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बसंत पंचमी पर सुहेलदेव को याद करेगी सरकार, पीएम रखेंगे आधारशिला - लखनऊ सीएम योगी

लखनऊ में बसंत पंचमी (basant panchami) पर महाराजा सुहेलदेव की जयंती का आयोजन किया जा रहा है. सरकार सुहेलदेव की जयंती (suhaldev jayanti) को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है.

महाराजा सुहेलदेव जयंती की तैयारी
महाराजा सुहेलदेव जयंती की तैयारी
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Published : Feb 12, 2021, 5:49 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार महाराजा सुहेलदेव की जयंती इस बार भव्य तरीके से मनाने जा रही है. सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित कर महाराजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) को नमन करने का निर्देश दिया है. सरकार सुहेलदेव की जयंती को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है.

ये हैं महाराजा सुहेलदेव

करीब एक हजार साल पहले इतिहास को यू टर्न देने वाली घटना बहराइच में हुई थी. यह दास्तान है वीरता, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की. 15 जून 1033 को श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) और आक्रांता सैयद सालार मसूद के बीच बहराइच के चित्तौरा झील के किनारे भयंकर युद्ध हुआ था. इस युद्ध में महाराजा सुहेलदेव की सेना ने सालार मसूद की सेना को गाजर-मूली की तरह काट डाला था. राजा सुहेलदेव की तलवार के एक ही वार ने मसूद का काम तमाम कर दिया. युद्ध की भयंकरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसमें मसूद की पूरी सेना का सफाया हो गया. एक पराक्रमी राजा होने के साथ सुहेलदेव संतों को बेहद सम्मान देते थे. वह गोरक्षक और हिंदुत्व के भी रक्षक थे.

मिलने जा रहा है सम्मान

इतिहासकारों ने भले ही सुहेलदेव (suhaldev jayanti) के पराक्रम और उनकी अन्य खूबियों की अनदेखी की हो, लेकिन स्थानीय लोकगीतों की परंपरा में महाराज सुहेलदेव की वीरगाथा लोगों को रोमांचित करती रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पहली बार सुहेलदेव की जयंती पर उनके पराक्रम और राष्ट्रसेवा के भाव सम्मान मिलने जा रहा है.

बसंत पंचमी पर वर्चुअली शामिल होंगे पीएम मोदी

16 फरवरी यानि बसंत पंचमी (basant panchami) को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में मौके पर मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम के दौरान बहराइच और श्रावस्ती के लिए कुछ बड़ी सौगातों की भी घोषणा हो सकती है. इससे चित्तौरा झील पर स्थित महाराजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) की कर्मस्थली को अब एक अलग पहचान मिलेगी.

सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा भी लगेगी

इसके पहले भी महाराज सुहेलदेव के सम्मान में डाक टिकट जारी हुआ था और ट्रेन भी चलाई गई थी. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुसार योगी आदित्यनाथ उसी क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. उस दिन प्रधानमंत्री चित्तौरा झील और महाराज सुहेलदेव के स्मारक के सौंन्दर्यीकरण के कार्यकमों का शिलान्यास करेंगे. स्मारक स्थल पर सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा भी लगेगी.

तपोस्थली भी रहा है चित्तौरा झील का तट

बहराइच और उसके आसपास के क्षेत्र ऐतिहासिक और पौराणिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रहे हैं. पौराणिक धर्म ग्रंथों के मुताबिक बहराइच को ब्रह्मा ने बसाया था. यहां सप्त ऋषि मंडल का सम्मेलन भी कराया गया था. चित्तौरा झील के तट पर त्रेता युग के मिथिला नरेश महाराजा जनक के गुरु अष्टावक्र ने वहां तपस्या की थी.

सीएम योगी ने जिलों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों को महाराजा सुहेलदेव की जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रत्येक जिले में मौजूद शहीद स्थलों पर उस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. ताकि प्रदेश की जनता और खासकर युवाओं को उनके बारे में जानकारी मिल सके. कार्यक्रमों के माध्यम से हम उनकी वीरता और सौर्य को नमन कर सकेंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार महाराजा सुहेलदेव की जयंती इस बार भव्य तरीके से मनाने जा रही है. सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में शहीद स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित कर महाराजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) को नमन करने का निर्देश दिया है. सरकार सुहेलदेव की जयंती को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है.

ये हैं महाराजा सुहेलदेव

करीब एक हजार साल पहले इतिहास को यू टर्न देने वाली घटना बहराइच में हुई थी. यह दास्तान है वीरता, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की. 15 जून 1033 को श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) और आक्रांता सैयद सालार मसूद के बीच बहराइच के चित्तौरा झील के किनारे भयंकर युद्ध हुआ था. इस युद्ध में महाराजा सुहेलदेव की सेना ने सालार मसूद की सेना को गाजर-मूली की तरह काट डाला था. राजा सुहेलदेव की तलवार के एक ही वार ने मसूद का काम तमाम कर दिया. युद्ध की भयंकरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसमें मसूद की पूरी सेना का सफाया हो गया. एक पराक्रमी राजा होने के साथ सुहेलदेव संतों को बेहद सम्मान देते थे. वह गोरक्षक और हिंदुत्व के भी रक्षक थे.

मिलने जा रहा है सम्मान

इतिहासकारों ने भले ही सुहेलदेव (suhaldev jayanti) के पराक्रम और उनकी अन्य खूबियों की अनदेखी की हो, लेकिन स्थानीय लोकगीतों की परंपरा में महाराज सुहेलदेव की वीरगाथा लोगों को रोमांचित करती रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पहली बार सुहेलदेव की जयंती पर उनके पराक्रम और राष्ट्रसेवा के भाव सम्मान मिलने जा रहा है.

बसंत पंचमी पर वर्चुअली शामिल होंगे पीएम मोदी

16 फरवरी यानि बसंत पंचमी (basant panchami) को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में मौके पर मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम के दौरान बहराइच और श्रावस्ती के लिए कुछ बड़ी सौगातों की भी घोषणा हो सकती है. इससे चित्तौरा झील पर स्थित महाराजा सुहेलदेव (suhaldev jayanti) की कर्मस्थली को अब एक अलग पहचान मिलेगी.

सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा भी लगेगी

इसके पहले भी महाराज सुहेलदेव के सम्मान में डाक टिकट जारी हुआ था और ट्रेन भी चलाई गई थी. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुसार योगी आदित्यनाथ उसी क्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. उस दिन प्रधानमंत्री चित्तौरा झील और महाराज सुहेलदेव के स्मारक के सौंन्दर्यीकरण के कार्यकमों का शिलान्यास करेंगे. स्मारक स्थल पर सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा भी लगेगी.

तपोस्थली भी रहा है चित्तौरा झील का तट

बहराइच और उसके आसपास के क्षेत्र ऐतिहासिक और पौराणिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रहे हैं. पौराणिक धर्म ग्रंथों के मुताबिक बहराइच को ब्रह्मा ने बसाया था. यहां सप्त ऋषि मंडल का सम्मेलन भी कराया गया था. चित्तौरा झील के तट पर त्रेता युग के मिथिला नरेश महाराजा जनक के गुरु अष्टावक्र ने वहां तपस्या की थी.

सीएम योगी ने जिलों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों को महाराजा सुहेलदेव की जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रत्येक जिले में मौजूद शहीद स्थलों पर उस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. ताकि प्रदेश की जनता और खासकर युवाओं को उनके बारे में जानकारी मिल सके. कार्यक्रमों के माध्यम से हम उनकी वीरता और सौर्य को नमन कर सकेंगे.

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