लखनऊः अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुनाए जाने में बस अब कुछ घंटे ही शेष बचे हैं. राजधानी लखनऊ की पुरानी हाई कोर्ट बिल्डिंग स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव के दिशा निर्देशन में 28 साल से चले आ रहे इस हाई प्रोफाइल केस का ऑर्डर टाइप हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, विनय कटियार, साध्वी उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा सहित 32 आरोपियों के भाग्य का फैसला टाइप हो चुका है. बस इंतजार है तो सिर्फ सुबह 10:30 बजे कोर्ट के चेंबर में जज सुरेंद्र यादव द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने का.
28 साल लगे सुनवाई में
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई पूरी होने में करीब 28 साल लग गए. अब वह समय आ गया है, जब इस हाईप्रोफाइल और कानूनी इतिहास के सबसे लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे का फैसला सुनाए जाए. पिछले 28 सालों से चल रहे इस मुकदमे का फैसला सीबीआई के विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव बुधवार को सुबह 10:30 बजे सुनाएंगे.
फैसला सुनाए जाने के समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास कोर्ट परिसर में उपस्थित नहीं रहेंगे. यह लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनेंगे तो वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम मंदिर आंदोलन के नायक रहे विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, पवन पांडे, राम विलास वेदांती, साक्षी महाराज सहित कई अन्य अभियुक्त कोर्ट में जज के सामने फैसला सुनेंगे.
इस पूरे घटनाक्रम और कोर्ट में फैसला सुनाए जाने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है. भारी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स और अन्य पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.
354 गवाह किए गए पेश
इस हाई प्रोफाइल केस में सीबीआई कोर्ट में सीबीआई की तरफ से 354 गवाह पेश किए गए थे और इनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस की थी. कानूनी प्रक्रिया पूरी होते हुए अब इस मुकदमे के फैसले की तारीख नजदीक आ चुकी है. पिछले 16 सितंबर को जज सुरेंद्र यादव ने 30 सितंबर को फैसला सुनाए जाने की तारीख निर्धारित की थी. कोर्ट ने अभियुक्तों को फैसला सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में पेश रहने के लिये कहा था. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास स्वास्थ्य कारणों और आयु के चलते कोर्ट के सामने उपस्थित नहीं हो सकेंगे.
सूत्रों के अनुसार अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाए जाने के चलते इन लोगों को कस्टडी में लेने और जेल में भेजे जाने को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन की तरफ से एक अस्थाई जेल भी बनाए जाने की बात कही जा रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस हाई प्रोफाइल केस में 28 साल बाद क्या कुछ फैसला आता है, जिस पर देश-दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं.
ये आरोपी हैं जीवित
जीवित आरोपियों में पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी उमा भारती, कल्याण सिंह, साध्वी ऋतंभरा, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन शुक्ला, महंत धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, पवन पांडे, ओमप्रकाश पांडे, आरएम श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, ब्रजभूषण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, लल्लू सिंह, जय भान सिंह व सतीश प्रधान शामिल हैं.
इनकी हो चुकी है मौत
रामचंद्र परमहंस दास, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, डीबी रॉय, लक्ष्मी नारायण दास, हरगोविंद सिंह, रमेश प्रताप सिंह, देवेंद्र बहादुर राय, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हर डालमिया, मोरेश्वर सावे, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, सतीश कुमार नागर व बाला साहब ठाकरे.