लखनऊ : भारतीय सांस्कृतिक परिषद की ओर से सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत इराक दौरे से वापस आए संगीत दल ने खूब वाहवाही लूटी. शास्त्रीय व लोक वाद्य का समूह 'तालयात्रा' अपनी उपलब्धियों में एक कड़ी और जोड़ चुका है. हाल ही में तालयात्रा समूह ने 30 सितंबर को इराक के इरबिल में भारतीय संगीत की शानदार परफार्मेन्स कर देश का गौरव बढ़ाया. ताल यात्रा के निदेशक शेख इब्राहिम वरिष्ठ तबला वादक है और मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के शागिर्द हैं. जाकिर हुसैन के साथ कई कार्यक्रमों में साथ में प्रस्तुति दे चुके हैं. तबले के अलावा कई पारंपरिक वाद्य यंत्रों को भी बजाते हैं.
इराक दौरे से लौटने के बाद शेख इब्राहिम ने बताया कि कुल 25 वाद्य यंत्रों के साथ विदेश में प्रस्तुति देना अपने आप में बहुत गौरव की बात. इराक के राज्य कुर्दिस्तान के शहर इरबिल के कॉन्सलेट जनरल ऑफ इंडिया मदन गोपाल के समक्ष कर नया अध्याय जुड़ गया है. इस दौरान कुर्दिस्तान के कई राजनयिक, राजनेता, गवर्नर व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सहित अनेक संगीत प्रेमियों ने खूब सराहना की.
तालयात्रा की दूसरी परफार्मेंस एक अक्टूबर 2023 को इरबिल के मशहूर होटल में हुई. जिसमें तालयात्रा समूह के वादकों का इरबिल के कॉन्सलेट जनरल ऑफ इंडिया मदन गोपाल की मौजूदगी में मीडिया इंटरेक्शन हुआ. जिसमें इरबिल की मीडिया ने भारत के दुर्लभ वाद्य यंत्रों की जानकारी ली और चर्चा की. इस सत्र में कलाकारों ने डिमांस्ट्रेटिव परफार्मेंस देकर भारतीय लोक व शास्त्रीय वाद्य यंत्र व उनकी वादन परंपरा साझा की. इसी दिन शाम को आईटीईसी ( एंटरप्रेन्योरशिप फार स्माल बिजनस ट्रेनर्स-प्रमोटर्स ) डे सलिब्रेशन में तालयात्रा समूह के कलाकारों ने अपनी परफार्मेंस दी. इस दौरान संगीत कला प्रेमियों ने अपनी-अपनी जगह खड़े होकर कलाकारों का सम्मान बढ़ाया.
चौथी परफार्मेंस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर इरबिल के सामी अब्दुल रहमान पार्क में हुई. यहां कलाकारों ने बापू की प्रिय रचनाओं को अपने पारंपरिक संगीत में पिरोकर पेश कर बापू को नमन किया. पांचवीं परफार्मेंस संस्कृति विभाग इरबिल के सहयोग से पेशवा ऑडिटोरियम में दी गई. इस दौरान इरबिल के नामी उद्योगपति, संस्कृति विभाग, आईसीसीआर सहित अनेक कला संस्थानों की हस्तियां शामिल रहीं. तीन अक्टूबर को इराक के स्वतंत्रता दिवस पर इराक के बगदाद शहर में स्थित इराक एम्बेसी में अंबेसडर और हस्तियों के बीच छठी परफार्मेंस कर बगदाद के लोगों की भारतीय संगीत परंपरा से रूबरू कराया. इसके अलावा इराक अबेंसी में हुई कार्यशाला में संगीतप्रेमियों से वाद्य यंत्रों के वादन की कला साझा की गई.
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