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शक्ति भवन पर टेक्नीशियनों ने किया प्रदर्शन, विभाग को दी चेतावनी - ऊर्जा निगम

प्रदेश के सभी ऊर्जा निगम में कार्यरत यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन कर्मियों की लंबित मांगों और समस्याओं का समाधान न किए जाने से यांत्रिक संवर्ग काफी नाराज है. राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के बैनर तले सोमवार को शक्ति भवन पर प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण के लिए शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया गया.

शक्ति भवन पर टेक्नीशियनों का प्रदर्शन.
शक्ति भवन पर टेक्नीशियनों का प्रदर्शन.
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Published : Mar 8, 2021, 9:39 PM IST

लखनऊः प्रदेश के प्रत्येक जनपद एवं परियोजनाओं के अंतर्गत उपकेंद्र/उपगृह परिचालन और अति आवश्यक सेवा में तैनात टैक्नीशियन कर्मियों के अतिरिक्त सभी टैक्नीशियन कर्मचारियों ने शक्ति भवन पर प्रदर्शन किया. शक्ति भवन के सामने बड़ी संख्या में जमा हुए प्रदर्शनकारियों से यहां पर जाम की स्थिति पैदा हो गई. यातायात पुलिस ने मार्ग से वाहन हटवाकर यातायात बहाल कराया.

इतने कामों पर असर

केंद्रीय संरक्षक डीके मिश्र ने कहा कि आंदोलन के सभी चरणों के दौरान पड़ने वाले साप्ताहिक एवं सार्वजनिक अवकाश के दिनों में टैक्नीशियन कार्मिकों द्वारा अति आवश्यक सेवाओं और उपकेंद्र परिचालन के अतिरिक्त राजस्व वसूली, विद्युत विच्छेदन, कैश काउंटर, कैम्प, मीटर समेत अन्य किसी प्रकार के विभागीय कार्य संपादित नहीं किए जा रहे हैं. हालांकि आंदोलन कार्यक्रमों के कारण आम जन-मानस को विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए अति आवश्यक सेवाओं व उपकेंद्र परिचालन में कार्यरत टैक्नीशियन कार्मिकों को धरना प्रदर्शन से अलग रखा गया है.

प्रदर्शन करते ऊर्जा निगम में कार्यरत यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन.
प्रदर्शन करते ऊर्जा निगम में कार्यरत यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन.

संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन (टी.जी.2) की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए 5 फरवरी से प्रदेश के टैक्नीशियन (टी.जी.2) कार्मिक आंदोलनरत हैं. विगत एक मार्च को प्रदेश के समस्त डिस्काम मुख्यालयों, 22 फरवरी को प्रदेश के समस्त वितरण क्षेत्र के मुख्य अभियंता कार्यलयों और 15 फरवरी को प्रदेश के समस्त जिला एवं परियोजना मुख्यालयों पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया कि आंदोलन के पांचवें चरण के बाद शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन एवं संघ प्रतिनिधि मंडल के बीच पांच मार्च को संपन्न द्विपक्षीय वार्ता बेनतीजा रहने व प्रबन्धन द्वारा रचनात्मक सहयोग कर संवर्ग की मांगों व समस्याओं का समाधान किए जाने के बजाय हमेशा की तरह केवल मौखिक आश्वासन दिया गया. संघ ने विवश होकर सड़क पर उतरने का फैसला लिया.

आगे के कार्यक्रम भी तय

संघ के केंद्रीय विधिक सलाहकार सीबी उपाध्याय ने कहा कि यदि ऊर्जा प्रबंधन कुम्भकर्ण की नींद से नहीं जागता है. साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं के समझकर समाधान नहीं करता है तो हम समस्याओं का समाधान होने तक निर्णायक आंदोलन में मजबूती से संघर्ष करेंगे. अगले चरण के आंदोलन में 14 मार्च (रविवार) अवकाश एवं दिनांक 15, 16 और 17 मार्च को सभी परियोजना/जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. पूर्व घोषित कार्यक्रम एवं आंदोलन नोटिस सूचना के अनुसार यह प्रबंधन का ही कर्तव्य है कि उक्त दिनों मे एक मुश्त समाधान योजना (OTS) के संबंध मे किसी भी उपभोक्ता को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े और वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत सभी कार्यों को सुचारु रूप से संपादित करवाया जाता रहे.

लखनऊः प्रदेश के प्रत्येक जनपद एवं परियोजनाओं के अंतर्गत उपकेंद्र/उपगृह परिचालन और अति आवश्यक सेवा में तैनात टैक्नीशियन कर्मियों के अतिरिक्त सभी टैक्नीशियन कर्मचारियों ने शक्ति भवन पर प्रदर्शन किया. शक्ति भवन के सामने बड़ी संख्या में जमा हुए प्रदर्शनकारियों से यहां पर जाम की स्थिति पैदा हो गई. यातायात पुलिस ने मार्ग से वाहन हटवाकर यातायात बहाल कराया.

इतने कामों पर असर

केंद्रीय संरक्षक डीके मिश्र ने कहा कि आंदोलन के सभी चरणों के दौरान पड़ने वाले साप्ताहिक एवं सार्वजनिक अवकाश के दिनों में टैक्नीशियन कार्मिकों द्वारा अति आवश्यक सेवाओं और उपकेंद्र परिचालन के अतिरिक्त राजस्व वसूली, विद्युत विच्छेदन, कैश काउंटर, कैम्प, मीटर समेत अन्य किसी प्रकार के विभागीय कार्य संपादित नहीं किए जा रहे हैं. हालांकि आंदोलन कार्यक्रमों के कारण आम जन-मानस को विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए अति आवश्यक सेवाओं व उपकेंद्र परिचालन में कार्यरत टैक्नीशियन कार्मिकों को धरना प्रदर्शन से अलग रखा गया है.

प्रदर्शन करते ऊर्जा निगम में कार्यरत यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन.
प्रदर्शन करते ऊर्जा निगम में कार्यरत यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन.

संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यांत्रिक संवर्ग के टैक्नीशियन (टी.जी.2) की तमाम समस्याओं के समाधान के लिए 5 फरवरी से प्रदेश के टैक्नीशियन (टी.जी.2) कार्मिक आंदोलनरत हैं. विगत एक मार्च को प्रदेश के समस्त डिस्काम मुख्यालयों, 22 फरवरी को प्रदेश के समस्त वितरण क्षेत्र के मुख्य अभियंता कार्यलयों और 15 फरवरी को प्रदेश के समस्त जिला एवं परियोजना मुख्यालयों पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. उन्होंने बताया कि आंदोलन के पांचवें चरण के बाद शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन एवं संघ प्रतिनिधि मंडल के बीच पांच मार्च को संपन्न द्विपक्षीय वार्ता बेनतीजा रहने व प्रबन्धन द्वारा रचनात्मक सहयोग कर संवर्ग की मांगों व समस्याओं का समाधान किए जाने के बजाय हमेशा की तरह केवल मौखिक आश्वासन दिया गया. संघ ने विवश होकर सड़क पर उतरने का फैसला लिया.

आगे के कार्यक्रम भी तय

संघ के केंद्रीय विधिक सलाहकार सीबी उपाध्याय ने कहा कि यदि ऊर्जा प्रबंधन कुम्भकर्ण की नींद से नहीं जागता है. साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं के समझकर समाधान नहीं करता है तो हम समस्याओं का समाधान होने तक निर्णायक आंदोलन में मजबूती से संघर्ष करेंगे. अगले चरण के आंदोलन में 14 मार्च (रविवार) अवकाश एवं दिनांक 15, 16 और 17 मार्च को सभी परियोजना/जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. पूर्व घोषित कार्यक्रम एवं आंदोलन नोटिस सूचना के अनुसार यह प्रबंधन का ही कर्तव्य है कि उक्त दिनों मे एक मुश्त समाधान योजना (OTS) के संबंध मे किसी भी उपभोक्ता को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े और वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत सभी कार्यों को सुचारु रूप से संपादित करवाया जाता रहे.

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