लखनऊ: राजधानी में कोविड के केस कम होने के बाद सभी अस्पतालों में बंद चल रही ओपीडी सेवाओं को दोबारा शुरु किया गया है. जिसमें केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई में इलाज कराने से पहले आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. हालांकि इन संस्थानों में ही टेस्ट करवाने की भी सुविधा है लेकिन, दूसरी ओर सिविल, लोकबंधु, आरएलबी, बीआरडी समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के ही मरीजों को देखा जा रहा है और यहां रोजाना हजारों मरीजों की भीड़ उमड़ती है.
सिविल में रोजाना 2-3 हजार, बलरामपुर में 3-4 हजार, लोकबंधु में 1 से डेढ़ हजार और आरएलबी में करीब हजार के आसपास की ओपीडी रहती है. यानि रोजाना यहां हजारों की संख्या में मरीज दिखाने के लिए पहुंचते है लेकिन, लगातार उमड़ रही भीड़ कोविड नियमों की धज्जियां उड़ा रही है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने फैसला किया है कि यहां आने वाले मरीजों को डॉक्टर से दिखाने से पहले एंटीजन जांच की जाएगी. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही यहां डॉक्टर को दिखा सकेंगे. साथ ही अगर कोई एंटीजन जांच में पॉजिटिव आता है तो तत्काल उसका सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा जाएगा.
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कोविड टेस्टिंग के नोडल इंचार्ज और एसीएमओ डॉ. एमके सिंह के मुताबिक थर्ड वेव की आशंका और मरीजों की उमड़ती भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसके तहत विभाग द्वारा 32 टीमों को तैयार किया गया है, जो रोजाना यहां जाकर मरीजों और तीमारदारों का एंटीजन टेस्ट करने का काम करेंगी. इसमें 4-4 टीमें पीजीआई, केजीएमयू और बीआरडी में जाएंगी, जबकि 2-2 टीमें सिविल, आरएलबी, लोकबंधु, अवंतीबाई, झलकारीबाई समेत अन्य अस्पतालों में जाएंगी, ताकि ओपीडी से पहले मरीजों की स्क्रीनिंग की जा सके. हालांकि, केजीएमयू और पीजीआई में जरूरत के अनुसार ही टीम भेजी जाएगी.