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विधानसभा सदन की कार्यवाही होगी अब पेपरलेस, सभी सदस्यों को मिलेगा e-vidhan सॉफ्टवेयर युक्त टैबलेट

उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अब पूरी तरह पेपरलेस होने वाली है. विधानसभा का अगला सत्र शुरू होने से पहले ही e-vidhan सॉफ्टवेयर को एक्टिव कर दिया जाएगा. इसके बाद विधानसभा की पूरी कार्यवाही इसी सॉफ्टवेयर के जरिए होगी. इसके तहत सभी विधायकों और अधिकारियों को e-vidhan सॉफ्टवेयर से युक्त एक टैबलेट दिया गया है.

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Published : Mar 31, 2022, 8:01 PM IST

लखनऊ: विधानसभा सदन की कार्यवाही अब e-vidhan से संचालित होगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी विधायक हाईटेक रूप से सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे. e-vidhan सॉफ्टवेयर के जरिए ही सदन में सवाल उठाएं जाएंगे. साथ ही सवाल का जवाब भी संबंधित मंत्री की तरफ से ऑनलाइन ही दिया जाएगा. एक तरह से उत्तर प्रदेश विधानसभा सदन की कार्यवाही पेपरलेस करने को लेकर बड़ी तैयारी की गई है.

विधानसभा सदन की कार्यवाही हाईटेक रूप से संचालित करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा सहित देश की सभी राज्यों की विधानसभाओं को e-vidhan सॉफ्टवेयर से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है.

यह भी पढ़ें: ई-कैबिनेट व्यवस्था के तहत सभी विधायकों को मिलेगा टैब

e-vidhan सॉफ्टवेयर से चलेगी सदन की कार्यवाही : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई की शुरुआत में होने वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में सदन की कार्यवाही पेपरलेस कर दी जाएगी. सदन की पूरी कार्यवाही e-vidhan सॉफ्टवेयर से संचालित होगी.

सदन की कार्यवाही होगी पेपरलेस : खास बात यह होगी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी 403 विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष और संबंधित अन्य अधिकारियों के सामने की टेबल के सामने एक हाईटेक टैबलेट लगा होगा. विधायकों द्वारा सदन में पूछे जाने वाले सवाल और सदन की अन्य कार्यवाही इसी टैबलेट से संचालित होगी. इस तरह सदन की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस यानी ऑनलाइन होगी.

सभी कार्य ई-विधान सॉफ्टवेयर से : सदन की कार्यवाही के दौरान तमाम तरह के नियमों की जानकारी, प्रश्न पूछने और संबंधित प्रश्न के जवाब को लेकर सब कुछ ऑनलाइन होगा. ई-विधान के जरिए ही सदस्यों का संपर्क विवरण, प्रक्रिया के नियम, सदन की नोटिस, बुलेटिन विधेयक, तारांकित प्रश्न और सभी संबंधित प्रश्नों के जवाब भी ऑनलाइन देखे जा सकेंगे.

केंद्र ने स्वीकृत किए 18 करोड़: ई-विधान सुविधा लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने करीब ₹18 करोड़ की राशि स्वीकृति की है. शुरुआती दौर में चार से पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे. विधानसभा के अधिकारी बताते हैं कि केंद्र सरकार के निर्देश पर देश की सभी राज्यों की विधानसभाओं को एक साथ जोड़ने की कवायद को लेकर यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

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लखनऊ: विधानसभा सदन की कार्यवाही अब e-vidhan से संचालित होगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी विधायक हाईटेक रूप से सदन की कार्यवाही में भाग लेंगे. e-vidhan सॉफ्टवेयर के जरिए ही सदन में सवाल उठाएं जाएंगे. साथ ही सवाल का जवाब भी संबंधित मंत्री की तरफ से ऑनलाइन ही दिया जाएगा. एक तरह से उत्तर प्रदेश विधानसभा सदन की कार्यवाही पेपरलेस करने को लेकर बड़ी तैयारी की गई है.

विधानसभा सदन की कार्यवाही हाईटेक रूप से संचालित करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा सहित देश की सभी राज्यों की विधानसभाओं को e-vidhan सॉफ्टवेयर से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है.

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e-vidhan सॉफ्टवेयर से चलेगी सदन की कार्यवाही : उत्तर प्रदेश विधानसभा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई की शुरुआत में होने वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में सदन की कार्यवाही पेपरलेस कर दी जाएगी. सदन की पूरी कार्यवाही e-vidhan सॉफ्टवेयर से संचालित होगी.

सदन की कार्यवाही होगी पेपरलेस : खास बात यह होगी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी 403 विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष और संबंधित अन्य अधिकारियों के सामने की टेबल के सामने एक हाईटेक टैबलेट लगा होगा. विधायकों द्वारा सदन में पूछे जाने वाले सवाल और सदन की अन्य कार्यवाही इसी टैबलेट से संचालित होगी. इस तरह सदन की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस यानी ऑनलाइन होगी.

सभी कार्य ई-विधान सॉफ्टवेयर से : सदन की कार्यवाही के दौरान तमाम तरह के नियमों की जानकारी, प्रश्न पूछने और संबंधित प्रश्न के जवाब को लेकर सब कुछ ऑनलाइन होगा. ई-विधान के जरिए ही सदस्यों का संपर्क विवरण, प्रक्रिया के नियम, सदन की नोटिस, बुलेटिन विधेयक, तारांकित प्रश्न और सभी संबंधित प्रश्नों के जवाब भी ऑनलाइन देखे जा सकेंगे.

केंद्र ने स्वीकृत किए 18 करोड़: ई-विधान सुविधा लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने करीब ₹18 करोड़ की राशि स्वीकृति की है. शुरुआती दौर में चार से पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे. विधानसभा के अधिकारी बताते हैं कि केंद्र सरकार के निर्देश पर देश की सभी राज्यों की विधानसभाओं को एक साथ जोड़ने की कवायद को लेकर यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

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