लखनऊ: आगामी 15 जून से प्रदेश के आठ आरटीओ कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए चालकों को टेस्टिंग ट्रैक पर इम्तिहान देना होगा. यहां पास होने के बाद ही लाइसेंस पाने के हकदार होंगे. परिवहन विभाग ने इन आठ दफ्तरों में टेस्ट की मैनुअल व्यवस्था पर 15 जून से रोक लगाने का निर्णय ले लिया है.
इनमें प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और मुजफ्फरनगर कार्यालय शामिल हैं. यहां दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों की दक्षता परीक्षण के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिए जाने की व्यवस्था की गई है. परिवहन विभाग का उद्देश्य दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसीलिए मैनुअल टेस्टिंग व्यवस्था को खत्म कर टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिए जाने की व्यवस्था की गई है.
हादसों में आई कमी. इसलिए उठाया गया ये कदम
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि सड़क सुरक्षा कोष से 15 मंडलों के अंतर्गत ड्राइविंग टेस्ट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का निर्माण कराया जा रहा है. इनमें आठ जगह पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहनों की ओवरस्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल है. साल 2020 में 34,243 सड़क दुर्घटनाओं में 19,149 लोगों की मौत हो चुकी है. 2019 के सापेक्ष मृतकों की संख्या में 15.5 फीसदी की कमी आई है, लेकिन इसमें और कमी लाने के लिए इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी लाए जाने का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है और वर्ष 2030 तक इसमें 50 प्रतिशत की कमी लाए जाने का लक्ष्य प्राप्त करना है. इसी उद्देश्य से दक्ष चालकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाए, इसको लेकर टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है.
पुणे की संस्था ने डिजाइन किए टेस्टिंग ट्रैक
उन्होंने बताया कि 15 जून से जिन आठ कार्यालय में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की तरफ से निर्मित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिया जाएगा, वह एक राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ संस्था सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे से डिजाइन कराए गए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस पहल से ड्राइविंग टेस्ट सही ढंग से हो सकेंगे और दुर्घटनाओं में भविष्य में कमी लाने में मदद जरूर मिलेगी.
इन 15 जगह पर हो रहा टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण
टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कुल 15 जगहों पर हो रहा है. इनमें प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि गोरखपुर, अयोध्या, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, झांसी, आजमगढ़ और देवीपाटन में कार्य कराया जा रहा है.