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शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा- पेंशन में सरकारी योगदान कम करना दुर्भाग्यपूर्ण

सरकारी कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम में सरकारी अंशदान चार प्रतिशत कम किए जाने को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसको लेकर संघ के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओमप्रकाश शर्मा ने पीएम और वित्त मंत्री को पत्र लिखा है.

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Published : Apr 30, 2020, 1:29 PM IST

शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र.
शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र.

लखनऊ: सरकारी कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम में सरकारी अंशदान चार प्रतिशत कम किए जाने को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. संघ के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओमप्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि अगर सरकार इसी तरह का व्यवहार करती है, तो शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन करना पड़ेगा.

शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री और प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार का यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के भविष्य और हित के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. संघ के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के शासकीय योगदान को सरकार ने 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है, जबकि इससे पहले प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

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उन्होंने कहा कि सरकार का यह कार्य प्रधानमंत्री के पुराने बयान का विरोधाभास है. वेतन भोगी कर्मचारियों के हितों को रौंदने में जुटी सरकार कब विश्राम लेगी यह तो समय बताएगा, लेकिन इससे देश और प्रदेश के कर्मचारियों और शिक्षकों में घोर निराशा का माहौल है. नई पेंशन योजना में सरकारी अनुदान की कटौती और कारपोरेट जगत के लिए उदारतापूर्ण घोषणाओं ने सभी लोगों को चिंतित किया है.

लखनऊ: सरकारी कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम में सरकारी अंशदान चार प्रतिशत कम किए जाने को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. संघ के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओमप्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि अगर सरकार इसी तरह का व्यवहार करती है, तो शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन करना पड़ेगा.

शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री और प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार का यह फैसला सरकारी कर्मचारियों के भविष्य और हित के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. संघ के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के शासकीय योगदान को सरकार ने 14 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है, जबकि इससे पहले प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

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उन्होंने कहा कि सरकार का यह कार्य प्रधानमंत्री के पुराने बयान का विरोधाभास है. वेतन भोगी कर्मचारियों के हितों को रौंदने में जुटी सरकार कब विश्राम लेगी यह तो समय बताएगा, लेकिन इससे देश और प्रदेश के कर्मचारियों और शिक्षकों में घोर निराशा का माहौल है. नई पेंशन योजना में सरकारी अनुदान की कटौती और कारपोरेट जगत के लिए उदारतापूर्ण घोषणाओं ने सभी लोगों को चिंतित किया है.

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