ETV Bharat / state

सर्वोच्च न्यायालय में याचिका खारिज, वसीम रिज़वी बोले-अब जाएंगे इंटरनेशनल कोर्ट

author img

By

Published : Apr 12, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 7:31 PM IST

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विवादित याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई. इस पर इमामे जुमा और मजलिस उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ किया है. उधर, वसीम रिज़वी ने कहा कि वह इस मामले पर अब रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी मामले को ले जाएंगे.

सर्वोच्च न्यायलय में याचिका खारिज
सर्वोच्च न्यायलय में याचिका खारिज

लखनऊ : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विवादित याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. याचिका को निराधार मानते हुए खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर पच्चास हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है. उधर, वसीम रिज़वी ने कहा कि वह इस मामले पर अब रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी मामले को ले जाएंगे.

सर्वोच्च न्यायलय में याचिका खारिज, वसीम रिज़वी बोले- अब जाएंगे इंटरनेशनल कोर्ट

कुरान की 26 आयतों को हटाने को लेकर दायर की थी याचिका

विवादों में रहने वाले वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में धार्मिक ग्रन्थ कुरान को लेकर याचिका दायर की थी. इसके बाद से ही देश में बड़ा बवाल खड़ा हो गया था. वसीम रिज़वी का विरोध किया गया. यहां तक कि इस याचिका से आहत उनके परिवार ने भी उनसे नाता तोड़ लिया. वसीम रिज़वी ने इस याचिका में मांग की थी कि कुरान से 26 आयतों को हटाया जाए क्योंकि इससे उनके मुताबिक आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाने की तैयारी में वसीम

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बयान देते हुए कहा कि उन्होंने अपने वकीलों से राय मशवरा किया है. उनके वकीलों ने उनको इस मसले पर रिव्यू पिटीशन फाइल करने की सलह दी है. वसीम ने कहा कि वह इस मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस भी जाएंगे क्योंकि इस्लामिक आतंकवाद सिर्फ हिंदुस्तान नहीं बल्कि पूरी दुनिया का मसला है.

यह भी पढ़ें : सरकार के आदेश के बाद भी नहीं हो रही सख्ती, जानें कहां बेफिक्र घूम रहे लोग

इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने दी बधाई

इस मामले पर वसीम रिजवी के खिलाफ सड़क पर हजारों की भीड़ के साथ प्रदर्शन करने वाले इमामे जुमा और मजलिस उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ किया है. कहा कि हालांकि अभी आर्डर सामने नहीं आया है लेकिन फैसले से मालूम होता है कि कोर्ट ने विवादित वसीम रिज़वी को कड़ी फटकार लगाई है और इस अमल से सर्वोच्च न्यायलय भी बहुत ज़्यादा नाराज़ हुआ है.

मौलाना ने कहा, 'हमारे हिंदू भाई इसके जाल में न आएं क्योंकि कल को सरकार बदलेगी तो यह दूसरे खेमे में चला जाएगा..और कहेगा कि सरकार के दबाव में हमें बयान देने पड़ते थे. मौलाना ने कहा कि वसीम रिजवी दुनिया का सबसे बड़ा जालसाज़ और नटवरलाल है'.

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का किया शुक्रिया

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बोर्ड की लीगल सेल इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए थी. हम पूरी दुनिया को मुबारकबाद देते हैं. उन्होंने कहा कि कुरान की 26 आयतें तो दूर की बात है, कोई एक पंक्ति या शब्द भी नहीं बदल सकता. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमें हमेशा से सर्वोच्च न्यायलय पर भरोसा रहा है और आगे भी रहेगा.

यह भी पढ़ें : नगर निकायों की संपत्ति की ऑनलाइन मिलेगी जानकारी, ये होगा फायदा


शिया धर्मगुरु ने कहा, संविधान नहीं देता धार्मिक ग्रंथ पर हस्तक्षेप का अधिकार

शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष और धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि हमारे मुल्क का संविधान इस बात की इजाज़त नहीं देता की किसी भी धर्म की किताब पर टिप्पणी की जाए. उन्होंने कहा, 'मैंने पहले ही इस बात को कह दिया था कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा, इसे खारिज कर दिया जाएगा'.

बंद होनी चाहिए जाति-धर्म की राजनीति

विपक्षी बोले, बंद होनी चाहिए जाति-धर्म की राजनीति

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म की राजनीति बंद होनी चाहिए. विकास की राजनीति होनी चाहिए. महंगाई को कैसे कम किया जाए, इस पर आवाज उठाने की जरूरत है.

उधर, कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सिर्फ वसीम रिजवी के लिए ही शर्मनाक नहीं है बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी एक धक्का है.

योगी को हर हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से एक फटकार मिल रहा है. वसीम रिजवी तो एक मोहरा हैं जिनका इस्तेमाल मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.

न्यायालय की कार्रवाई पर पूरा भरोसा

वसीम रिजवी द्वारा दाखिल याचिका खारिज होने के बाद पीलीभीत के शहर काजी मौलाना जरताब रजा ने कहा कि कोर्ट द्वारा पूरे मामले में निष्पक्ष सुनवाई की गई है. मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि 50 हजार का जुर्माना ना लगाते हुए वसीम रिजवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाए.

पूरी दुनिया के मुसलमानों में थी बेचैनी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के धर्म शास्त्र विभाग ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट के जजों का शुक्रिया अदा करते हुए दीनियात विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रेहान अख्तर ने बताया कि कोर्ट ने एक ऐसी अर्जी को खारिज किया है जिसने हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों को बेचैन कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा वसीम रिजवी की अर्जी को खारिज करना और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाना इस बात को दर्शाता है कि इस तरह के लोग समाज में केवल मजहबी भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ सख्त है.

दीनियात विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रेहान अख्तर

कोर्ट ने देश को जोड़ने व एकता का दिया पैगाम

एएमयू के दीनियात विभाग के शिक्षक नदीम अशरफ ने कहा कि कोर्ट पर पूरा यकीन और भरोसा था. कुरान पर तरह-तरह की बातें कही गईं और लोगों को बरगलाने की कोशिश की गई. समाज में भेद करने की कोशिश की गई ताकि टकराव पैदा हो.

कहा कि अदालत जानती है कि हिंदुस्तान के लोग मोहब्बत और अमन को तरजीह देते हैं. अदालत का फैसला स्वागत योग्य है. कहा कि समाज को जोड़ने के लिए अदालत इसी तरह के फैसले दे.

लखनऊ : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विवादित याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. याचिका को निराधार मानते हुए खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर पच्चास हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का धर्मगुरुओं ने स्वागत किया है. उधर, वसीम रिज़वी ने कहा कि वह इस मामले पर अब रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी मामले को ले जाएंगे.

सर्वोच्च न्यायलय में याचिका खारिज, वसीम रिज़वी बोले- अब जाएंगे इंटरनेशनल कोर्ट

कुरान की 26 आयतों को हटाने को लेकर दायर की थी याचिका

विवादों में रहने वाले वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में धार्मिक ग्रन्थ कुरान को लेकर याचिका दायर की थी. इसके बाद से ही देश में बड़ा बवाल खड़ा हो गया था. वसीम रिज़वी का विरोध किया गया. यहां तक कि इस याचिका से आहत उनके परिवार ने भी उनसे नाता तोड़ लिया. वसीम रिज़वी ने इस याचिका में मांग की थी कि कुरान से 26 आयतों को हटाया जाए क्योंकि इससे उनके मुताबिक आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है.

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाने की तैयारी में वसीम

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बयान देते हुए कहा कि उन्होंने अपने वकीलों से राय मशवरा किया है. उनके वकीलों ने उनको इस मसले पर रिव्यू पिटीशन फाइल करने की सलह दी है. वसीम ने कहा कि वह इस मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस भी जाएंगे क्योंकि इस्लामिक आतंकवाद सिर्फ हिंदुस्तान नहीं बल्कि पूरी दुनिया का मसला है.

यह भी पढ़ें : सरकार के आदेश के बाद भी नहीं हो रही सख्ती, जानें कहां बेफिक्र घूम रहे लोग

इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने दी बधाई

इस मामले पर वसीम रिजवी के खिलाफ सड़क पर हजारों की भीड़ के साथ प्रदर्शन करने वाले इमामे जुमा और मजलिस उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ किया है. कहा कि हालांकि अभी आर्डर सामने नहीं आया है लेकिन फैसले से मालूम होता है कि कोर्ट ने विवादित वसीम रिज़वी को कड़ी फटकार लगाई है और इस अमल से सर्वोच्च न्यायलय भी बहुत ज़्यादा नाराज़ हुआ है.

मौलाना ने कहा, 'हमारे हिंदू भाई इसके जाल में न आएं क्योंकि कल को सरकार बदलेगी तो यह दूसरे खेमे में चला जाएगा..और कहेगा कि सरकार के दबाव में हमें बयान देने पड़ते थे. मौलाना ने कहा कि वसीम रिजवी दुनिया का सबसे बड़ा जालसाज़ और नटवरलाल है'.

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का किया शुक्रिया

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि बोर्ड की लीगल सेल इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए थी. हम पूरी दुनिया को मुबारकबाद देते हैं. उन्होंने कहा कि कुरान की 26 आयतें तो दूर की बात है, कोई एक पंक्ति या शब्द भी नहीं बदल सकता. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमें हमेशा से सर्वोच्च न्यायलय पर भरोसा रहा है और आगे भी रहेगा.

यह भी पढ़ें : नगर निकायों की संपत्ति की ऑनलाइन मिलेगी जानकारी, ये होगा फायदा


शिया धर्मगुरु ने कहा, संविधान नहीं देता धार्मिक ग्रंथ पर हस्तक्षेप का अधिकार

शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष और धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि हमारे मुल्क का संविधान इस बात की इजाज़त नहीं देता की किसी भी धर्म की किताब पर टिप्पणी की जाए. उन्होंने कहा, 'मैंने पहले ही इस बात को कह दिया था कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा, इसे खारिज कर दिया जाएगा'.

बंद होनी चाहिए जाति-धर्म की राजनीति

विपक्षी बोले, बंद होनी चाहिए जाति-धर्म की राजनीति

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म की राजनीति बंद होनी चाहिए. विकास की राजनीति होनी चाहिए. महंगाई को कैसे कम किया जाए, इस पर आवाज उठाने की जरूरत है.

उधर, कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सिर्फ वसीम रिजवी के लिए ही शर्मनाक नहीं है बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी एक धक्का है.

योगी को हर हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से एक फटकार मिल रहा है. वसीम रिजवी तो एक मोहरा हैं जिनका इस्तेमाल मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.

न्यायालय की कार्रवाई पर पूरा भरोसा

वसीम रिजवी द्वारा दाखिल याचिका खारिज होने के बाद पीलीभीत के शहर काजी मौलाना जरताब रजा ने कहा कि कोर्ट द्वारा पूरे मामले में निष्पक्ष सुनवाई की गई है. मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि 50 हजार का जुर्माना ना लगाते हुए वसीम रिजवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाए.

पूरी दुनिया के मुसलमानों में थी बेचैनी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के धर्म शास्त्र विभाग ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट के जजों का शुक्रिया अदा करते हुए दीनियात विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रेहान अख्तर ने बताया कि कोर्ट ने एक ऐसी अर्जी को खारिज किया है जिसने हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों को बेचैन कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा वसीम रिजवी की अर्जी को खारिज करना और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाना इस बात को दर्शाता है कि इस तरह के लोग समाज में केवल मजहबी भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ सख्त है.

दीनियात विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रेहान अख्तर

कोर्ट ने देश को जोड़ने व एकता का दिया पैगाम

एएमयू के दीनियात विभाग के शिक्षक नदीम अशरफ ने कहा कि कोर्ट पर पूरा यकीन और भरोसा था. कुरान पर तरह-तरह की बातें कही गईं और लोगों को बरगलाने की कोशिश की गई. समाज में भेद करने की कोशिश की गई ताकि टकराव पैदा हो.

कहा कि अदालत जानती है कि हिंदुस्तान के लोग मोहब्बत और अमन को तरजीह देते हैं. अदालत का फैसला स्वागत योग्य है. कहा कि समाज को जोड़ने के लिए अदालत इसी तरह के फैसले दे.

Last Updated : Apr 12, 2021, 7:31 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.