लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of Corona) का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में कभी कभार वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए मेगा कैम्प लगाए जा रहे हैं. मगर, रूटीन वैक्सीनेशन सिस्टम (Vaccination System) बेपटरी है. ऑनलाइन पंजीकरण का स्लॉट जहां मिनटों में फुल हो रहा है. वहीं ऑफलाइन पंजीकरण में बुजुर्गों से लेकर अन्य लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यूपी में लाखों युवाओं की डोज वेंटिंग में है.
राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोजाना कोरोना वैक्सीन (corona vaccination) लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से रोजाना 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. वहीं 21 जून से हेल्थ टीम ने सात लाख से साढ़े आठ लाख डोज लगाना शुरू किया. हालांकि, जून माह में एक करोड़ वैक्सीनेशन (one crore vaccinations) का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया. वहीं जुलाई में रोजाना 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली. ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन का आंकड़ा प्राप्त नहीं कर पाए. सिर्फ माह भर में दो बार 10 लाख से ज्यादा ही डोज लग सकी. इसमें 6 जुलाई को एक दिन में 10 लाख 3 हजार 425 डोज लगी थीं. इसके बाद 24 जुलाई को 10 लाख 6 हजार 68 डोज लगाकर रिकॉर्ड बनाया गया है. वहीं हर मंगलवार को मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया.
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इस दौरान लक्ष्य के सापेक्ष 28 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया. इस प्रकार से पांच करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाने वाला यूपी पहला राज्य बन गया. इसमें दूसरी डोज लेने वालों की संख्या एक करोड़ से भी कम है. लिहाजा, बड़ी आबादी संक्रमण के खतरे से जूझ सकती है. ऐसे में अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक राज्य में अब वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने का भी अभियान शुरू होगा. मगर, रूटीन टीकाकरण में फिक्स साइट पर डोज लगवाने के लिये लंबी वेंटिंग है. हर रोज शाम सात बजे पोर्टल ऑन होता है. गुरुवार का यह 30 मिनट में ही फुल हो गया. शुक्रवार को 3 लाख 47 हजार 62 को ही वैक्सीन लग सकी. इसके लिए 3,131 केंद्र बनें. अब तक कुल 5 करोड़ 32 लाख 66 हजार 034 डोज लगाई गई.