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दलित नेता के बेटे पर हमले के आरोपी को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जानें कोर्ट ने क्या दिया फैसला

यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने अभियुक्त शिवम तिवारी की याचिका पर दिया. याची का कहना था कि विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी), अंबेडकर नगर ने आरोप मुक्ति के उसके प्रार्थना पत्र को बिना सुने ही खारिज कर दिया.

हाईकोर्ट
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Published : Jul 19, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंबेडकर नगर में भाजपा के दलित नेता के विकलांग बेटे पर हमला करने के आरोपी को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है. अभियुक्त की याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि पीड़ित को तमाम चोटें आई हैं. लिहाजा अभियुक्त पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने अभियुक्त शिवम तिवारी की याचिका पर दिया. याची का कहना था कि विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी), अंबेडकर नगर ने आरोप मुक्ति के उसके प्रार्थना पत्र को बिना उसे सुने ही खारिज कर दिया.

यह भी पढ़ें : अल्पसंख्यक काॅलेज में कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त करने का DIOS का आदेश रद्द

न्यायालय ने पाया कि मामले में एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 323, 504 व 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई जिसके मुताबिक उदयराज का विकलांग बेटा अमरजीत अपनी साइकिल ठीक कराने जा रहा था.

इतने में अभियुक्त ने उसे रास्ते में रोक लिया व जाति सूचक गालियां दीं. अमरजीत के मना करने पर अभियुक्त उसे मारने लगा. वहीं, अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता उदयराज गांव के लोगों पर भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए दबाव बना रहा था. अभियुक्त का कहना था कि उसने उदयराज का विरोध किया.

इसी वजह से उसे झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि पीड़ित के मेडिकल परीक्षण में कुल छह चोटें आईं हैं जो ठोस हथियार से पहुंचाई गईं हैं. लिहाजा यह कहना गलत है कि अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने का आधार नहीं है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंबेडकर नगर में भाजपा के दलित नेता के विकलांग बेटे पर हमला करने के आरोपी को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है. अभियुक्त की याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि पीड़ित को तमाम चोटें आई हैं. लिहाजा अभियुक्त पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने अभियुक्त शिवम तिवारी की याचिका पर दिया. याची का कहना था कि विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी), अंबेडकर नगर ने आरोप मुक्ति के उसके प्रार्थना पत्र को बिना उसे सुने ही खारिज कर दिया.

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न्यायालय ने पाया कि मामले में एससी-एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 323, 504 व 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई जिसके मुताबिक उदयराज का विकलांग बेटा अमरजीत अपनी साइकिल ठीक कराने जा रहा था.

इतने में अभियुक्त ने उसे रास्ते में रोक लिया व जाति सूचक गालियां दीं. अमरजीत के मना करने पर अभियुक्त उसे मारने लगा. वहीं, अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता उदयराज गांव के लोगों पर भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए दबाव बना रहा था. अभियुक्त का कहना था कि उसने उदयराज का विरोध किया.

इसी वजह से उसे झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि पीड़ित के मेडिकल परीक्षण में कुल छह चोटें आईं हैं जो ठोस हथियार से पहुंचाई गईं हैं. लिहाजा यह कहना गलत है कि अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने का आधार नहीं है. न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया.

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