लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के एक चिकित्सक पर प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप है. वह निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. बीते दिनों एक मरीज के प्रोसीजर दौरान उसकी जान चली गई थी. परिजनों ने केजीएमयू के डॉक्टर समेत तीन पर मुकदमा दर्ज कराया था. केजीएमयू प्रोफेसर पर मुकदमा दर्ज होने बाद संस्थान में चर्चा का माहौल गर्म हो गया. वहीं केजीएमयू प्रशासन अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है.
राजाजीपुरम एलडीए कॉलोनी के रहने वाले राम खिलवान अवस्थी को फेफड़े में दिक्कत होने पर बीते दिनों ठाकुरगंज स्थित हेल्थ प्वाइंट हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाया था. डॉक्टर ने बताया कि फेफड़े में पानी व हवा भर गई है. जिसकी वजह से संक्रमण फैला है. इसके लिए प्रोसीजर करने की सलाह दी. परिजन डॉक्टर की बात पर राजी हो गए. डॉ. उत्तम संग मिलकर केजीएमयू प्रोफेसर ने प्रोसीजर किया. इसके बाद भी राम खेलावन को सांस लेने में दिक्कत कम नहीं हुई.
राम खेलावन की बेटी के अनुसार 19 अगस्त की रात करीब 7.30 बजे उनके पिता की तबीयत बिगड़ने लगी. वह डॉक्टरों से चेकअप करने के लिए कहती रही पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. काफी देर बाद डॉ. उत्तम आए और इंजेक्शन लगाने के कुछ ही देर बाद मरीज की मौत हो गई. घटना बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. आरोप है कि इसी बीच केजीएमयू प्रोफेसर व डॉ. उत्तम वहां से भाग निकले. पुलिस ने रामखेलावन की बेटी की तहरीर के आधार पर केजीएमयू प्रोफेसर समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है. केजीएमयू प्रोफेसर सर्जरी विभाग में तैनात हैं. वहीं पुलिस जरिए मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सीएमओ को भेजी गई है. सीएमओ की टीम ने दो डॉक्टर और टेक्नीशियन को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया है.
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