लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई में लीवर ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट में भर्ती मरीज की पत्नी की मजबूरी का फायदा उठाते हुए ठग ने फोन कर खुद को डॉक्टर बताकर उससे हजारों रुपये ठग लिए. पीड़िता ने पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.
प्रयागराज की सलोरी निवासी स्वेता सिंह एसजीपीजीआई में अपने पति का लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए आई हैं. पीड़िता के पति पंकज पिछले 20 दिन से लिवर ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट में भर्ती हैं. पीड़िता के मुताबिक, बीते 7 मई को उनके पास एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को डॉ. पुनीत बताया और तीन यूनिट खून की आवश्यकता बताते हुए 8250 रुपये मांगे. बैंक बंद होने का हवाला देने पर कॉल करने वाले डॉक्टर ने ऑनलाइन पेमेंट करने का दबाव बनाया, जिस पर पीड़िता ने पेमेंट कर दिया.
पीड़िता के मुताबिक, थोड़ी देर बाद एक बार फिर उसी की कॉल आई और उसने पीड़िता को बताया कि उसके पति को एक एंटी डोज इंजेक्शन लगना है, जो उसकी जान बचा सकता है. फोन करने वाले ने बताया कि इंजेक्शन की कीमत 350000 है, जो सरकार भुगतान करेगी. लेकिन, एडवांस के रूप में 22 हजार 500 रुपये मरीज को देना होगा. पीड़िता ने पति की जान की खातिर एक बार फिर 22500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए.
यह भी पढ़ें: यूपी का ऐसा मेडिकल कॉलेज जहां इलाज तो दूर जांच तक नहीं हो पा रही
पीड़िता ने बताया कि दूसरे दिन जब उसी नंबर पर कॉल की गई तो वो बंद आ रहा था. शक होने पर सीनियर डॉक्टर कन्हैया लाल से पीड़िता ने बताया तो डॉक्टर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. यहां तक डॉयल 112 पर कॉल करने के बाद पुलिस की भी बात को सीनियर डॉक्टर अनसुना कर रहे थे. इसके बाद उसने थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. थाना प्रभारी पीजीआई ने बताया कि पीड़िता स्वेता ने खुद के साथ एसजीपीजीआई अस्तपाल में हुई ठगी के संबंध में तहरीर दी है. इसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप