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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में उलझा शिक्षक भर्ती का पेंच

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (King George's Medical University) में शिक्षक भर्ती के मामले में एडीएम प्रशासन को मंगलवार को अपना पक्ष रखना है.

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Published : May 23, 2023, 9:47 AM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (King George's Medical University) में शिक्षक भर्ती का पेज उलझता जा रहा है. राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच की शिकायत के बाद अनुसूचित जाति आयोग ने केजीएमयू को तलब किया है. एडीएम प्रशासन को मंगलवार को भर्ती मामले में अपना पक्ष रखना है.

राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच के संयुक्त मंत्री सुशील कुमार चौधरी ने आयोग को की गई शिकायत में ईडब्ल्यूएस कोटे के आरक्षण रोस्टर के लिए जारी शासनादेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. उनके अनुसार नियम विरुद्ध 80 पदों के विज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को रोस्टर में दसवां पद न देकर मनमाने विभागों में आरक्षण दिया गया है. इसकी वजह से अन्य वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इस मामले में आयोग की सदस्य डॉ अंजू बाला के निर्देश पर 23 मार्च ने केजीएमयू प्रशासन कार्यालय में उपस्थित होने का अनुरोध किया था. केजीएमयू प्रशासन ने आयोग में उपस्थित होने में असमर्थता बताई थी. इसके बाद अब 23 मई की तारीख नियत की गई है. इसके साथ ही आयोग के पत्र में केजीएमयू प्रशासन को समय के भीतर उत्तर न देने पर संवैधानिक शाक्तियों का प्रयोग करने की बात कही गई है.

एक साल से लटकी है भर्ती प्रक्रिया: केजीएमयू में इस समय 500 से ज्यादा शिक्षकों के पद हैं. इसमें से काफी पद अभी खाली हैं. इनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने पिछले साल विज्ञापन निकाला था इस विज्ञापन में आरक्षण नियमों का पालन न करने की वजह से बदलाव करना पड़ा. अब एक बार फिर से इसमें पेंच फंस गया है.

ये भी पढ़ें- यूपी के होमगार्ड्स को जल्द ही विभाग से मिलना शुरू होगा वेतन

लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (King George's Medical University) में शिक्षक भर्ती का पेज उलझता जा रहा है. राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच की शिकायत के बाद अनुसूचित जाति आयोग ने केजीएमयू को तलब किया है. एडीएम प्रशासन को मंगलवार को भर्ती मामले में अपना पक्ष रखना है.

राष्ट्रीय अधिवक्ता मंच के संयुक्त मंत्री सुशील कुमार चौधरी ने आयोग को की गई शिकायत में ईडब्ल्यूएस कोटे के आरक्षण रोस्टर के लिए जारी शासनादेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. उनके अनुसार नियम विरुद्ध 80 पदों के विज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को रोस्टर में दसवां पद न देकर मनमाने विभागों में आरक्षण दिया गया है. इसकी वजह से अन्य वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इस मामले में आयोग की सदस्य डॉ अंजू बाला के निर्देश पर 23 मार्च ने केजीएमयू प्रशासन कार्यालय में उपस्थित होने का अनुरोध किया था. केजीएमयू प्रशासन ने आयोग में उपस्थित होने में असमर्थता बताई थी. इसके बाद अब 23 मई की तारीख नियत की गई है. इसके साथ ही आयोग के पत्र में केजीएमयू प्रशासन को समय के भीतर उत्तर न देने पर संवैधानिक शाक्तियों का प्रयोग करने की बात कही गई है.

एक साल से लटकी है भर्ती प्रक्रिया: केजीएमयू में इस समय 500 से ज्यादा शिक्षकों के पद हैं. इसमें से काफी पद अभी खाली हैं. इनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने पिछले साल विज्ञापन निकाला था इस विज्ञापन में आरक्षण नियमों का पालन न करने की वजह से बदलाव करना पड़ा. अब एक बार फिर से इसमें पेंच फंस गया है.

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