लखनऊ : राजधानी लखनऊ में डेंगू से पीड़ित मरीज अब सामने आने लगे हैं. हर साल अगस्त महीने के आखिरी से डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की चपेट में मरीज आने लगते हैं. नवंबर तक इस तरह के केस आते रहते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में बीते दिनों डेंगू के तीन नए मरीज मिले हैं. सीएमओ कार्यालय के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि 'इंदिरानगर में एक पुरुष, चंदरनगर में एक पुरुष और एनके रोड में एक महिला में डेंगू की पुष्टि हुई है. इन मरीजों को तीन-चार दिन से बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत थी. उन्होंने बताया कि लगभग 458 घरों एवं आस-पास सर्वेक्षण किया गया और कुल 10 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी की गई है.'
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि 'अगर बुखार तीन दिन से ज्यादा समय तक रहे तो चिकित्सक को दिखाएं. खुद से इलाज न करें. कई बार लोग बिना डाॅक्टर की सलाह के दवाओं का इस्तेमाल शुरू कर लेते हैं. डेंगू के मामले में यह खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा कि डेंगू में बुखार के कारण मरीज के शरीर में दर्द और अन्य परेशानियां होती हैं. इसके लिए मरीज दर्द निवारक दवाओं का सहारा लेते हैं. ये नाॅन एस्टेराडल एंटी इंफ्लामेंट्री दवाएं हैं. डेंगू में ये दवाएं ठीक नहीं हैं. इसके इस्तेमाल से आपके पेट में रक्त स्राव हो सकता है. डॉ. विक्रम ने कहा कि डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डरें नहीं, बल्कि तरल पदार्थ का खूब सेवन करें. इस दौरान व्यायाम न करें.'
डफरिन अस्पताल में डेंगू की जांच किट खत्म : वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) की ओपीडी में आ रहीं बुखार पीड़ित महिलाओं की डेंगू और मलेरिया जांच नहीं हो पा रही है. इसके लिए उन्हें बलरामपुर अस्पताल की पैथालाॅजी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ओपीडी में 50 से अधिक महिलाएं बुखार ग्रस्त आती हैं, जिनकी डेंगू और मलेरिया की जांच आवश्यक है, लेकिन जांच अस्पताल में नहीं हो पा रही है. डफरिन की सुपरिटेंडेंट इन चीफ (एसआइसी) डॉ. मधु गैरोला का कहना है कि 'भर्ती मरीजों की जांच में कोई परेशानी नहीं हो रही है. ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए डेंगू की जांच किट खत्म हो गई थी, इसके लिए सीएमओ कार्यालय से किट मंगाई गई है. शुक्रवार से डेंगू, मलेरिया की जांच फिर शुरू की जाएगी.'