लखनऊ: राजधानी में एक शिक्षक को पोलैंड से अंजान विदेशी महिला द्वारा भेजे जा रहे सरप्राइज गिफ्ट का मोह इतना महंगा पड़ गया कि उसने 3 बैंकों से एक करोड़ 85 लाख से अधिक रुपये का कर्ज ले लिया. बावजूद इसके उसे वो सरप्राइज गिफ्ट नहीं मिल सका. अब बैंक के कर्ज से पीड़ित शिक्षक हाई बीपी, सूगर और डिप्रेशन जैसी बिमारियों से घिर गया है. शिक्षक ने राजधानी के मदेयगंज थाने में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई है.
राजधानी के मदेयगंज स्थित त्रिवेणीनगर के रहने वाले 53 साल के नवीन सैम्युल सिंह शिक्षक है. उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को उनके पास खुद को लॉजिस्टिक विल्टन एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स मुंबई का डायरेक्टर बताने वाले जॉन स्पेंसर का कॉल आया था. स्पेंसर ने उनसे कहा कि पोलैंड से उनके लिए एक पार्सल आया है, जिसमें एक रिको ब्रांड की घड़ी, नेक लेस, ब्रेसलेट, एक G13 मोबाइल, एक एप्पल नोट पैड, एक परफ्यूम, टी शर्ट और भूरे रंग का लिफाफा है, जिसके शिपमेंट के रूप में 38 हजार रुपये भुगतान करना होगा. नवीन के मुताबिक, उनका कोई भी जानकार व्यक्ति पोलैंड में नहीं रहता है. ऐसे में उन्होंने पार्सल भेजने वाली फेलिक्स वारसा को कॉल किया. वारसा ने नवीन से कहा कि उन्होंने नवीन के कुछ ईसाई धर्म से जुड़े वीडियो देखे, जिनसे प्रभावित होकर गिफ्ट कर रही हैं. पीड़ित नवीन के मुताबिक, वारसा से बात होने के बाद लॉजिस्टिक विल्टन एक्सप्रेस के डाइरेक्टर जॉन स्पेंसर को 38 हजार रुपये दे दिए.
नवीन सैम्युल के मुतबिक, पहला पेमंट होने के बाद उन्हे जॉन ने बताया कि उन्हें पार्सल में मौजूद वस्तुओं के जीएसटी के रूप में 1 लाख 69 हजार, स्कैनिंग के दौरान पार्सल में रखे 5000 पौंड के लिए एंटी मनी लॉन्ड्रिंग का शुल्क 3,22000 और आयकर 13,87,500 रुपये देना होगा. नवीन ने इसका भी भुगतान कर दिया. इसके बाद धीरे-धीरे उनसे अलग-अलग मद के लिए पैसों की डिमांड की जाने लगी, जिसमें लगभग एक करोड़ 85 लाख 62 हजार 887 रुपये वसूल लिए गए.
पीड़ित ने बताया कि शुरूआत में फंस गए पैसों को निकालने के लिए उन्होंने तीन बैंकों से डेढ करोड़ रुपये से अधिक पैसे लोन लिया था. ऐसे में जब उनके पास कुछ नहीं बचा तो उन्होने जॉन से ये पूरा मामला खत्म करने की बात कही तो उनसे फिर साढ़े चार लाख रुपये की मांग की जाने लगी, जिसे देने से उन्होंने इंकार कर दिया. इंस्पेक्टर मदेयगंज अजय नारायण सिंह ने बताया कि नवीन सैमयूल सिंह ने खुद के साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत की थी. उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और साइबर सेल की मदद से धोखाधड़ी करने वालों की तलाश की जा रही है.
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