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लखनऊ: लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में बनेंगे 3 जोन, मिलेगा बेहतर इलाज - emergency service implemented in lohia hospital

प्रदेश की राजधानी स्थित लोहिया संस्थान में मिलने वाली इमरजेंसी सेवाओं को तीन जोन में बांटा जाएगा. अस्पताल के इमरजेंसी में रेड, ग्रीन और येलो जोन बनाए गए हैं. इसके तहत अब अति गंभीर मरीजों को रेड जोन में भर्ती किया जाएगा.

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लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में बनेंगे 3 जोन.
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Published : Jan 21, 2020, 11:12 AM IST

लखनऊ: राजधानी स्थित लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद उम्मीद थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ सकी हैं. ऐसे में अब लोहिया संस्थान ने निर्णय लिया है कि लोहिया अस्पताल में बनी इमरजेंसी सेवाओं को तीन जोन में बांटा जाएगा. इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही यह प्रारूप लोहिया संस्थान के लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में लागू कर दिया जाएगा.

लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में बनेंगे 3 जोन.

संस्थान में बनाए गए रेड, ग्रीन और येलो जोन

अस्पताल के इमरजेंसी में रेड, ग्रीन और येलो जोन बनाए गए हैं. इसके तहत अब अति गंभीर मरीजों को रेड जोन में भर्ती किया जाएगा. वहीं येलो जोन में गंभीर और ग्रीन जोन में खतरे से बाहर वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा. यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से अलग-अलग विभागों में बांटकर उनको बेहतर उपचार दिया जा सके.

वर्तमान में यहां पर 44 बेड की इमरजेंसी है. जल्द ही इसे 64 बेड की इमरजेंसी में तब्दील किया जाएगा और पूर्व से निर्धारित वेटिंग एरिया में कैजुअल्टी वार्ड बना दिया गया है. यहां पर 6 बेड डाल दिए गए हैं. वहीं कुछ दिन बाद इसे भी 20 बेड का कर दिया जाएगा. वहीं तीमारदारों के लिए बने वेटिंग एरिया को औषधि भंडार के पास बना दिया गया है.

अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए अब मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा. अब पोर्टेबल मशीन के जरिए मरीज की बेड पर सभी जांचें की जाएंगी. वहीं दिल के मरीजों के लिए 2D इको जांच भी अब 24 घंटे होगी, जिससे दिल के मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

लखनऊ: राजधानी स्थित लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद उम्मीद थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ सकी हैं. ऐसे में अब लोहिया संस्थान ने निर्णय लिया है कि लोहिया अस्पताल में बनी इमरजेंसी सेवाओं को तीन जोन में बांटा जाएगा. इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही यह प्रारूप लोहिया संस्थान के लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में लागू कर दिया जाएगा.

लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में बनेंगे 3 जोन.

संस्थान में बनाए गए रेड, ग्रीन और येलो जोन

अस्पताल के इमरजेंसी में रेड, ग्रीन और येलो जोन बनाए गए हैं. इसके तहत अब अति गंभीर मरीजों को रेड जोन में भर्ती किया जाएगा. वहीं येलो जोन में गंभीर और ग्रीन जोन में खतरे से बाहर वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा. यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से अलग-अलग विभागों में बांटकर उनको बेहतर उपचार दिया जा सके.

वर्तमान में यहां पर 44 बेड की इमरजेंसी है. जल्द ही इसे 64 बेड की इमरजेंसी में तब्दील किया जाएगा और पूर्व से निर्धारित वेटिंग एरिया में कैजुअल्टी वार्ड बना दिया गया है. यहां पर 6 बेड डाल दिए गए हैं. वहीं कुछ दिन बाद इसे भी 20 बेड का कर दिया जाएगा. वहीं तीमारदारों के लिए बने वेटिंग एरिया को औषधि भंडार के पास बना दिया गया है.

अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए अब मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा. अब पोर्टेबल मशीन के जरिए मरीज की बेड पर सभी जांचें की जाएंगी. वहीं दिल के मरीजों के लिए 2D इको जांच भी अब 24 घंटे होगी, जिससे दिल के मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

Intro:


लखनऊ के लोहिया संस्थान ने बीते दिनों लोहिया अस्पताल के विलय के बाद उम्मीद थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगे लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर ना आने के बाद अब लोहिया संस्थान ने निर्णय लिया है कि लोहिया अस्पताल में बनी इमरजेंसी में सेवाओं को 3 जोन में बांटने का फैसला हुआ है। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही यह प्रारूप लोहिया संस्थान के लोहिया अस्पताल वाली इमरजेंसी में प्रारूप लागू कर दिया जाएगा।




Body:राम मनोहर लोहिया संस्थान मे मर्जर के साथ ही अब नए इन्नोवेशन की शुरुआत भी हो गई है। अब अस्पताल के इमरजेंसी में रेड ,ग्रीन और यलो जोन बनाए गए हैं। इसके तहत अब अति गंभीर मरीजों को रेड जोन में भर्ती किया जाएगा।तो वही यलो जोन में गंभीर और ग्रीन जोन में खतरे से बाहर वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है। जिससे कि मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से अलग-अलग विभागों में बांटकर उनको बेहतर उपचार दिया जा सके। इसके साथ-साथ वर्तमान में यहां पर 44 बेड की इमरजेंसी है। जल्द ही इसे 64 बेड की इमरजेंसी में तब्दील किया जाएगा और पूर्व से निर्धारित वेटिंग एरिया में कैजुअल्टी वार्ड बना दिया गया है। यहां पर 6 बेड डाल दिए गए हैं। साथ ही साथ 20 बेड का इसे कर दिया जाएगा। तो वही तीमारदारों के लिए बने वेटिंग एरिया को औषधि भंडार के पास बना दिया गया है। जिससे कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में मिल पाए।

अल्ट्रासाउंड और एक्सरे के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान

इसी के साथ-साथ अब लोहिया संस्थान की इमरजेंसी जल्द ही अब एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा।अब पोर्टेबल मशीन के जरिए मरीज की तुरंत बेड पर ही यह सभी जांचे की जाएंगी। जिससे कि मरीज की पहचान भी अब तुरंत हो जाए करेगी तो वहीं दिल के मरीज के लिए 2D एको जांच भी अब 24 घंटे होगी। जिससे दिल के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

बाइट- डॉ भुवन तिवारी, चिकित्सा अधीक्षक, राम मनोहर लोहिया संस्थान




Conclusion:उम्मीद है आने वाले दिनों में राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान की इमरजेंसी भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यह सभी व्यवस्थाएं कारगर होगीजिससे कि मरीजों को बेहतर सेवा संस्थान के एमरजेंसी में भी मिल पाएंगी।

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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