लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद पूरे राज्य में 5510 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. इसमें 4871 जगहों पर धान की पराली जलाए जाने की घटना सामने आई है, वहीं गन्ने की पराली 194 जगहों पर जलाने की बात सामने आई है. साथ ही कूड़ा जलाने की 366 घटनाएं हुईं हैं और अन्य 81 स्थानों को चिन्हित किया गया है.
राज्य में 5510 पराली जलाने की घटनाएं
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में पराली जलाने की 50 हजार से अधिक घटनाएं दर्ज होती रही हैं, लेकिन हमारी सरकार ने पूरी चौकसी बरतते हुए जागरूकता कार्यक्रम चलाए. इसकी वजह से यह संख्या घटकर पांच हजार पर पहुंची है.
कृषि मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पराली जलाए जाने की घटनाओं के बारे में बताया कि पराली जलाने की घटना को केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है.
एनजीटी द्वारा पराली जलाए जाने की घटना पर दंडात्मक कार्रवाई भी निर्धारित की गई है. इसके अंतर्गत दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों के लिए 2500 रुपये प्रति घटना, दो से पांच एकड़ भूमि जोत वाले लघु कृषकों के लिए 5000 रुपये प्रति घटना और पांच एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले कृषकों के लिए 15 हजार रुपये की राशि प्रति घटना निर्धारित की गई है.
इस घटना की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरूद्ध अभियोजन की कार्रवाई कर कारावास या अर्थदंड या फिर दोनों से दंडित किए जाने की व्यवस्था की गई है.
प्रदेश में एक अक्टूबर से 30 नवंबर 2019 तक कुल 4225 फसल अवशेष जलाने की घटनाएं हुई थी. एक अक्टूबर 2019 से 10 दिसंबर 2019 तक प्रदेश में फसल अवशेष जलाने की 5510 घटनाएं हुईं.
इन पर हुई कार्रवाई
दो सौ अट्ठारह व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. 526 विभागीय कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई. 1867 एफआईआर दर्ज हुई है. 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
23,71,632 लाख रुपया जुर्माना राशि लगाई गई. 66.03 लाख रुपये जुर्माना राशि वसूली गई. 1183.31 मीट्रिक टन पराली निराश्रित गोवंश स्थलों को भेजी गई. विभिन्न जिलों में 47 कंबाइन हार्वेस्टर जब्त की गई.
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प्रदेश में पहले पराली की घटनाएं ज्यादा होती थी, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद से इस पर पूरा ध्यान दिया गया और लोगों में जागरूकता लाने के लिए किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए. बच्चों को जागरूक किया गया. अब यह घटनाएं घट कर पांच हजार तक पहुंच गई हैं. सरकार की कोशिश है कि अगले सत्र में एक भी घटना प्रदेश में नहीं घटे.
-सूर्य प्रताप शाही,कृषि मंत्री