लखनऊ : सचिवालय के बापू भवन में IPS रजनीश दूबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल के आत्महत्या के मामले में लखनऊ के हुसैनगंज थाने में FIR दर्ज किया गया है. मृतक के भाई ओमप्रकाश ने बहन के ससुराल वालों और उन्नाव के औरास थाना प्रभारी व दरोगा को नामजद कराया है. मुकदमा आत्महत्या के लिए उकसाने, एससीएसटी और भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में दर्ज किया गया है. परिवारीजनों ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच और आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है.
एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र मिश्र के मुताबिक, विशंभर दयाल के भाई ओमप्रकाश ने मंगलवार को हुसैनगंज थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर उन्नाव के औरास के तत्कालीन एसएचओ हरि प्रसाद अहिरवार, विवेचक ताजउद्दीन समेत बहन के ससुर सूरज, चचिया ससुर बाबूलाल, उनका बेटा पप्पू गौतम, पड़ोसी बृजेश चौरसिया, सतीश कुमार, रामशंकर, संजीव यादव व अन्य लोगों को नामजद किया गया है.
बता दें कि, 30 अगस्त को बापू भवन के आठवें तल पर स्थित कार्यालय में विशंभर दयाल ने खुद को गोली मार ली थी. लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार को उनकी मौत हो गई. विशंभर दयाल ने उन्नाव पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने आइजी लखनऊ को जांच सौंपी थी, जिसके बाद औरास थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर व विवेचक को निलंबित कर दिया गया था. मंगलवार को तत्कालीन इंस्पेक्टर व विवेचक समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. एसीपी हजरतगंज का कहना है कि मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है. ओमप्रकाश ने आरोपित पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है. आरोप है कि पुलिस की वजह से उनके भाई की जान गई है. ओमप्रकाश ने लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़ें- बीजेपी विधायक ने थाने के भीतर पुलिसकर्मियों को हड़काया, वीडियो वायरल
यह है पूरा मामला
एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि विशम्भर दयाल ने सुसाइड नोट में बहन के ससुरालीजन से विवाद और उन्नाव की औरास पुलिस पर प्रताड़ना का जिक्र किया है. विशम्भर दयाल की बहन रामदेवी का विवाह औरास के बहादुरपुर में हुआ था. संपत्ति बंटवारे को लेकर ससुराल वालों से उनकी बहन का मुकदमा चल रहा है. इसी दौरान मारपीट के एक मामले में बहन के ससुराल वालों ने विशम्भर दयाल, उनकी बहन और भांजी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. विवेचना में तीनों का नाम हट गया था. रामदेवी की पड़ोसी से मारपीट हो गई, इसके बाद औरास पुलिस आरोपित पक्ष से मिलकर विशम्भर दयाल को प्रताड़ित कर रही थी.