लखनऊ: राजधानी स्थित लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद उम्मीद थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ सकी हैं. ऐसे में अब लोहिया संस्थान ने निर्णय लिया है कि लोहिया अस्पताल में बनी इमरजेंसी सेवाओं को तीन जोन में बांटा जाएगा. इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही यह प्रारूप लोहिया संस्थान के लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में लागू कर दिया जाएगा.
संस्थान में बनाए गए रेड, ग्रीन और येलो जोन
अस्पताल के इमरजेंसी में रेड, ग्रीन और येलो जोन बनाए गए हैं. इसके तहत अब अति गंभीर मरीजों को रेड जोन में भर्ती किया जाएगा. वहीं येलो जोन में गंभीर और ग्रीन जोन में खतरे से बाहर वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा. यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से अलग-अलग विभागों में बांटकर उनको बेहतर उपचार दिया जा सके.
वर्तमान में यहां पर 44 बेड की इमरजेंसी है. जल्द ही इसे 64 बेड की इमरजेंसी में तब्दील किया जाएगा और पूर्व से निर्धारित वेटिंग एरिया में कैजुअल्टी वार्ड बना दिया गया है. यहां पर 6 बेड डाल दिए गए हैं. वहीं कुछ दिन बाद इसे भी 20 बेड का कर दिया जाएगा. वहीं तीमारदारों के लिए बने वेटिंग एरिया को औषधि भंडार के पास बना दिया गया है.
अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए अब मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा. अब पोर्टेबल मशीन के जरिए मरीज की बेड पर सभी जांचें की जाएंगी. वहीं दिल के मरीजों के लिए 2D इको जांच भी अब 24 घंटे होगी, जिससे दिल के मरीजों को काफी राहत मिलेगी.