लखनऊः कोरोना से संक्रमित होकर जान गंवाने वाली थाईलैंड की युवती की मौत के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जांच के दौरान युवती के इलाज को लेकर चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ था. अब एक और चौकाने वाला मामला सामने आया है. बताया जाता है कि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आती थी और स्पा में नौकरी करती थी. हैरान करने वाली बात यह है कि वह टूरिस्ट वीजा पर चार बार भारत आकर काम करती रही और इसकी भनक इंटेलिजेंस विभाग और स्थानीय पुलिस को नहीं लगी.
चार बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी थाई युवती
थाईलैंड की रहने वाली युवती पहली बार 2010 में लखनऊ आई थी. वह टूरिस्ट वीजा पर आकर यहां नौकरी करती और वीजा की मियाद खत्म होते ही अपने मुल्क लौट जाती. पुलिस के मुताबिक, 2010, 2018, 2019 और अब 31 मार्च को चौथी बार युवती यहां आई थी और 2 अप्रैल से राकेश शर्मा के O2 Thai स्पा में काम करने लगी. यहां के स्पा संचालक उसे सैलरी पैकेज पर बुलाते थे.
हर बार वह पर्यटक के तौर पर लखनऊ आई और यहां नौकरी करती रही, लेकिन इसकी जानकारी इंटेलीजेंस से लेकर पुलिस तक को नहीं हुई. इतना ही नहीं वह शहर के जिन थाना क्षेत्रों में रुकी और जहां नौकरी कर रही थी, वहां की लोकल पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी. कानूनी जानकारों का कहना है कि यह वीजा कानून का उल्लंघन है और इसके लिए कड़े सजा के प्राविधान हैं. इंटेलीजेंस और पुलिस की ऐसी लापरवाही देश के लिए खतरा बन सकती है.
इलाज के अभाव में हुई थी मौत
सूत्रों की मानें तो इलाज के अभाव में थाई युवती डॉ. राम मनोहर अस्पताल के कोविड वार्ड में 48 घंटे तड़पती रही. बेड न मिलने की वजह से स्ट्रैचर पर ही उसने दम तोड़ दिया. यही नहीं, स्पा संचालक और मैनेजर की भी घोर लापरवाही सामने आई है. कोरोना संक्रमित होने के बावजूद थाई गर्ल 5 दिनों तक स्पा में काम करती रही. हालत खराब होने पर संचालक के कहने पर मैनेजर सलमान ने उसे लोहिया अस्पताल में पहुंचा दिया, लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए अस्पताल के आसपास बना रहा. इलाज में खर्च होने वाले पैसे का वहन भी युवती खुद कर रही थी. पैसे खत्म होने पर उसने सिंगापुर में रह रही अपनी बहन से पैसे मंगाए थे.
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23 अप्रैल को ही हालत हो गई थी गंभीर
जांच अधिकारियों की मानें तो 23 अप्रैल को विदेशी युवती की तबियत बिगड़ी, लेकिन कोई उसे अस्पताल नहीं ले गया. 28 अप्रैल को हालत गम्भीर हुई तो O2 Thai स्पा का मैनेजर सलमान उसे पास के लोहिया अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टरों ने स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना किसी विदेशी नागरिक को भर्ती करने से इंकार कर दिया. इस पर सलमान से स्पा के मालिक राकेश शर्मा से बात की. सरकार और शासन में ऊंची पहुंच रखने वाले राकेश ने लखनऊ के प्रशासनिक अफसरों और थाईलैंड एम्बेसी में बात की. कई घण्टे की जद्दोजहद के बाद युवती को डॉक्टर भर्ती करने को राजी हुए.
अकेला छोड़ भाग गया था मैनेजर
हालात बिगड़ने पर डॉक्टरों ने इलाज के लिए एक मशीन खरीदने को कहा, जिसकी कीमत 40 हजार रुपये थी. इलाज का यह खर्च सुनते ही सलमान वहां से भाग खड़ा हुआ. पैसों की वजह से डॉक्टरों ने भी इलाज शुरू नहीं किया और दो दिन तक वह लोहिया अस्पताल के कॉरिडोर में पड़ी तड़पती रही. मौत करीब आती देख बेबस युवती ने सिंगापुर में रहने वाली अपनी बहन को फोन करके 40 हजार रुपये मंगवाए. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे भर्ती तो किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. आखिरकार 3 मई को उसकी मौत हो गई.
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कारोबारी से हुआ था प्यार
पुलिस के मुताबिक, विदेशी युवती 2018 में दूसरी बार लखनऊ आई तो सिंगापुर मॉल में संचालित एक स्पा में उसे नौकरी मिली. कैंट के एमबीए पास एक कारोबारी का यहां अक्सर आना जाना था. दोनों की मुलाकात हुई और दोस्ती के बाद प्यार हो गया. इसके बाद वह हुसैनगंज निवासी सलमान के सम्पर्क में आई. सलमान उसे राकेश शर्मा के O2 Thai स्पा सेंटर ले गया, जहां उसने नौकरी शुरू कर दी, लेकिन इलाज के दौरान वह भी नहीं पहुंचा. पुलिस उसे भी पूछताछ के लिए बुलाया है.
मामले की जांच कर रहे DCP संजीव सुमन का कहना है कि विदेशी युवती को लेकर हो रही चर्चाओं का कोई साक्ष्य नहीं मिल रहा. इलाज के अभाव के चलते वह 48 घंटे तक लोहिया अस्पताल के कोविड वार्ड के कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर पड़ी रही. इलाज का खर्चा वह खुद वहन कर रही थी. उसकी बहन ने भी सिंगापुर से पैसे भेजे थे. टूरिस्ट वीजा पर वह कैसे नौकरी कर रही थी, इसकी जांच की जा रही है.