लखनऊः जिला जेल लखनऊ में 22 वर्ष पहले बंदी चांद को मुख्तार अंसारी व उसके गुर्गो द्वारा मारपीट करने तथा जेलर व उप जेलर को धमकी देने के मामले में बंदी रक्षक राकेश कुमार की गवाही सोमवार को दर्ज की गई है. इस गवाह की अगली गवाही 27 जुलाई को भी जारी रहेगी.
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में अभियोजन की ओर से पेश सहायक अभियोजन अधिकारी सोनू सिंह राठौर ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट जेलर एसएन द्विवेदी व उप जेलर बैजनाथ राम ने 1 अप्रैल 2000 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि 29 मार्च को शाम करीब छह बजे पेशी से वापस आकर जिस समय बंदी जेल में जा रहे थे, उसी समय जिस बैरक में बंदी चांद बंद है उसमें माफिया विधायक मुख्तार अंसारी अपने साथी युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह व लालजी यादव ने बंदी चांद को बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया. कहा गया है कि जब जेलर व उप जेलर ने उन्हें बचाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने जेल के अधिकारियों एवं प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया.
यह भी बताया है कि ये सभी अभियुक्त अलार्म होने पर पथराव करते हुए, अपनी-अपनी बैरक में चले गए तथा दोनों जेल अधिकारियों को धमकी दी थी उन्हें व उनके परिवार को मार दिया जाएगा, सुबह नहीं देख पाओगे. बचाव पक्ष की ओर से बंदी रक्षक राकेश कुमार से आगामी 27 जुलाई को जिरह होगी.
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