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लोहिया संस्थान के चिकित्सक के खिलाफ दी तहरीर

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Published : May 3, 2021, 10:41 PM IST

डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के एक चिकित्सक द्वारा जीवित महिला को मृत दिखाने के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिय है.

लोहिया संस्थान के चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दी
लोहिया संस्थान के चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दी

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के एक चिकित्सक द्वारा जीवित महिला को मृत दिखाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. महिला के परिजनों ने संस्थान के चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी के लिए थाने में तहरीर दी है. साथ ही मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय भटनागर से भी की है. हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ऐसी किसी जानकारी से ही इनकार किया है.

मई की है घटना, जीवित महिला को घोषित किया था मृत

गोमती नगर विभूति खंड थाने में दी गई तहरीर में इंदिरा नगर 8 बटे 43 हरिहर नगर निवासी सुनील कुमार पुत्र स्वर्गीय हीरालाल कुरील ने कहां कि 28 अप्रैल को उनकी माता सुखरानी गौतम की तबीयत खराब होने पर उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था. उनकी मां को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया. 2 मई को शाम 5:27 पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया.


घर पहुंचा तो देखा सांसें चल रहीं थीं

तहरीर में कहा गया है कि जब वह अपनी मां को लेकर घर पहुंचे तो उनकी सांसें चल रहीं थीं. पास के क्लीनिक से डॉक्टर से संपर्क किया तो उनके कंपाउंडर द्वारा जांच की गई. पता चला कि उनकी माता जीवित हैं. ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन लेवल 50 दिखा रहा था.

यह भी पढ़ें : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी, 'पांचवें दिन मार दूंगा'

किसी अस्पताल में नहीं मिल सका इलाज

सुनील कुमार का कहना है कि इसके बाद वह अपनी माताजी को लेकर कई अस्पतालों में गए लेकिन कहीं बैड नहीं मिला. रात्रि 10 बजे डालीगंज अस्पताल लेकर पहुंचे ही थे कि अस्पताल के बाहर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

डॉ. एसएस त्रिपाठी को ठहराया जिम्मेदार

तहरीर में सुनील कुमार ने अपनी मां की मौत के लिए लोहिया संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसएस त्रिपाठी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस संदर्भ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय भटनागर से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के एक चिकित्सक द्वारा जीवित महिला को मृत दिखाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. महिला के परिजनों ने संस्थान के चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी के लिए थाने में तहरीर दी है. साथ ही मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय भटनागर से भी की है. हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ऐसी किसी जानकारी से ही इनकार किया है.

मई की है घटना, जीवित महिला को घोषित किया था मृत

गोमती नगर विभूति खंड थाने में दी गई तहरीर में इंदिरा नगर 8 बटे 43 हरिहर नगर निवासी सुनील कुमार पुत्र स्वर्गीय हीरालाल कुरील ने कहां कि 28 अप्रैल को उनकी माता सुखरानी गौतम की तबीयत खराब होने पर उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था. उनकी मां को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया. 2 मई को शाम 5:27 पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया.


घर पहुंचा तो देखा सांसें चल रहीं थीं

तहरीर में कहा गया है कि जब वह अपनी मां को लेकर घर पहुंचे तो उनकी सांसें चल रहीं थीं. पास के क्लीनिक से डॉक्टर से संपर्क किया तो उनके कंपाउंडर द्वारा जांच की गई. पता चला कि उनकी माता जीवित हैं. ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन लेवल 50 दिखा रहा था.

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किसी अस्पताल में नहीं मिल सका इलाज

सुनील कुमार का कहना है कि इसके बाद वह अपनी माताजी को लेकर कई अस्पतालों में गए लेकिन कहीं बैड नहीं मिला. रात्रि 10 बजे डालीगंज अस्पताल लेकर पहुंचे ही थे कि अस्पताल के बाहर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

डॉ. एसएस त्रिपाठी को ठहराया जिम्मेदार

तहरीर में सुनील कुमार ने अपनी मां की मौत के लिए लोहिया संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसएस त्रिपाठी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस संदर्भ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय भटनागर से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

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