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पत्र लिखकर उप मुख्यमंत्री को प्राइवेट टीचर्स की समस्याओं से कराया अवगत

पत्र में कहा गया कि प्राइवेट स्कूल के प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. कुछ प्रबंधकों द्वारा आधा वेतन दिया जा रहा है. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों का ईपीएफ एवं ईएसआई भी समय पर जमा नहीं किया जा रहा है.

पत्र लिखकर उप मुख्यमंत्री को प्राइवेट टीचर्स की समस्याओं से कराया अवगत
पत्र लिखकर उप मुख्यमंत्री को प्राइवेट टीचर्स की समस्याओं से कराया अवगत
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Published : May 5, 2021, 10:59 PM IST

लखनऊ : प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने प्राइवेट टीचर की समस्याओं के संबंध में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर उनकी की समस्याओं से अवगत कराया.


शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा लेने पर किया जा रहा है मजबूर

अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में लिखा कि आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि कोविड-19 के कारण उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूल, काॅलेजों एवं कोचिंग सेंटरों को बंद कर दिया गया. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों को स्कूल से ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसके कारण शिक्षकों की समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं.

यह भी पढ़ें : ऑक्सीजन रिफलिंग के दौरान सिलेंडर फटने से तीन की मौैत, CM योगी ने व्यक्त की संवेदना


वेतन नहीं दिया जा रहा

पत्र में कहा गया कि प्राइवेट स्कूल के प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. कुछ प्रबंधकों द्वारा आधा वेतन दिया जा रहा है. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों का ईपीएफ एवं ईएसआई भी समय पर जमा नहीं किया जा रहा है. जो शिक्षक इपीएफ एवं ईएसआई जमा करने के लिए कहता है, उसे स्कूल प्रबंधक स्कूल से निकाल देते हैं.

इन कारणों से शिक्षकों को हो रही आर्थिक दिक्कतें

इसके अलावा, शिक्षकों की आय का साधन ट्यूशन एवं कोचिंग होती थी जिसे सरकार ने बंद करा दिया. सरकार द्वारा शिक्षकों कोई भी आर्थिक सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई गई. शिक्षकों को भरण पोषण अपने बच्चों की फीस घर का किराया कोचिंग का किराया आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को विगत वर्षों का वेतन भुगतान अभी तक नहीं किया गया है.

शिक्षकों के बीमारी से मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाए

जिन शिक्षकों को स्कूल प्रबंधक द्वारा स्कूल में बुलाकर ऑनलाइन कक्षाएं स्कूल से कराई जाती हैं, यदि उन शिक्षकों की मृत्यु कोरोना से होती है तो स्कूल प्रबंधक एवं सरकार शिक्षकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी मांग की गयी. प्राइवेट स्कूल के शिक्षक यदि बीमार हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं तो उनका पूरा खर्च स्कूल प्रबंधक या फिर सरकार वहन करे क्योंकि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पहले से खराब चल रही है.

सरकार से किया निवेदन

श्री सिंह ने अंत में निवेदन किया कि उपरोक्त शिकायत को संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रबंधकों से शिक्षकों को वेतन देने के लिए निर्देश दिया जाए. सरकार शिक्षकों की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करें ताकि शिक्षक अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और आत्महत्या को मजबूर न हो.

लखनऊ : प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने प्राइवेट टीचर की समस्याओं के संबंध में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर उनकी की समस्याओं से अवगत कराया.


शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा लेने पर किया जा रहा है मजबूर

अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में लिखा कि आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि कोविड-19 के कारण उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूल, काॅलेजों एवं कोचिंग सेंटरों को बंद कर दिया गया. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों को स्कूल से ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसके कारण शिक्षकों की समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं.

यह भी पढ़ें : ऑक्सीजन रिफलिंग के दौरान सिलेंडर फटने से तीन की मौैत, CM योगी ने व्यक्त की संवेदना


वेतन नहीं दिया जा रहा

पत्र में कहा गया कि प्राइवेट स्कूल के प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. कुछ प्रबंधकों द्वारा आधा वेतन दिया जा रहा है. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों का ईपीएफ एवं ईएसआई भी समय पर जमा नहीं किया जा रहा है. जो शिक्षक इपीएफ एवं ईएसआई जमा करने के लिए कहता है, उसे स्कूल प्रबंधक स्कूल से निकाल देते हैं.

इन कारणों से शिक्षकों को हो रही आर्थिक दिक्कतें

इसके अलावा, शिक्षकों की आय का साधन ट्यूशन एवं कोचिंग होती थी जिसे सरकार ने बंद करा दिया. सरकार द्वारा शिक्षकों कोई भी आर्थिक सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई गई. शिक्षकों को भरण पोषण अपने बच्चों की फीस घर का किराया कोचिंग का किराया आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को विगत वर्षों का वेतन भुगतान अभी तक नहीं किया गया है.

शिक्षकों के बीमारी से मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाए

जिन शिक्षकों को स्कूल प्रबंधक द्वारा स्कूल में बुलाकर ऑनलाइन कक्षाएं स्कूल से कराई जाती हैं, यदि उन शिक्षकों की मृत्यु कोरोना से होती है तो स्कूल प्रबंधक एवं सरकार शिक्षकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी मांग की गयी. प्राइवेट स्कूल के शिक्षक यदि बीमार हो जाते हैं और अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं तो उनका पूरा खर्च स्कूल प्रबंधक या फिर सरकार वहन करे क्योंकि शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पहले से खराब चल रही है.

सरकार से किया निवेदन

श्री सिंह ने अंत में निवेदन किया कि उपरोक्त शिकायत को संज्ञान में लेते हुए स्कूल प्रबंधकों से शिक्षकों को वेतन देने के लिए निर्देश दिया जाए. सरकार शिक्षकों की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करें ताकि शिक्षक अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और आत्महत्या को मजबूर न हो.

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