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वर्ल्ड टीबी डे पर सौगात, प्रदेश के इन मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा इलाज

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Published : Mar 24, 2022, 2:34 PM IST

यूपी सरकार जल्द ही नए 9 मेडिकल कॉलेजों में टीबी का इलाज शुरू करने जा रही है. इसके जांच के लिए लैब बनेगी. गंभीर मरीजों की भर्ती के लिए वार्ड भी होंगे. इलाज की यह व्यवस्था प्रदेश के 9 जिलों में हाल ही में खुले नए मेडिकल कॉलेजों में की जाएगी.

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प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा टीबी का इलाज

लखनऊ: 24 मार्च वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार जल्द ही नए 9 मेडिकल कॉलेजों में इलाज शुरू करने जा रही है. इसके जांच के लिए लैब बनेगी. साथ ही गंभीर मरीजों की भर्ती के लिए वार्ड भी होंगे. इलाज की यह व्यवस्था प्रदेश के 9 जिलों में हाल ही में खुले नए मेडिकल कॉलेजों में की जाएगी.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में साढ़े चार लाख टीबी के मरीज हैं. इनके बेहतर इलाज व जांच की सुविधाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में नेशनल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एनएमसी) के नियमों के मुताबिक हर कॉलेज को क्षय नियंत्रण कार्यक्रम से जोड़ना होगा. इसके लिए 9 नए मेडिकल कॉलेज में माइक्रोस्कोपिक सेंटर व ट्रीटमेंट सेंटर खोले जाएंगे. इसके लिए आवश्यक उपकरण भेज दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- कोरोना से भी खतरनाक है टीबी रोग, हर 3 मिनट में होती है 2 मरीजों की मौत

बता दें कि इस वर्ष प्रदेश में 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले हैं. यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर व मिर्जापुर में हैं. इन सभी मेडिकल कॉलजों में टीबी का इलाज शुरू किए जाने की तैयारी है. आंकड़ो की मानें तो यूपी में करीब 4.5 लाख टीबी के मरीज हैं. इनके इलाज के लिए 166 सीबी नॉट लैब, 458 ट्रू नेट लैब, 9 कल्चर एंड ड्रग सेंसिटीविटी लैब, 22 डीआरटीबी डॉट्स प्लस सेंटर, 56 डिस्ट्रिक डीआरटीबी यूनिट और 1130 टीबी यूनिट मौजूद हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: 24 मार्च वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार जल्द ही नए 9 मेडिकल कॉलेजों में इलाज शुरू करने जा रही है. इसके जांच के लिए लैब बनेगी. साथ ही गंभीर मरीजों की भर्ती के लिए वार्ड भी होंगे. इलाज की यह व्यवस्था प्रदेश के 9 जिलों में हाल ही में खुले नए मेडिकल कॉलेजों में की जाएगी.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में साढ़े चार लाख टीबी के मरीज हैं. इनके बेहतर इलाज व जांच की सुविधाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में नेशनल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एनएमसी) के नियमों के मुताबिक हर कॉलेज को क्षय नियंत्रण कार्यक्रम से जोड़ना होगा. इसके लिए 9 नए मेडिकल कॉलेज में माइक्रोस्कोपिक सेंटर व ट्रीटमेंट सेंटर खोले जाएंगे. इसके लिए आवश्यक उपकरण भेज दिए गए हैं.

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बता दें कि इस वर्ष प्रदेश में 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले हैं. यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर व मिर्जापुर में हैं. इन सभी मेडिकल कॉलजों में टीबी का इलाज शुरू किए जाने की तैयारी है. आंकड़ो की मानें तो यूपी में करीब 4.5 लाख टीबी के मरीज हैं. इनके इलाज के लिए 166 सीबी नॉट लैब, 458 ट्रू नेट लैब, 9 कल्चर एंड ड्रग सेंसिटीविटी लैब, 22 डीआरटीबी डॉट्स प्लस सेंटर, 56 डिस्ट्रिक डीआरटीबी यूनिट और 1130 टीबी यूनिट मौजूद हैं.

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