लखनऊ. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Secondary Teachers Association) ने बृहस्पतिवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद के कैंप कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान वक्ताओं ने आरोप (allegation) लगाया कि शिक्षक संघ (teachers union) काफी समय से अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत है, लेकिन सरकार की ओर से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. लंबित मांगों पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा. इस दौरान निदेशक माध्यमिक शिक्षा के माध्यम से प्रमुख सचिव को ज्ञापन (Memorandum to Principal Secretary) भेजा गया.
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से लगातार शिक्षकों का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है. पहले प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) को खत्म की और अब नई पेंशन योजना (एनपीएस) भी सही से ढंग से नहीं लागू हो रही है. इसके अलावा तदर्थ शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य को लेकर शासन स्तर पर कार्रवाई लंबित है.
अमरनाथ सिंह के अनुसार मांगों के लंबित होने से शिक्षकों के हित लाभ प्रभावित हो रहे हैं. इसके अलावा दिवाली जैसे त्योहारों पर भी शिक्षकों को बीते कई महीनों से वेतन का भुगतान तक नहीं किया जा रहा. अगर हमारी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें : एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना ओपीएस लागू किया जाए. तदर्थ शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य को विनियमितीकरण कर तदार्थवाद को समाप्त किया जाए. वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए. सिटीजन चार्टर को लागू कर भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाई जाए. अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को राज्य कर्मियों के भारती कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाए. 1 अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों को सामूहिक जीवन बीमा का लाभ दिया जाए. व्यावसायिक शिक्षकों को विषय विशेषज्ञों की भांति पूर्ण शिक्षक का दर्जा प्रदान किया जाए. अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य के लिए सुविधाजनक स्थानांतरण व्यवस्था लागू की जाए.
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