लखनऊः उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक के दौरान यह फैसला किया गया कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाएगा और मुस्लिम पक्ष न पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा, न ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले का समर्थन करेगा. वहीं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार जमीन लिए जाने या न लिए जाने को लेकर फैसला टाल दिया है और आगामी बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला किया जा सकेगा.
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने आम राय से तय किया है कि बोर्ड पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेगा. वहीं बैठक में जमीन पर फैसला अभी नहीं किया गया है. बोर्ड के सदस्य अब्दुल रज्जाक की राय थी कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए, लेकिन बोर्ड के अन्य सदस्य इस पर सहमत नहीं हुए. 5 एकड़ जमीन पर आम राय बनाने के लिए अभी बोर्ड के सदस्य और समय चाहते हैं.
बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि अभी सभी लोगों ने आर्डर को पूरी तरह से पढ़ा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं अपनी निजी राय भी बोर्ड के सामने ही रखूंगा. उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हम सब लोग बैठे हुए हैं और हम पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगे. इस बैठक में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य इमरान महमूद खान शामिल नहीं हुए.
उन्होंने इस बैठक का विरोध किया. वहीं बताया जाता है कि इमरान महमूद का बोर्ड की किसी भी बैठक में कभी भी शामिल नहीं हुए. ऐसे में इस बैठक में आना या न आना कोई मतलब नहीं रहा. वहीं बोर्ड के दूसरे सदस्य अब्दुल रज्जाक पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर सहमत दिखे, जबकि बोर्ड के अन्य सदस्य सहमत नहीं थे. फिलहाल यह बैठक एक बार और होगी और फिर उसमें जमीन को लेकर चर्चा की जाएगी.
सूत्रों से जानकारी मिल जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में 5 एकड़ जमीन लेगा और वहां पर एक शैक्षिक संस्थान खोलेगा. साथ ही मस्जिद का निर्माण भी करेगा, लेकिन आज की बैठक में अब्दुल रज्जाक द्वारा विरोध किए जाने पर इस पर फैसला टाल दिया गया और आगामी बोर्ड बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी.