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टीबी के मरीजों को मिलेगी दर्द से राहत, ओरल दवाइयों पर ध्यान दे रहा स्वास्थ्य विभाग

क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को अब दर्द से राहत मिलेगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ओरल दवाइयों पर ध्यान दे रहा है. बीते 2 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सबसे ज्यादा मरीजों को चिन्हित कर उनका इलाज किया जा रहा है.

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Published : Jan 9, 2020, 10:51 PM IST

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क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को अब दर्द से राहत

लखनऊ: टीबी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो समय रहते जिस पर काबू नहीं पाया गया तो जानलेवा बन जाती है. इसी कारण देशभर में टीबी के इलाज का प्रचार-प्रसार भी जोरों शोरों पर किया जा रहा है. ताकि समय रहते लोगों को उचित इलाज देकर बचाया जा सके. जब इसका इलाज शुरू होता है तो मरीज को काफी दर्द से गुजारना पड़ता है. अब उसी दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक पहल करने जा रहा है. इससे मरीजों को इलाज के दौरान दर्द नहीं झेलना पड़ेगा.

क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को अब दर्द से राहत
बीते 2 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल सबसे ज्यादा मरीजों को चिन्हित कर उनको इलाज दिया गया. यह इलाज कई महीने चलता है. इसमें मरीज को लगातार दर्दभरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसकी वजह से कई बार यह भी देखा गया है कि मरीज अपने मर्ज को छुपाते हैं. ताकि उन्हें यह दर्द न झेलना पड़े.

ओरल दवाइयों पर ध्यान दिया जा रहा

  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रग रेजिस्टेंट टीबी को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है.
  • इसके लिए स्वास्थ विभाग द्वारा टीबी के मरीजों को ओरल दवाइयां देने पर ध्यान दिया जा रहा है.
  • पहले टीबी के इलाज के दौरान इलाज में कई तरह के इंजेक्शन आदि लगते थे.
  • इसकी वजह से मरीजों को इलाज के दौरान असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ती है.
  • इंजेक्शन इतने हैवी डोज के होते है कि कई बार मरीज परेशान होकर के इलाज बीच में छोड़ देता है.
  • इलाज की प्रक्रिया में दवाइयों को शामिल किया जाएगा और इंजेक्शन से छुटकारा दिलाया जाएगा.

लखनऊ: टीबी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो समय रहते जिस पर काबू नहीं पाया गया तो जानलेवा बन जाती है. इसी कारण देशभर में टीबी के इलाज का प्रचार-प्रसार भी जोरों शोरों पर किया जा रहा है. ताकि समय रहते लोगों को उचित इलाज देकर बचाया जा सके. जब इसका इलाज शुरू होता है तो मरीज को काफी दर्द से गुजारना पड़ता है. अब उसी दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक पहल करने जा रहा है. इससे मरीजों को इलाज के दौरान दर्द नहीं झेलना पड़ेगा.

क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को अब दर्द से राहत
बीते 2 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल सबसे ज्यादा मरीजों को चिन्हित कर उनको इलाज दिया गया. यह इलाज कई महीने चलता है. इसमें मरीज को लगातार दर्दभरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसकी वजह से कई बार यह भी देखा गया है कि मरीज अपने मर्ज को छुपाते हैं. ताकि उन्हें यह दर्द न झेलना पड़े.

ओरल दवाइयों पर ध्यान दिया जा रहा

  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रग रेजिस्टेंट टीबी को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है.
  • इसके लिए स्वास्थ विभाग द्वारा टीबी के मरीजों को ओरल दवाइयां देने पर ध्यान दिया जा रहा है.
  • पहले टीबी के इलाज के दौरान इलाज में कई तरह के इंजेक्शन आदि लगते थे.
  • इसकी वजह से मरीजों को इलाज के दौरान असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ती है.
  • इंजेक्शन इतने हैवी डोज के होते है कि कई बार मरीज परेशान होकर के इलाज बीच में छोड़ देता है.
  • इलाज की प्रक्रिया में दवाइयों को शामिल किया जाएगा और इंजेक्शन से छुटकारा दिलाया जाएगा.
Intro:




टीबी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है।जो अगर समय रहते जिस पर काबू नहीं पाया गया तो जानलेवा बन जाती है।इसी कारण देशभर में टीबी के इलाज का प्रचार-प्रसार भी जोरों शोरों पर किया जा रहा है। जिसमें समय रहते लोगों को उचित इलाज देकर बचाया जा सके। लेकिन इसका इलाज तब शुरू होता है तो मरीज को काफी दर्द से गुजारना पड़ता है। लेकिन अब उसी दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए स्वास्थ्य भागने एक नई पहल शुरू करने जा रहा है। जिससे मरीजों को इलाज के दौरान दर्द नहीं झेलना पड़ेगा।





Body:उत्तर प्रदेश में बीते साल टीबी के खात्मे के लिए स्वास्थ विभाग ने जबरदस्त काम किया।जिसमें बीते 2 सालों के रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल सबसे ज्यादा मरीजों को चिन्हित कर उनको इलाज दिया गया। इसी इलाज के दौरान मरीजों को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है। यह इलाज कई महीने चलता है। जिसमें मरीज को लगातार इस दर्दभरी इलाज की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जो की असहनीय पीड़ा मरीजों को देता है।इसकी वजह से कई बार यह भी देखा गया है कि मरीज अपने मर्ज को छुपाते हैं। जिससे कि उन्हें यह दर्द इलाज के दौरान ना झेलना पड़े।इसी कारण अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रग रेजिस्टेंट टीबी को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान दर्द न झेलना पड़े। इसके लिए स्वास्थ विभाग द्वारा टीबी के मरीजों को ओरल दवाइयां देने पर ध्यान दिया जा रहा है। दरअसल पहले टीबी के इलाज के दौरान इलाज में कई तरह के इंजेक्शन आदि लगते हैं।जिसकी वजह से मरीजों को असहनीय इलाज के दौरान झेलनी पड़ती है।इंजेक्शन इतने हैवी डोज़ होते है कि कई बार मरीज परेशान होकर के इलाज को बीच में छोड़ देना ही जरूरी समझते हैं। इसके बाद स्वास्थ विभाग द्वारा या निर्णय लिया गया है कि अब इस दर्दनाक प्रक्रिया को छोड़ कर के पूरे इलाज की प्रक्रिया में दवाइयों को शामिल किया जाएगा और इंजेक्शन से छुटकारा दिलाया जाएगा। इससे संबंधित जानकारी हमसे साझा की महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ ज्ञान प्रकाश ने

बाइट- डॉ ज्ञान प्रकाश, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य




Conclusion:उम्मीद है इलाज के दौरान मरीजों को स्वास्थ विभाग द्वारा उठाए गए। इस कदम से राहत मिलेगी और इस दर्दनाक व्यवस्था से भी छुटकारा मिलेगा ।जिसके बाद मरीजों को इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी और स्वास्थ विभाग को टीबी के मरीजों को बेहतर इलाज देने में भी सहायता मिलेगी।


एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
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