लखनऊ : नाबालिग लड़के के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी सुरेश कुमार को पाॅक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश मयंक त्रिपाठी ने 10 वर्ष के कठोर कारावास (Ten years jail for accused of raping minor boy) एवं 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार श्रीवास्तव का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़ित बच्चे की मां द्वारा 10 मई 2014 को थाना हसनगंज में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पड़ोस में शोएब का कारखाना है जहां पर आरोपी काम करता है. आरोप है कि 9 मई 2014 को दिन में दो बजे उसका बेटा पतंग लेने के लिए कारखाने में गया था, जहां पर अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया.
अदालत को यह भी बताया गया कि अगले दिन 10 मई को जब उसका बेटा जा रहा था तो अभियुक्त ने उसे पुनः कारखाने में खींचने का प्रयास किया, लेकिन लड़के के भाग जाने पर वह उसके साथ दुष्कर्म नहीं कर पाया. अदालत ने अभियुक्त को कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए कहा है कि जुर्माने की धनराशि अदा करने न पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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