लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को राज्य सड़क निधि प्रबंधन समिति की बैठक की. इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने 3000 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में छोटे-छोटे पुल, पुलियों और ग्रामीण संपर्क मार्गों के निर्माण को अधिकारी प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि पुल और पुलियों से लाखों लोगों को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में आसानी होती है और उन्हें लंबा रास्ता नहीं तय करना पड़ता. ऐसे में इन कामों को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
वर्ष 2020-21 के लिए राज्य सड़क निधि के अंतर्गत 3000 करोड़ रुपए के प्रस्तावित धनराशि का अनुमोदन किया गया है. इसमें लेखा शीर्षक 3054 मद में सड़कों के अनुरक्षण के लिए 1200 करोड रुपए तथा मार्गों पर विशेष मरम्मत और पुल पुलियों के पुनर्निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार लेखा शीर्षक 5054 मद में सड़कों के निर्माण पुनर्निर्माण एवं चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए 1500 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है. इसमें 1200 करोड़ रुपए 31 मार्च 2020 तक स्वीकृत चालू कार्यों के लिए हैं.
समय से धनराशि न खर्च करने और निर्माण कार्य न होने पर होगी कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पुल, पुलियों और संपर्क मार्गों आदि के सभी कार्य अपरिहार्य हैं. यह कार्य हर हाल में होने चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बारिश से पहले ज्यादा से ज्यादा निर्माण कार्य पूरे करा लिया जाएं. धनराशि का उपयोग समय से किया जाना सुनिश्चित किया जाए. धनराशि का समय से उपयोग न होने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
श्रमिकों को खूब मिले काम
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इन सभी कामों में अधिक से अधिक श्रमिकों को काम देना है. केवल श्रमिकों को ही नहीं बल्कि किसी कार्य विशेष में रक्षा विशेषज्ञ लोगों को भी काम देने में प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि कुशल श्रमिकों के कौशल और हुनर का सदुपयोग करके हम उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में कामयाब होंगे. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सड़कों और भवनों के निर्माण में सुझाव के आधार पर हमें निर्माण कार्यों में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना है जो सस्ती व सुलभ हो.