जा रही है. इस प्रसाद को घर-घर भेजने की तैयारी की जा रही है.

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