अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को मिली 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण जल्द ही शुरू होगा. सोहावल तहसील के धनीपुर गांव में 5 एकड़ की जमीन पर मस्जिद का निर्माण होना है. इसके लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 14 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया है. मस्जिद के साथ यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी का कार्यकाल बढ़ाने के बाद मस्जिद निर्माण की अटकलें तेज हो गई थीं.
देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक दिया था. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था है. तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया था.
मुस्लिम पक्ष को भी जमीन
कोर्ट ने विवादित जमीन पर पूरी तरह से रामलला का हक माना है, लेकिन मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में जमीन देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही किसी उचित जगह मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जगह दी जाए. इस तरह 40 दिनों की लगातार सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया, जिससे दशकों पुराना विवाद का खात्मा हुआ.
खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी मस्जिद
फैसले में ASI (भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण) का हवाला देते हुए कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खाली जगह पर नहीं किया गया था. विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा था और यह इस्लामिक ढांचा नहीं था. कोर्ट ने कहा था कि पुरातत्व विभाग की खोज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हालांकि, कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में ये भी कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है.
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