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इस बार कैडर पर दिखेगी कांग्रेस की मेहरबानी, 280 सीटें कार्यकर्ताओं के नाम! - कांग्रेस की ताजी खबरें

विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं. वजह है कि इस बार कांग्रेस पार्टी दूसरे दलों से आए नेताओं के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को ज्यादा अहमियत देगी. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने 270 से 280 कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की है जिन पर दांव खेल सकती है.

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इस बार कैडर पर दिखेगी कांग्रेस की मेहरबानी.
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Published : Jan 9, 2022, 9:46 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 10:30 PM IST

लखनऊ: विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं. वजह है कि इस बार कांग्रेस पार्टी दूसरे दलों से आए नेताओं के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को ज्यादा अहमियत देगी. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने 270 से 280 कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की है जिन पर दांव खेल सकती है. उनके नाम पर उम्मीदवारी की मुहर लगा सकती है, ऐसा इसलिए भी संभव है क्योंकि इस बार कांग्रेस पार्टी ने अकेले दम ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं है. लिहाजा, कार्यकर्ताओं को पूरी तवज्जो पार्टी की तरफ से मिलने की उम्मीद है.




पिछले कई सालों की तुलना में कांग्रेस पार्टी से जुड़े समर्पित कार्यकर्ता इस बार ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं. आखिर खुश होंगे क्यों नहीं उनकी खुशी की वजह है कि इस बार उन्होंने पार्टी से चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोकी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार पार्टी उन्हें मायूस नहीं करेगी. कार्यकर्ताओं को यकीन इसलिए और भी ज्यादा है क्योंकि पार्टी के तमाम नेता जो अब तक अमूमन हर बार पार्टी का टिकट लेकर चुनाव लड़ते रहे हैं इस बार उन्होंने पार्टी से और पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब टिकट पाने वाले नेता ही दूसरी पार्टियों में चले गए हैं तो पार्टी अब कम से कम अपने समर्पित कार्यकर्ताओं पर ध्यान देगी. उन्होंने पार्टी को जो समय दिया है उसका प्रतिफल उन्हें मिलेगा.

यह भी एक बड़ी वजह

कई नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी ज्वाइन करने से तो कार्यकर्ताओं में टिकट मिलने की उम्मीद जागी ही है दूसरी एक और बड़ी वजह इस बार कांग्रेस का किसी अन्य पार्टी से गठबंधन न करना भी है. जब किसी दल से गठबंधन नहीं, लिहाजा अन्य दल से बड़े नेताओं के आने की संभावना भी खत्म. ऐसे में सभी 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी अपने ही प्रत्याशी उतारेगी, जिससे समर्पित कार्यकर्ता टिकट पाने में सफल हो सकते हैं.

महिलाओं की होगी चांदी

इस बार के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ी जिन महिलाओं ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की है उनकी चांदी जरूर हो जाएगी. वजह है कि प्रियंका गांधी ने सीधे तौर पर 40 फीसद टिकट महिलाओं के लिए ही आरक्षित कर दी हैं. ऐसे में 161 महिलाओं को तो टिकट मिलना ही है जिनमें कांग्रेस पार्टी से जुड़ीं तमाम महिला नेता और कार्यकर्ता टिकट पाने में जरूर सफल हो जाएंगी. वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहीं समर्पित महिलाओं को इस बार पार्टी भी अहमियत जरूर देगी.

ये भी पढ़ेंः Up Election 2022 Schedule: जानिए, आपकी विधानसभा में कौन सी तारीख को होगा चुनाव

कैडर को दी वरीयता तो भविष्य के लिए शुभ संकेत

राजनीति के जानकार मानते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल अपने कैडर को अहमियत देता है तो उसका लाभ पार्टी को जरूर मिलता है. कांग्रेस पार्टी 32 साल से वैसे ही उत्तर प्रदेश में कोई करिश्मा नहीं कर सकी है इसके पीछे भी बड़ा कारण कार्यकर्ताओं को अहमियत न देना ही रहा है. ऐसे में अगर इस बार पार्टी समर्पित कार्यकर्ताओं को अहमियत देती है तो निश्चित तौर पर भविष्य में कार्यकर्ता पार्टी से निष्ठा के साथ जुड़े रहेंगे और इसका फायदा भविष्य में पार्टी को जरूर मिलेगा.



क्या कहते हैं कांग्रेस नेता

कांग्रेस पार्टी के डिजिटल मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कभी अपने कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करती है. कार्यकर्ताओं को ही सबसे ऊपर रखती है. पहले भी पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट देती रही है और इस बार भी कार्यकर्ताओं को ही वरीयता मिलेगी. हां, यह जरूर है कि इस बार यूपी में पार्टी ने किसी अन्य दल से गठबंधन नहीं किया है तो कहीं ज्यादा सीटें कार्यकर्ताओं के नाम ही रहेंगी. 403 विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश में है तो जिसे भी टिकट मिलेगी तो वह पार्टी का ही तो कार्यकर्ता होगा. ऐसे में 270 या 280 सीटे कार्यकर्ताओं के नाम होने का कोई मतलब ही नहीं.

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लखनऊ: विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता चुनाव लड़ते हुए नजर आ सकते हैं. वजह है कि इस बार कांग्रेस पार्टी दूसरे दलों से आए नेताओं के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को ज्यादा अहमियत देगी. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने 270 से 280 कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की है जिन पर दांव खेल सकती है. उनके नाम पर उम्मीदवारी की मुहर लगा सकती है, ऐसा इसलिए भी संभव है क्योंकि इस बार कांग्रेस पार्टी ने अकेले दम ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं है. लिहाजा, कार्यकर्ताओं को पूरी तवज्जो पार्टी की तरफ से मिलने की उम्मीद है.




पिछले कई सालों की तुलना में कांग्रेस पार्टी से जुड़े समर्पित कार्यकर्ता इस बार ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं. आखिर खुश होंगे क्यों नहीं उनकी खुशी की वजह है कि इस बार उन्होंने पार्टी से चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोकी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार पार्टी उन्हें मायूस नहीं करेगी. कार्यकर्ताओं को यकीन इसलिए और भी ज्यादा है क्योंकि पार्टी के तमाम नेता जो अब तक अमूमन हर बार पार्टी का टिकट लेकर चुनाव लड़ते रहे हैं इस बार उन्होंने पार्टी से और पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब टिकट पाने वाले नेता ही दूसरी पार्टियों में चले गए हैं तो पार्टी अब कम से कम अपने समर्पित कार्यकर्ताओं पर ध्यान देगी. उन्होंने पार्टी को जो समय दिया है उसका प्रतिफल उन्हें मिलेगा.

यह भी एक बड़ी वजह

कई नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी ज्वाइन करने से तो कार्यकर्ताओं में टिकट मिलने की उम्मीद जागी ही है दूसरी एक और बड़ी वजह इस बार कांग्रेस का किसी अन्य पार्टी से गठबंधन न करना भी है. जब किसी दल से गठबंधन नहीं, लिहाजा अन्य दल से बड़े नेताओं के आने की संभावना भी खत्म. ऐसे में सभी 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी अपने ही प्रत्याशी उतारेगी, जिससे समर्पित कार्यकर्ता टिकट पाने में सफल हो सकते हैं.

महिलाओं की होगी चांदी

इस बार के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ी जिन महिलाओं ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की है उनकी चांदी जरूर हो जाएगी. वजह है कि प्रियंका गांधी ने सीधे तौर पर 40 फीसद टिकट महिलाओं के लिए ही आरक्षित कर दी हैं. ऐसे में 161 महिलाओं को तो टिकट मिलना ही है जिनमें कांग्रेस पार्टी से जुड़ीं तमाम महिला नेता और कार्यकर्ता टिकट पाने में जरूर सफल हो जाएंगी. वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहीं समर्पित महिलाओं को इस बार पार्टी भी अहमियत जरूर देगी.

ये भी पढ़ेंः Up Election 2022 Schedule: जानिए, आपकी विधानसभा में कौन सी तारीख को होगा चुनाव

कैडर को दी वरीयता तो भविष्य के लिए शुभ संकेत

राजनीति के जानकार मानते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल अपने कैडर को अहमियत देता है तो उसका लाभ पार्टी को जरूर मिलता है. कांग्रेस पार्टी 32 साल से वैसे ही उत्तर प्रदेश में कोई करिश्मा नहीं कर सकी है इसके पीछे भी बड़ा कारण कार्यकर्ताओं को अहमियत न देना ही रहा है. ऐसे में अगर इस बार पार्टी समर्पित कार्यकर्ताओं को अहमियत देती है तो निश्चित तौर पर भविष्य में कार्यकर्ता पार्टी से निष्ठा के साथ जुड़े रहेंगे और इसका फायदा भविष्य में पार्टी को जरूर मिलेगा.



क्या कहते हैं कांग्रेस नेता

कांग्रेस पार्टी के डिजिटल मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कभी अपने कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करती है. कार्यकर्ताओं को ही सबसे ऊपर रखती है. पहले भी पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट देती रही है और इस बार भी कार्यकर्ताओं को ही वरीयता मिलेगी. हां, यह जरूर है कि इस बार यूपी में पार्टी ने किसी अन्य दल से गठबंधन नहीं किया है तो कहीं ज्यादा सीटें कार्यकर्ताओं के नाम ही रहेंगी. 403 विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश में है तो जिसे भी टिकट मिलेगी तो वह पार्टी का ही तो कार्यकर्ता होगा. ऐसे में 270 या 280 सीटे कार्यकर्ताओं के नाम होने का कोई मतलब ही नहीं.

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Last Updated : Jan 9, 2022, 10:30 PM IST
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