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दो महीनों से रिक्त है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति का पद

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति का पद गत 2 महीनों से रिक्त है. पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक का कार्यकाल पूरा होने के पहले से ही विश्वविद्यालय के नए कुलपति की तलाश जारी है.

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Published : Oct 23, 2021, 2:44 PM IST

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में है. प्रदेश का यह एकमात्र प्राविधिक विश्वविद्यालय है. करीब 750 से कॉलेज इससे जुड़े हुए हैं. विश्वविद्यालय में कुलपति का पद बीते 2 महीने से खाली पड़ा हुआ है. पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक का कार्यकाल पूरा होने के पहले से ही विश्वविद्यालय के नए कुलपति की तलाश जारी है जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. राजभवन की ओर से नए कुलपति की तलाश में दो बार विज्ञापन निकाले जा चुके हैं.

बता दें कि एकेटीयू में कुलपति की नियुक्ति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. सूत्रों के अनुसार राजभवन के स्तर पर कुशल कुलपति की तलाश की जा रही है. ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो प्रदेश के इस विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जा सके. उधर, कई राजनेताओं के स्तर पर अपने करीबियों को भी यहां बैठाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसके चलते मामला फंस रहा है.

प्रो. पाठक 4 अगस्त 2015 में एकेटीयू के कुलपति का कार्यभार संभाला था. इसके बाद उन्हें 2 अगस्त 2018 में तीन साल के लिए कार्य विस्तार दिया गया था जो 2 अगस्त 2021 को पूरा हो गया. इससे पहले 8 अप्रैल को प्रो. पाठक छत्रपति साहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति बना दिए गए थे.

इसके साथ ही उन्हें एकेटीयू के नए कुलपति की नियुक्ति होने तक उन्हें यहां का भी कार्यभार दिया गया था. 2 अगस्त 2021 को उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद गरीब 20 अगस्त के आसपास प्रोफेसर विनीत कंसल को कार्यवाहक कुलपति पद की जिम्मेदारी दी गई.

प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने 6 साल के अपने दो कार्यकाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कई बड़े बदलाव किए. शोध, नवाचार, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ. डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ की पंडित दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की. ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट को गति देने के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल का गठन किया.

यह भी पढेंः लखनऊ: AKTU ने तैयार किया कोरोना वॉरियर रोबो

लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में है. प्रदेश का यह एकमात्र प्राविधिक विश्वविद्यालय है. करीब 750 से कॉलेज इससे जुड़े हुए हैं. विश्वविद्यालय में कुलपति का पद बीते 2 महीने से खाली पड़ा हुआ है. पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक का कार्यकाल पूरा होने के पहले से ही विश्वविद्यालय के नए कुलपति की तलाश जारी है जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. राजभवन की ओर से नए कुलपति की तलाश में दो बार विज्ञापन निकाले जा चुके हैं.

बता दें कि एकेटीयू में कुलपति की नियुक्ति को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. सूत्रों के अनुसार राजभवन के स्तर पर कुशल कुलपति की तलाश की जा रही है. ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो प्रदेश के इस विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जा सके. उधर, कई राजनेताओं के स्तर पर अपने करीबियों को भी यहां बैठाने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसके चलते मामला फंस रहा है.

प्रो. पाठक 4 अगस्त 2015 में एकेटीयू के कुलपति का कार्यभार संभाला था. इसके बाद उन्हें 2 अगस्त 2018 में तीन साल के लिए कार्य विस्तार दिया गया था जो 2 अगस्त 2021 को पूरा हो गया. इससे पहले 8 अप्रैल को प्रो. पाठक छत्रपति साहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति बना दिए गए थे.

इसके साथ ही उन्हें एकेटीयू के नए कुलपति की नियुक्ति होने तक उन्हें यहां का भी कार्यभार दिया गया था. 2 अगस्त 2021 को उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद गरीब 20 अगस्त के आसपास प्रोफेसर विनीत कंसल को कार्यवाहक कुलपति पद की जिम्मेदारी दी गई.

प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने 6 साल के अपने दो कार्यकाल में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में कई बड़े बदलाव किए. शोध, नवाचार, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ. डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ की पंडित दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना लागू की. ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट को गति देने के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल का गठन किया.

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