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माननीय का बेटा तो नहीं है अय्याश रईसजादा! - खजांची का बेटा तो नहीं अय्याश रईसजादा

थाईलैंड से लाई गई एक कॉल गर्ल की लखनऊ में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. इस मामले में शक की सूई राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता व बिल्डर के बेटे पर अटकी है कि कहीं उसने तो कॉल गर्ल को यहां नहीं बुलवाया था.

thailand call girl died in lucknow
थाइलैंड की कॉल गर्ल की लखनऊ में मौत.
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Published : May 9, 2021, 9:39 AM IST

Updated : May 9, 2021, 10:45 AM IST

लखनऊ : थाईलैंड से सात लाख रुपये में कॉल गर्ल को बुलाने वाला अय्याश रईसजादा राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता व बिल्डर का बेटा तो नहीं है? सत्ता के गलियारे, मीडिया हाउस से लेकर सरकारी दफ्तरों और ब्यूरोक्रेट्स में सब जगह इसी की चर्चा हो रही है. पार्टी के प्रवक्ताओं को जैसे सांप सूंघ गया हो. वे कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस भी पूरे मामले की लीपापोती में जुटी हुई है. पुलिस व्यापारी के बेटे के नाम का खुलासा करने की बजाय सफाई देती रही कि युवती के परिवारीजनों की सहमति से शव का अंतिम संस्कार कराया गया. इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है.

सूत्रों का दावा है कि माननीय का बेटा थाई लड़कियों को बेहद पसंद करता है. इसके लिए वह प्रतिमाह मोटी रकम खर्च करता है. उसके नजदीकियों का दावा है कि हाल ही में उसने लखनऊ के एजेंट व राजस्थान के एक ट्रेवल एजेंसी के एजेंट के जरिये 30 लाख रुपये में थाईलैंड से दो थाई लड़कियों को लखनऊ बुलवाया था. दोनों लड़कियां लखनऊ में करीब 15 दिन रहीं. रईसजादा अक्सर थाईलैंड व बैंकाक भी जाता है. वह वहां 15-15 दिन ठहरता है.

लखनऊ के मशहूर स्पा में काम कर चुकी मृतक लड़की
सूत्रों की मानें तो मृतक लड़की इससे पहले भी लखनऊ आ चुकी थी. रईसजादे युवक ने ही उसे एक मशहूर स्पा में नौकरी पर रखवाया था. चार महीने काम करने के बाद वह थाईलैंड लौट गई. इस दौरान वह लगातार लखनऊ के एजेंट व शहजादे युवक के संपर्क में थी. कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन होने की वजह से रईसजादे ने उसे लखनऊ बुलवाया.

टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थी थाई युवती
टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थाईलैंड की एक युवती (30) की कोरोना संक्रमित होने की वजह से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीन मई को मौत हो गई थी. अस्पताल से सूचना पर विभूतिखंड पुलिस ने जिला प्रशासन को सूचना दी और उसका पंचनामा भरा. एलआईयू से पासपोर्ट मिला, जिससे उसके थाईलैंड के पते की जानकारी मिली. थाईलैंड दूतावास से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पांच मई को उसका बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार करा दिया. अंतिम संस्कार का सजीव वीडियो प्रसारण थाईलैंड में उसके परिवार ने भी देखा. दूतावास के कहने पर ही उसकी अस्थियां उसके गाइड सुलतानपुर निवासी सलमान को दे दी गई.

thailand call girl died in lucknow
पासपोर्ट.
28 अप्रैल को आई और हज़रतगंज स्थित होटल में रुकी थी युवती
इंस्पेक्टर चन्द्रशेखर सिंह के मुताबिक, 28 अप्रैल को दिल्ली से यह युवती लखनऊ एयरपोर्ट पहुंची थी. यहां से वह हजरतगंज स्थित एक होटल गई. होटल में उसकी तबियत बिगड़ी. इस पर उसके छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर में रहने वाले एक मित्र राकेश शर्मा ने उसके गाइड सलमान को भेजा. इस बारे में भी दूतावास में सूचना दी गई थी. वहां से जिला प्रशासन ने सम्पर्क कर उसे 28 अप्रैल को लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था. जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद उसका ऑक्सीजन लेवर 83 के नीचे पहुंच गया. तीन मई को उसकी मौत हो गई.

ये भी पढ़ें : थाईलैंड से आई कॉलगर्ल की कोरोना से मौत, रईसजादे ने खर्च किए थे 7 लाख


पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस बारे में दूतावास को डीसीपी और जिला प्रशासन के जरिये सूचना दे दी गई थी. इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है. एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम ने बताया कि वह तीन महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. मार्च में बना यह वीजा जून तक वैध है.

लखनऊ : थाईलैंड से सात लाख रुपये में कॉल गर्ल को बुलाने वाला अय्याश रईसजादा राष्ट्रीय पार्टी के बड़े नेता व बिल्डर का बेटा तो नहीं है? सत्ता के गलियारे, मीडिया हाउस से लेकर सरकारी दफ्तरों और ब्यूरोक्रेट्स में सब जगह इसी की चर्चा हो रही है. पार्टी के प्रवक्ताओं को जैसे सांप सूंघ गया हो. वे कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. पुलिस भी पूरे मामले की लीपापोती में जुटी हुई है. पुलिस व्यापारी के बेटे के नाम का खुलासा करने की बजाय सफाई देती रही कि युवती के परिवारीजनों की सहमति से शव का अंतिम संस्कार कराया गया. इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है.

सूत्रों का दावा है कि माननीय का बेटा थाई लड़कियों को बेहद पसंद करता है. इसके लिए वह प्रतिमाह मोटी रकम खर्च करता है. उसके नजदीकियों का दावा है कि हाल ही में उसने लखनऊ के एजेंट व राजस्थान के एक ट्रेवल एजेंसी के एजेंट के जरिये 30 लाख रुपये में थाईलैंड से दो थाई लड़कियों को लखनऊ बुलवाया था. दोनों लड़कियां लखनऊ में करीब 15 दिन रहीं. रईसजादा अक्सर थाईलैंड व बैंकाक भी जाता है. वह वहां 15-15 दिन ठहरता है.

लखनऊ के मशहूर स्पा में काम कर चुकी मृतक लड़की
सूत्रों की मानें तो मृतक लड़की इससे पहले भी लखनऊ आ चुकी थी. रईसजादे युवक ने ही उसे एक मशहूर स्पा में नौकरी पर रखवाया था. चार महीने काम करने के बाद वह थाईलैंड लौट गई. इस दौरान वह लगातार लखनऊ के एजेंट व शहजादे युवक के संपर्क में थी. कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन होने की वजह से रईसजादे ने उसे लखनऊ बुलवाया.

टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थी थाई युवती
टूरिस्ट वीजा पर लखनऊ आई थाईलैंड की एक युवती (30) की कोरोना संक्रमित होने की वजह से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीन मई को मौत हो गई थी. अस्पताल से सूचना पर विभूतिखंड पुलिस ने जिला प्रशासन को सूचना दी और उसका पंचनामा भरा. एलआईयू से पासपोर्ट मिला, जिससे उसके थाईलैंड के पते की जानकारी मिली. थाईलैंड दूतावास से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पांच मई को उसका बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार करा दिया. अंतिम संस्कार का सजीव वीडियो प्रसारण थाईलैंड में उसके परिवार ने भी देखा. दूतावास के कहने पर ही उसकी अस्थियां उसके गाइड सुलतानपुर निवासी सलमान को दे दी गई.

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पासपोर्ट.
28 अप्रैल को आई और हज़रतगंज स्थित होटल में रुकी थी युवती
इंस्पेक्टर चन्द्रशेखर सिंह के मुताबिक, 28 अप्रैल को दिल्ली से यह युवती लखनऊ एयरपोर्ट पहुंची थी. यहां से वह हजरतगंज स्थित एक होटल गई. होटल में उसकी तबियत बिगड़ी. इस पर उसके छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर में रहने वाले एक मित्र राकेश शर्मा ने उसके गाइड सलमान को भेजा. इस बारे में भी दूतावास में सूचना दी गई थी. वहां से जिला प्रशासन ने सम्पर्क कर उसे 28 अप्रैल को लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया था. जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद उसका ऑक्सीजन लेवर 83 के नीचे पहुंच गया. तीन मई को उसकी मौत हो गई.

ये भी पढ़ें : थाईलैंड से आई कॉलगर्ल की कोरोना से मौत, रईसजादे ने खर्च किए थे 7 लाख


पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस बारे में दूतावास को डीसीपी और जिला प्रशासन के जरिये सूचना दे दी गई थी. इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और न ही किसी ने कोई भी आरोप लगाया है. एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम ने बताया कि वह तीन महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. मार्च में बना यह वीजा जून तक वैध है.

Last Updated : May 9, 2021, 10:45 AM IST
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