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लखनऊ: सिटी बसों में नहीं है मास्क सैनिटाइजर की व्यवस्था

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Published : Feb 6, 2021, 7:22 AM IST

राजधानी लखनऊ में सिटी बसों का संचालन दोबारा शुरू किया गया है. कोरोना काल में बसों में सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना से बचाव के लिए इंतजाम कितना किया गया है, देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

सिटी बसों में नहीं है मास्क सैनिटाइजर की व्यवस्था
सिटी बसों में नहीं है मास्क सैनिटाइजर की व्यवस्था

लखनऊ: सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की बसें तो संचालित हो रही हैं, लेकिन उनमें यात्रियों की संख्या कोरोना के कारण काफी कम है. भले ही वैक्सीन आ गई हो, लेकिन इसके बावजूद अभी भी यात्री सफर करने से कतरा रहे हैं, जो यात्री बसों में सफर कर भी रहे हैं वह कोरोना से बचाव के किसी भी तरीके को नहीं अपना रहे हैं. बस में सफर करने के दौरान चालक-परिचालक यात्रियों से गाइडलाइन का पालन न करा रहे हैं और न ही खुद कर रहे हैं. वहीं सिटी बस के जिम्मेदार कहते हैं कि कोरोना के बचाव के सारे उपाय बसों में किए जा रहे हैं. बस सैनिटाइज करके ही रूट पर उतारी जा रही है. सभी चालक-परिचालक और यात्री मास्क का इस्तेमाल करते हैं, सैनिटाइजर भी रहता है. हालांकि 'ईटीवी भारत' ने जब हकीकत परखी तो ऐसा कुछ भी नहीं मिला.

कोरोना काल में सिटी बसों में व्यवस्था की हकीकत
सिटी बस को नहीं मिल रहे यात्री
कोरोना के चलते मार्च में लॉकडाउन के कारण सिटी बस सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई थी. कई माह बाद बस संचालन की अनुमति दी गई, लेकिन सिटी बसों से सफर करने से यात्री खुद को दूर ही रखते रहे. धीरे धीरे सवारियां मिलना शुरू हुईं, लेकिन अभी तक कोरोना काल से पहले की तरह यात्री सफर के लिए सिटी बस को पसंद नहीं कर रहे हैं. पहले जहां 60 हजार यात्री प्रतिदिन सफर करते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 25 हजार ही रह गई है. अधिकारी बताते हैं कि जनवरी माह में अब यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पूरे माह में लगभग 700000 यात्री यात्रा के लिए सिटी बस को पसंद कर रहे हैं. हर रोज तकरीबन 25 हजार यात्री सिटी बस से सफर करने लगे हैं.
संचालित हो रहीं कुल 150 बसें
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के पास कुल 260 सिटी बसें हैं. इनके अलावा 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होती हैं, लेकिन कोरोना काल में अभी कुल मिलाकर तकरीबन 150 ही बसें संचालित हो पा रही हैं. सवारियां न मिलने के चलते ज्यादा बसें चलाना घाटे का सौदा साबित होगा. इसलिए सिटी बस प्रबंधन ने अभी सभी बसें मैदान में नहीं उतारी हैं. ज्यादातर बसें कंडम भी हो चुकी हैं. लिहाजा, इनमें सफर करना भी यात्री ठीक नहीं समझ रहे हैं.
सैनिटाइज नहीं होती बसें
सिटी बस प्रबंधन का दावा है कि डिपो से निकलने से पहले बस को बाकायदा सैनिटाइज किया जाता है. इसके बाद ही रूट पर भेजा जाता है, लेकिन चालक-परिचालक ही इस दावे को खोखला साबित कर रहे हैं. बताते हैं कि अब कोई बस सैनिटाइज नहीं होती है. ऐसे ही बस को रूट पर भेजा जा रहा है. यानी कोरोना से बचाव के उपाय अब सिटी बस प्रबंधन कर ही नहीं रहा है.
शहर में नहीं है सिटी बस का एक भी टर्मिनस
शहर की सड़कों पर सिटी बसें संचालित होती हैं, लेकिन यात्री बस पकड़ने किसी टर्मिनस पर पहुंचे ऐसा इसलिए नहीं हो पा रहा है. क्योंकि शहर में कोई भी सिटी बस अड्डा है ही नहीं. ऐसे में सड़क पर जो स्टॉपेज बने हैं, वहीं से यात्री सिटी बसें पकड़ते हैं. पहले चारबाग स्टेशन पर सिटी बसों को रोडवेज बसों के साथ खड़े होने की इजाजत थी, लेकिन अब वहां से भी यह अड्डा खत्म कर दिया गया है. हालांकि लखनऊ के चौथे बस स्टेशन के रूप में अवध बस स्टेशन पर सिटी बस को दो प्लेटफार्म दिए गए हैं, लेकिन यहां से सिटी बसों को यात्री मिलते ही नहीं है. बस जब पॉलिटेक्निक चौराहे पर निकलती है तब जाकर सवारियां मिलना शुरू होती हैं.
यहां पर कोविड डेस्क मौजूद
अवध बस स्टेशन पर कोविड-19 हेल्प डेस्क स्टेशन पर यात्रियों का तापमान जांचने के लिए कोरोना हेल्प डेस्क बनाई गई है. यहां पर सैनिटाइजर की व्यवस्था भी है, लेकिन बस में बैठने के दौरान किसी तरह के कोई एहतियात नहीं बरते जा रहे हैं.
अब नहीं दिया जाता मास्क, सैनिटाइजर
पहले बस संचालन के दौरान मास्क भी दिया जाता था, सैनिटाइजर भी दिया जाता था, लेकिन अब बस सैनिटाइज भी नहीं होती है. तापमान जांचने के लिए कोई मशीन नहीं दी गई है. कुछ यात्री मास्क लगाते हैं कुछ नहीं लगाते हैं.
डिपो में ही नापा जाता है टेम्परेचर
डिपो से जो बस निकलती है तो साफ-सफाई का ध्यान दिया जाता है, वहीं पर चालक- परिचालक का टेंपरेचर माप लिया जाता है, लेकिन किसी तरह की कोई मशीन नहीं दी गई है, जिससे यात्रियों का टेंपरेचर मापने के बाद बस में बिठाया जाए. पहले मास्क और सैनिटाइजर दिया जाता था, लेकिन अब नहीं दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं सिटी बस के एमडी
रोड पर बस निकलने से पहले उसे सैनिटाइज किया जाता है. ड्राइवर-कंडक्टर का टेंपरेचर मापने के बाद उन्हें मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही बस पर भेजा जाता है. यात्रियों को मास्क पहनने के लिए चालक-परिचालकों को निर्देशित किया गया है. शहर में सिटी बस का कोई भी बस टर्मिनस नहीं है. चारबाग बस स्टेशन पर बसों के साथ सिटी बस में भी खड़ी हो जाती थीं, लेकिन अब नहीं है. अवध बस स्टेशन पर दो प्लेटफार्म दिए गए हैं. यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है. अब रोजाना 25000 यात्री सिटी बस से सफर कर रहे हैं.

लखनऊ: सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की बसें तो संचालित हो रही हैं, लेकिन उनमें यात्रियों की संख्या कोरोना के कारण काफी कम है. भले ही वैक्सीन आ गई हो, लेकिन इसके बावजूद अभी भी यात्री सफर करने से कतरा रहे हैं, जो यात्री बसों में सफर कर भी रहे हैं वह कोरोना से बचाव के किसी भी तरीके को नहीं अपना रहे हैं. बस में सफर करने के दौरान चालक-परिचालक यात्रियों से गाइडलाइन का पालन न करा रहे हैं और न ही खुद कर रहे हैं. वहीं सिटी बस के जिम्मेदार कहते हैं कि कोरोना के बचाव के सारे उपाय बसों में किए जा रहे हैं. बस सैनिटाइज करके ही रूट पर उतारी जा रही है. सभी चालक-परिचालक और यात्री मास्क का इस्तेमाल करते हैं, सैनिटाइजर भी रहता है. हालांकि 'ईटीवी भारत' ने जब हकीकत परखी तो ऐसा कुछ भी नहीं मिला.

कोरोना काल में सिटी बसों में व्यवस्था की हकीकत
सिटी बस को नहीं मिल रहे यात्री
कोरोना के चलते मार्च में लॉकडाउन के कारण सिटी बस सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई थी. कई माह बाद बस संचालन की अनुमति दी गई, लेकिन सिटी बसों से सफर करने से यात्री खुद को दूर ही रखते रहे. धीरे धीरे सवारियां मिलना शुरू हुईं, लेकिन अभी तक कोरोना काल से पहले की तरह यात्री सफर के लिए सिटी बस को पसंद नहीं कर रहे हैं. पहले जहां 60 हजार यात्री प्रतिदिन सफर करते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 25 हजार ही रह गई है. अधिकारी बताते हैं कि जनवरी माह में अब यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पूरे माह में लगभग 700000 यात्री यात्रा के लिए सिटी बस को पसंद कर रहे हैं. हर रोज तकरीबन 25 हजार यात्री सिटी बस से सफर करने लगे हैं.
संचालित हो रहीं कुल 150 बसें
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के पास कुल 260 सिटी बसें हैं. इनके अलावा 40 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होती हैं, लेकिन कोरोना काल में अभी कुल मिलाकर तकरीबन 150 ही बसें संचालित हो पा रही हैं. सवारियां न मिलने के चलते ज्यादा बसें चलाना घाटे का सौदा साबित होगा. इसलिए सिटी बस प्रबंधन ने अभी सभी बसें मैदान में नहीं उतारी हैं. ज्यादातर बसें कंडम भी हो चुकी हैं. लिहाजा, इनमें सफर करना भी यात्री ठीक नहीं समझ रहे हैं.
सैनिटाइज नहीं होती बसें
सिटी बस प्रबंधन का दावा है कि डिपो से निकलने से पहले बस को बाकायदा सैनिटाइज किया जाता है. इसके बाद ही रूट पर भेजा जाता है, लेकिन चालक-परिचालक ही इस दावे को खोखला साबित कर रहे हैं. बताते हैं कि अब कोई बस सैनिटाइज नहीं होती है. ऐसे ही बस को रूट पर भेजा जा रहा है. यानी कोरोना से बचाव के उपाय अब सिटी बस प्रबंधन कर ही नहीं रहा है.
शहर में नहीं है सिटी बस का एक भी टर्मिनस
शहर की सड़कों पर सिटी बसें संचालित होती हैं, लेकिन यात्री बस पकड़ने किसी टर्मिनस पर पहुंचे ऐसा इसलिए नहीं हो पा रहा है. क्योंकि शहर में कोई भी सिटी बस अड्डा है ही नहीं. ऐसे में सड़क पर जो स्टॉपेज बने हैं, वहीं से यात्री सिटी बसें पकड़ते हैं. पहले चारबाग स्टेशन पर सिटी बसों को रोडवेज बसों के साथ खड़े होने की इजाजत थी, लेकिन अब वहां से भी यह अड्डा खत्म कर दिया गया है. हालांकि लखनऊ के चौथे बस स्टेशन के रूप में अवध बस स्टेशन पर सिटी बस को दो प्लेटफार्म दिए गए हैं, लेकिन यहां से सिटी बसों को यात्री मिलते ही नहीं है. बस जब पॉलिटेक्निक चौराहे पर निकलती है तब जाकर सवारियां मिलना शुरू होती हैं.
यहां पर कोविड डेस्क मौजूद
अवध बस स्टेशन पर कोविड-19 हेल्प डेस्क स्टेशन पर यात्रियों का तापमान जांचने के लिए कोरोना हेल्प डेस्क बनाई गई है. यहां पर सैनिटाइजर की व्यवस्था भी है, लेकिन बस में बैठने के दौरान किसी तरह के कोई एहतियात नहीं बरते जा रहे हैं.
अब नहीं दिया जाता मास्क, सैनिटाइजर
पहले बस संचालन के दौरान मास्क भी दिया जाता था, सैनिटाइजर भी दिया जाता था, लेकिन अब बस सैनिटाइज भी नहीं होती है. तापमान जांचने के लिए कोई मशीन नहीं दी गई है. कुछ यात्री मास्क लगाते हैं कुछ नहीं लगाते हैं.
डिपो में ही नापा जाता है टेम्परेचर
डिपो से जो बस निकलती है तो साफ-सफाई का ध्यान दिया जाता है, वहीं पर चालक- परिचालक का टेंपरेचर माप लिया जाता है, लेकिन किसी तरह की कोई मशीन नहीं दी गई है, जिससे यात्रियों का टेंपरेचर मापने के बाद बस में बिठाया जाए. पहले मास्क और सैनिटाइजर दिया जाता था, लेकिन अब नहीं दिया जा रहा है.
क्या कहते हैं सिटी बस के एमडी
रोड पर बस निकलने से पहले उसे सैनिटाइज किया जाता है. ड्राइवर-कंडक्टर का टेंपरेचर मापने के बाद उन्हें मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही बस पर भेजा जाता है. यात्रियों को मास्क पहनने के लिए चालक-परिचालकों को निर्देशित किया गया है. शहर में सिटी बस का कोई भी बस टर्मिनस नहीं है. चारबाग बस स्टेशन पर बसों के साथ सिटी बस में भी खड़ी हो जाती थीं, लेकिन अब नहीं है. अवध बस स्टेशन पर दो प्लेटफार्म दिए गए हैं. यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है. अब रोजाना 25000 यात्री सिटी बस से सफर कर रहे हैं.
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