ETV Bharat / state

अब स्वास्थ्य केंद्रों पर ट्रूनाट मशीन से होगी टीबी बीमारी की जांच, पहचान कर जल्द शुरू हो सकेगा इलाज

केंद्र सरकार और राज्य सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए अलग-अलग (TB disease will be tested with TrueNat machine) अभियान चला रहे हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी व सीएचसी) पर ट्रूनाट मशीनों द्वारा टीबी की जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 7:30 PM IST

लखनऊ : सरकार की मुहीम है कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त देश बनाया जाए. इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार अलग-अलग अभियान भी चला रहे हैं. अब इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी व सीएचसी) पर ट्रूनाट मशीनों द्वारा टीबी की जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ट्रूनाट मशीनों की मैपिंग कराकर लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि टीबी लक्षण युक्त मरीजों की जांच जल्द हो सके. इसके अलावा ट्रूनाट मशीनों की उपयोगिता रिपोर्ट भी हर माह राज्य स्तर पर भेजने को कहा गया है.

स्वास्थ्य भवन
स्वास्थ्य भवन

स्क्रीनिंग और सैंपल लेने की व्यवस्था : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी स्क्रीनिंग और सैंपल लेने की व्यवस्था की गई है, ताकि जल्द से जल्द टीबी मरीजों की पहचान कर उनका शीघ्र इलाज शुरू किया जा सके. नोटिफिकेशन बढ़ाने के साथ ही छूटे हुए मरीजों को निक्षय पोर्टल पर नोटिफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण के लिए मिलने वाली 500 रुपये की राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. प्रथम किश्त एक हजार रुपये की राशि का भुगतान करने की तिथि 15 दिसम्बर निर्धारित की गई थी, जिन मरीजों के बैंक खाते का विवरण उपलब्ध नहीं है, उसे भी शीघ्र अपडेट किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.'

बीमारी की जांच
बीमारी की जांच

हर सीएचसी पीएचसी में होगी जांच : उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 821 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 बेड हैं यानि पूरे प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 24630 बेड हैं, वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों की संख्या 4,600 है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच के लिए ट्रूनाट मशीन स्थापित की जाएगी. जिससे जिस क्षेत्र में सीएचसी या पीएचसी है. वहां के मरीजों को जांच के लिए अन्य बड़े संस्थानों में भटकना नहीं पड़ेगा.

मरीजों को मिलेगी सहूलियत : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'सबसे अहम बात हो जाती है कि उत्तर प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी है, जिसमें बहुत से लोग टीबी से पीड़ित हैं. कुछ लोग अपनी दवा करा पाते हैं तो वहीं कुछ लोग इस बात से भी अनभिज्ञ होते हैं कि उन्हें टीबी है या नहीं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर हर एक व्यक्ति को अपनी शारीरिक जांच जरूर करनी चाहिए. जिससे पता चलता रहे की अंदर ही अंदर कोई बीमारी तो नहीं हो रही है. अगर समय-समय पर लोग अपनी जांच कराएंगे तो बीमारी के शुरुआती स्टेज में ही उसका पता चल जाएगा. इस तरह उस मरीज को बीमारी के शुरुआती स्टेज में ही बेहतर इलाज सुनिश्चित हो पाएगा. सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रूनाट मशीन स्थापित हो जाने के बाद मरीज को काफी सहूलियत होगी. उन्हें बड़े मेडिकल संस्थानों में भटकना नहीं पड़ेगा और साथ ही बहुत से ऐसे मरीज हैं जिन्होंने कभी जांच नहीं कराई होगी. वह मरीज भी अपनी जांच करा पाएंगे. अगर किसी मरीज को टीबी निकलता है तो उसके बाद समय पर समुचित इलाज भी शुरू हो जाएगा.'

मरीजों की टीबी रिपोर्ट आई पॉजीटिव : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी स्क्रीनिंग और सैम्पल लेने की व्यवस्था की गयी है ताकि जल्द से जल्द टीबी मरीजों की पहचान कर उनका शीघ्र इलाज शुरू किया जा सके. उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के टीबी मरीजों नोटिफिकेशन का लक्ष्य करीब 2.24 लाख है, जिसे समय से पूरा करने के लिए प्रदेश में 7 से 14 दिसम्बर तक विशेष अभियान चला और फिर 17 और 18 दिसंबर को अटल चौक मेला अभियान चला, जिसमें कई मरीजों की टीबी रिपोर्ट पॉजीटिव आई. फिर उनका टीबी का इलाज शुरू कर दिया गया. स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण के लिए मिलने वाली 500 रुपये की राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. प्रथम किश्त 1000 रुपये की राशि का भुगतान 15 दिसम्बर तक अवश्य किए जाने का निर्देश था.'

यह भी पढ़ें : योगी सरकार का बड़ा निर्णय : साइबर अपराधियों पर कसी जाएगी नकेल, यूपी के 57 जनपदों में खुलेंगे साइबर क्राइम थाने

यह भी पढ़ें : नवनिर्मित मेडिकल संस्थानों में लगाई जाएंगी 22 एमआरआई मशीन, सरकारी अस्पतालों के लिए भेजी जाएंगी नौ

लखनऊ : सरकार की मुहीम है कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त देश बनाया जाए. इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार अलग-अलग अभियान भी चला रहे हैं. अब इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी व सीएचसी) पर ट्रूनाट मशीनों द्वारा टीबी की जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ट्रूनाट मशीनों की मैपिंग कराकर लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि टीबी लक्षण युक्त मरीजों की जांच जल्द हो सके. इसके अलावा ट्रूनाट मशीनों की उपयोगिता रिपोर्ट भी हर माह राज्य स्तर पर भेजने को कहा गया है.

स्वास्थ्य भवन
स्वास्थ्य भवन

स्क्रीनिंग और सैंपल लेने की व्यवस्था : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी स्क्रीनिंग और सैंपल लेने की व्यवस्था की गई है, ताकि जल्द से जल्द टीबी मरीजों की पहचान कर उनका शीघ्र इलाज शुरू किया जा सके. नोटिफिकेशन बढ़ाने के साथ ही छूटे हुए मरीजों को निक्षय पोर्टल पर नोटिफाई कराने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण के लिए मिलने वाली 500 रुपये की राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. प्रथम किश्त एक हजार रुपये की राशि का भुगतान करने की तिथि 15 दिसम्बर निर्धारित की गई थी, जिन मरीजों के बैंक खाते का विवरण उपलब्ध नहीं है, उसे भी शीघ्र अपडेट किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.'

बीमारी की जांच
बीमारी की जांच

हर सीएचसी पीएचसी में होगी जांच : उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 821 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 बेड हैं यानि पूरे प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 24630 बेड हैं, वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों की संख्या 4,600 है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच के लिए ट्रूनाट मशीन स्थापित की जाएगी. जिससे जिस क्षेत्र में सीएचसी या पीएचसी है. वहां के मरीजों को जांच के लिए अन्य बड़े संस्थानों में भटकना नहीं पड़ेगा.

मरीजों को मिलेगी सहूलियत : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'सबसे अहम बात हो जाती है कि उत्तर प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी है, जिसमें बहुत से लोग टीबी से पीड़ित हैं. कुछ लोग अपनी दवा करा पाते हैं तो वहीं कुछ लोग इस बात से भी अनभिज्ञ होते हैं कि उन्हें टीबी है या नहीं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर हर एक व्यक्ति को अपनी शारीरिक जांच जरूर करनी चाहिए. जिससे पता चलता रहे की अंदर ही अंदर कोई बीमारी तो नहीं हो रही है. अगर समय-समय पर लोग अपनी जांच कराएंगे तो बीमारी के शुरुआती स्टेज में ही उसका पता चल जाएगा. इस तरह उस मरीज को बीमारी के शुरुआती स्टेज में ही बेहतर इलाज सुनिश्चित हो पाएगा. सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रूनाट मशीन स्थापित हो जाने के बाद मरीज को काफी सहूलियत होगी. उन्हें बड़े मेडिकल संस्थानों में भटकना नहीं पड़ेगा और साथ ही बहुत से ऐसे मरीज हैं जिन्होंने कभी जांच नहीं कराई होगी. वह मरीज भी अपनी जांच करा पाएंगे. अगर किसी मरीज को टीबी निकलता है तो उसके बाद समय पर समुचित इलाज भी शुरू हो जाएगा.'

मरीजों की टीबी रिपोर्ट आई पॉजीटिव : स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी स्क्रीनिंग और सैम्पल लेने की व्यवस्था की गयी है ताकि जल्द से जल्द टीबी मरीजों की पहचान कर उनका शीघ्र इलाज शुरू किया जा सके. उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के टीबी मरीजों नोटिफिकेशन का लक्ष्य करीब 2.24 लाख है, जिसे समय से पूरा करने के लिए प्रदेश में 7 से 14 दिसम्बर तक विशेष अभियान चला और फिर 17 और 18 दिसंबर को अटल चौक मेला अभियान चला, जिसमें कई मरीजों की टीबी रिपोर्ट पॉजीटिव आई. फिर उनका टीबी का इलाज शुरू कर दिया गया. स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को पोषण के लिए मिलने वाली 500 रुपये की राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. प्रथम किश्त 1000 रुपये की राशि का भुगतान 15 दिसम्बर तक अवश्य किए जाने का निर्देश था.'

यह भी पढ़ें : योगी सरकार का बड़ा निर्णय : साइबर अपराधियों पर कसी जाएगी नकेल, यूपी के 57 जनपदों में खुलेंगे साइबर क्राइम थाने

यह भी पढ़ें : नवनिर्मित मेडिकल संस्थानों में लगाई जाएंगी 22 एमआरआई मशीन, सरकारी अस्पतालों के लिए भेजी जाएंगी नौ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.