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सावधान ! जानलेवा है हैजा रोग, निरोगी रहने के लिए अपनाएं ये टिप्स..

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Published : Aug 16, 2021, 5:49 PM IST

हैजा(Cholera) बैक्टीरिया से पनपने वाली एक जानलेवा बीमारी है, इस बीमारी से ग्रसित मरीज को समय पर इलाज न मिलने से उसकी 3 घंटे के अंदर मृत्यु हो सकती है. इस बामारी के कारण और बचाव को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लखनऊ के सिविल अस्पताल की डॉक्टर सुनीता से बातचीत की. बातचीत के दौरान डॉ. सुनीता ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. क्या कुछ कहा डॉक्टर सुनीता ने यह जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए..

जानलेवा है हैजा रोग
जानलेवा है हैजा रोग

लखनऊ : हैजा बैक्टीरिया से होने वाला जानलेवा रोग है, जो पानी से फैलता है. इस रोग के कारण मरीज में दस्त और पानी की कमी हो जाती है. इस रोग से पीड़ित मरीज को समय से इलाज न मिलने पर उसकी मौत हो जाती है. राजधानी स्थित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की डॉ. सुनीता ने बताया, कि हैजा वाइब्रियो कॉलेरी एक ग्राम नेगेटिव जीवाणु है, जो एक एंटेरोटॉक्सिन कॉलेरा टोक्सिन का उत्पादन करता हैं. इस रोग में व्यक्ति को अत्याधिक दस्त होता है और दस्त की वजह से शरीर में ग्लूकोज की कमी यानी डिहाइड्रेशन होने लगता है. यही वजह है, कि अगर हैजा के रोगी को सही समय पर इलाज नहीं मिलता है तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो जाती है. सिविल अस्पताल में ड्यूटी कर रहीं डॉ. सुनीता बताती हैं, कि उनकी ड्यूटी बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी वार्ड में है.

अभी हाल ही में हैजा के कारण तीन बच्चे अपनी जिंदगी खो चुके हैं. बता दें, कि बीते कुछ दिन पहल हजरतगंज स्थित बालू अड्डा क्षेत्र में दूषित पानी पीने के कारण कई लोग हैजा के शिकार हुए थे. जिसमें से तीन बच्चों को सही समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई थी. बच्चों की मौत की किस बीमारी के कारण हुई है, इसकी जानकारी केजीएमयू की जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो गया था. वर्तमान में भी बड़ी संख्या में लोग हैजा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि ये मरीज रिकवर भी हो रहे हैं, कुछ मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया है. डॉक्टर सुनीता बतातीं हैं, कि हैजा यानी कॉलेरा होने की मुख्य वजह दूषित पानी है.

जानलेवा है हैजा रोग

स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें, गंदे पानी की वजह से हैजा बीमारी फैलती है. बहुत सारे लोग सोचते हैं कि ठंडा पानी पीने, आइसक्रीम खाने आदि से कॉलेरा हो जाता है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, हैजा बीमारी पनपने की सिर्फ एक मुख्य वजह दूषित पानी है. अगर आप स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करते हैं तो आपको हैजा की बीमारी नहीं हो सकती. हैजा से ग्रसित रोगी को यदि समय से इलाज न मिले, तो उसकी 3 घंटे घंटे के अंदर मृत्यु हो सकती है.

सामान्य तौर पर हैजा से ग्रसित मरीज को पहले पतले दस्त होते हैं और 4 से 12 घंटे में वह आघात की अवस्था में पहुंच सकता है. अगर मरीज को मौखिक पुनर्जनीकरण चिकित्सा प्रदान नहीं की जाती है, तो 18 घंटे के भीतर मरीज की मृत्यु हो सकती हैं. डॉ. सुनीता बतातीं हैं, कि विश्व स्तर पर दो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पूर्व योग्य मौखिक हैजा टीके उपलब्ध हैं. जिनके नाम Dukomal और Shanchol/MoRS. हैं. डूकोरल वयस्क और 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए है जबकि शैंकॉल 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए होता है.

डॉ. सुनीता बतातीं हैं कि, हैजा बीमारी सिर्फ दूषित पानी की वजह से होती है. इसलिए इस बीमारी का बचाव भी एक ही है. इस बीमारी से बचने के लिए जितना संभव हो स्वच्छ पानी पीना चाहिए. काफी लोगों के पास मिनरल वॉटर पीने के संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में पानी को 100 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करके भी सेवन कर सकते हैं. पानी को जब 100 डिग्री सेल्सियस में गर्म कर दिया जाएगा, तो पानी के सभी बैक्टीरिया मर जाएंगे. जिसके कारण पानी स्वच्छ हो जाएगा.

इसे पढ़ें- हैजा से हुई थी बालू अड्डा मौत, जांच रिपोर्ट में वजह आई सामने

लखनऊ : हैजा बैक्टीरिया से होने वाला जानलेवा रोग है, जो पानी से फैलता है. इस रोग के कारण मरीज में दस्त और पानी की कमी हो जाती है. इस रोग से पीड़ित मरीज को समय से इलाज न मिलने पर उसकी मौत हो जाती है. राजधानी स्थित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की डॉ. सुनीता ने बताया, कि हैजा वाइब्रियो कॉलेरी एक ग्राम नेगेटिव जीवाणु है, जो एक एंटेरोटॉक्सिन कॉलेरा टोक्सिन का उत्पादन करता हैं. इस रोग में व्यक्ति को अत्याधिक दस्त होता है और दस्त की वजह से शरीर में ग्लूकोज की कमी यानी डिहाइड्रेशन होने लगता है. यही वजह है, कि अगर हैजा के रोगी को सही समय पर इलाज नहीं मिलता है तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो जाती है. सिविल अस्पताल में ड्यूटी कर रहीं डॉ. सुनीता बताती हैं, कि उनकी ड्यूटी बीते कुछ दिनों से इमरजेंसी वार्ड में है.

अभी हाल ही में हैजा के कारण तीन बच्चे अपनी जिंदगी खो चुके हैं. बता दें, कि बीते कुछ दिन पहल हजरतगंज स्थित बालू अड्डा क्षेत्र में दूषित पानी पीने के कारण कई लोग हैजा के शिकार हुए थे. जिसमें से तीन बच्चों को सही समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई थी. बच्चों की मौत की किस बीमारी के कारण हुई है, इसकी जानकारी केजीएमयू की जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो गया था. वर्तमान में भी बड़ी संख्या में लोग हैजा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि ये मरीज रिकवर भी हो रहे हैं, कुछ मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया है. डॉक्टर सुनीता बतातीं हैं, कि हैजा यानी कॉलेरा होने की मुख्य वजह दूषित पानी है.

जानलेवा है हैजा रोग

स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें, गंदे पानी की वजह से हैजा बीमारी फैलती है. बहुत सारे लोग सोचते हैं कि ठंडा पानी पीने, आइसक्रीम खाने आदि से कॉलेरा हो जाता है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, हैजा बीमारी पनपने की सिर्फ एक मुख्य वजह दूषित पानी है. अगर आप स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करते हैं तो आपको हैजा की बीमारी नहीं हो सकती. हैजा से ग्रसित रोगी को यदि समय से इलाज न मिले, तो उसकी 3 घंटे घंटे के अंदर मृत्यु हो सकती है.

सामान्य तौर पर हैजा से ग्रसित मरीज को पहले पतले दस्त होते हैं और 4 से 12 घंटे में वह आघात की अवस्था में पहुंच सकता है. अगर मरीज को मौखिक पुनर्जनीकरण चिकित्सा प्रदान नहीं की जाती है, तो 18 घंटे के भीतर मरीज की मृत्यु हो सकती हैं. डॉ. सुनीता बतातीं हैं, कि विश्व स्तर पर दो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पूर्व योग्य मौखिक हैजा टीके उपलब्ध हैं. जिनके नाम Dukomal और Shanchol/MoRS. हैं. डूकोरल वयस्क और 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए है जबकि शैंकॉल 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए होता है.

डॉ. सुनीता बतातीं हैं कि, हैजा बीमारी सिर्फ दूषित पानी की वजह से होती है. इसलिए इस बीमारी का बचाव भी एक ही है. इस बीमारी से बचने के लिए जितना संभव हो स्वच्छ पानी पीना चाहिए. काफी लोगों के पास मिनरल वॉटर पीने के संसाधन उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में पानी को 100 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करके भी सेवन कर सकते हैं. पानी को जब 100 डिग्री सेल्सियस में गर्म कर दिया जाएगा, तो पानी के सभी बैक्टीरिया मर जाएंगे. जिसके कारण पानी स्वच्छ हो जाएगा.

इसे पढ़ें- हैजा से हुई थी बालू अड्डा मौत, जांच रिपोर्ट में वजह आई सामने

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