लखनऊ: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (Uttar Pradesh Basic Education Council) के अधीन आने वाले विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण का आदेश तो जून में जारी कर दिया गया. पर अभी तक ऐसे हजारों शिक्षक हैं, जो स्थानांतरण के बाद भी अभी तक आदेशों के जाल में फंसकर नई जगह पर तैनाती (Teachers did not get posting after transfer) नहीं पा सके हैं.
वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश भर में हर विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने की कवायद शुरू कर रहा है, लेकिन विभाग के शिक्षकों के तबादले व मेडिकल की सुविधा की प्रक्रिया अभी भी अधर में लटकी हुई है. आलम यह है कि आपने स्थानांतरण के आदेश के लिए शिक्षक जुलाई अगस्त के महीना में कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं पर इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.
बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया के बाद उन्हें स्थानांतरण की प्रक्रिया से गुजारा था. बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया फरवरी 2022 में शुरू हुई थी. अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, एक दशक से हो रही पदोन्नति प्रक्रिया से शिक्षक पहले ही काफी उम्मीद थी. लेकिन उनकी सभी उम्मीदों पर विभाग के अधिकारियों ने पानी फेर दिया है. हाल में शिक्षकों ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद तक से मुलाकात कर अपनी बात रखी है.
इन सभी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में जून के अंतिम सप्ताह में प्रदेश भर के 16614 शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया था. स्थानांतरण पाए कई शिक्षकों को कार्य मुक्त करने से रोक दिया गया. इसमें सामान्य शिक्षक ही नहीं वह शिक्षक भी शामिल है,, जो कैंसर या अन्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है और उन्होंने स्थानांतरण की मांग की थी. तो वहीं दूसरी तरफ स्थानांतरण हो चुके शिक्षकों को उनके जिले से कार्यमुक्त तो किया गया. पर उन्हें अभी तक विद्यालय का आवंटन ही नहीं हुआ है. ऐसे में विद्यालयों का आवंटन न होने और पुराने शिक्षकों के कार्य मुक्त हो जाने से एकल शिक्षा वाले विद्यालयों में पढ़ाई भी पूरी तरह से प्रभावित है.
इन विद्यालयों में शिक्षामित्र के सहारे शिक्षक कार्ड चल रहा है. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि विभाग ने शिक्षकों बिना पदोन्नति किया ही उनका तबादला कर दिया अब उन्हें दूसरे जिले से वापस भेजा जा रहा है. वही स्थानांतरित शिक्षक दो महीने से बसा के यहां उपस्थित लग रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद का कहना है कि शिक्षकों से जुड़े सभी प्रकरणों का निस्तारण जल्दी कर दिया जाएगा. विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसे पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की संख्या और उत्तर काफी बड़ा होने के कारण इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग रहा है.
- प्रदेश में कल शिक्षकों की संख्या- 4.53 लाख
- प्रदेश में कुल प्राथमिक विद्यालयों की संख्या- 1.36 लाख
- प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे कुल छात्रों की संख्या- 1.91 करोड़