लखनऊ: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी के बयान पर मुस्लिम धर्म गुरूओं ने नाराजगी जाहिर की है. शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं ने उनके बयान को राजनीति से प्रेरित करार दिया.
क्या है पूरा मामला-
- सलमा अंसारी ने अलीगढ़ में अपने चाचा नेहरू नाम से मदरसे को लेकर एक बयान मीडिया में दिया था.
- इसमें उन्होंने कहा था कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए मदरसे में मंदिर और मस्जिद निर्माण कराएंगी.
- इस बयान को लेकर अब मुस्लिम संगठन के बाद उलेमा भी अपना विरोध दर्ज कराने लगे हैं.
''इस मसले से एक नया विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. सियासी जमाते चाहती है कि इस तरह के मुद्दों को बुझने न दिया जाए.''
मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु
''मदरसे दीनी तालीम का केंद्र है. जिसमें मंदिर मस्जिद को कायम किया जाए. मैं समझता हूं कि यह सियासी बात है. इसका दीन और इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है. शिक्षा के केंद्रों में इस तरह की बात नहीं पैदा करना चाहिए. जिससे हिन्दू और मुस्लिम के बीच मन्दिर और मस्जिद की बात पैदा की जाए बल्कि शिक्षा के ज़रिए से लोगों के बीच की दूरियां मिटनी चाहिए.''
मुफ़्ती अबुल इरफान मियां, क़ाज़ी ए शहर