लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए फार्मूला निकाला है. यह 2 साल के लिए शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की जाएगी. यह व्यवस्था 2 साल के लिए की जानी है. माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. विभाग ने अर्हता के लिए शैक्षिक योग्यताएं भी निर्धारित कर दी हैं. यह रिक्त पद वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 तक या नियमित शिक्षकों के आने तक भरे जाएंगे. पूर्व मध्यमा के शिक्षकों को 12 हजार रुपये और उत्तर मध्यमा स्तर पर 15000 हजार मानदेय दिया जाएगा.
यह उनकी नियुक्ति के मानक
- संस्कृत शिक्षकों का चयन मेरिट और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा.
- कुल 200 अंकों में मूल्यांकन किया जाएगा. 120 अंको की मेरिट बनाई जाएगी और 80 अंकों का साक्षात्कार होगा.
- पूर्व मध्यमा स्तर पर अनिवार्य अर्हता स्नातक है.
- पूर्व मध्यमा में स्नातक और उत्तर मध्यमा में स्नातकोत्तर में तृतीय श्रेणी वालों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे.
- अतिरिक्त शैक्षिक योग्यता के लिए अलग से अंक दिए जाएंगेऐसे तैयार होगी मेरिट.
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पूर्व मध्यमा स्तर ( कक्षा 9 10 के लिए)
- हाई स्कूल प्रथम श्रेणी से पास किया है तो 10 अंक, द्वितीय श्रेणी वालों को 5 और तृतीय श्रेणी वालों को 2 अंक मिलेंगे.
- इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी वालों को 20 अंक, द्वितीय श्रेणी वालों को 10 और तृतीय श्रेणी वालों को 5 अंक मिलेंगे.
- स्नातक में प्रथम श्रेणी वालों को 30 अंक और द्वितीय श्रेणी वालों को 15 अंक मिलेंगे. स्नातक में तृतीय श्रेणी से पास अभ्यर्थी आवेदन के लिए पात्र ही नहीं होगा.
- प्रशिक्षण में प्रथम श्रेणी वालों को 36 अंक द्वितीय श्रेणी वालों को 20 और तृतीय श्रेणी वालों को 16 अंक मिलेंगे.
- उत्तर मध्यमा ( कक्षा 11 12 के लिए)
- हाई स्कूल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 10 अंक द्वितीय श्रेणी वालों को 5 और तृतीय श्रेणी वालों को 2 अंक मिलेंगे.
- इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 16, द्वितीय श्रेणी वालों को 8 और तृतीय श्रेणी वालों को 4 अंक मिलेंगे.
- स्नातक में प्रथम श्रेणी वालों को 20, द्वितीय श्रेणी वालों को 10 और तृतीय श्रेणी वालों को 5 अंक मिलेंगे.
- स्नातकोत्तर में प्रथम श्रेणी वालों के 24, द्वितीय श्रेणी वालों के 12, और तृतीय श्रेणी वाले आवेदन के लिए पात्र नहीं होंगे.
- प्रशिक्षण में प्रथम श्रेणी वालों को 36 अंक द्वितीय श्रेणी वालों को 20 और तृतीय श्रेणी वालों को 16 अंक मिलेंगे.
- अगर पीएचडी भी की गई है तो उसके लिए 20 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे.