लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रसूखदार बिल्डरों प्रशासनिक अधिकारियों बड़े अस्पतालों और स्कूल संचालकों के अवैध निर्माण को छिपाने के लिए नया रास्ता अख्तियार कर लिया है. विकास प्राधिकरण के बड़े अफसरों ने यह आदेश किया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में जिन इमारतों को सील किया जाएगा. उनके मालिकों के नाम मीडिया को नहीं बताए(Seal building builders name) जाएंगे. इसलिए इस संबंध में जो विज्ञप्ति एलडीए की ओर से जारी हो रही है उसमें केवल यह बताया जा रहा है कि किस जोन में कितने अवैध निर्माण सील किए गए हैं. जबकि कौन सा अवैध निर्माण किया गया और वह जमीन किसके नाम है यह नहीं बताया जा रहा है. जिससे यह स्पष्ट है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों की नीयत में खोट है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से जो विज्ञप्ति जारी की गई है उसमें तहरीर किया गया है कि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा सोमवार को प्रवर्तन जोन के जोनल अधिकारियों / विहित प्राधिकारियों तथा अभियंताओं को शहर में भू-उपयोग के विरूद्ध निर्मित किए जा रहे अवैध निर्माणों को तत्काल सील किये जाने के आदेशों के क्रम में आज विभिन्न जोनों में सीलिंग की व्यापक कार्यवाही की गई.
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इस विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रवर्तन टीम द्वारा आज बुधवार को शहर भर में अभियान चलाकर कुल 31 अवैध निर्माण सील किये गये. इस क्रम में जोन-1 में 8, जोन-2 में 5, जोन-3 में 4, जोन-4 में 6, जोन-5 में 1, जोन-6 में 4 तथा जोन-7 में 3 अवैध निर्माणों के विरूद्ध सीलिंग की कार्यवाही की गई. इसी तरह से मंगलवार को भी 45 अवैध निर्माण सील किए गए थे जिसमें बिल्डरों के नाम और पते नहीं दिए गए थे. एलडीए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय आदेश के बाद नाम और पते दिया जाना बंद कर दिया गया है. सूची में कई बड़े आईएएस अफसर नामी स्कूल संचालक अस्पताल माफिया और कुछ प्रख्यात राजनेता भी शामिल हैं. गोलमाल किया जा रहा है.
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