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गन्ना मंत्री ने गिनाई 100 दिन की उपलब्धियां, कहा- गन्ने का हुआ है रिकार्ड तोड़ भुगतान

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायणी चौधरी ने सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों को रिकार्ड तोड़ भुगतान किया है. जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में गन्ना का उत्पादन बढ़ा है.

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लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायणी चौधरी ने सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी
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Published : Jul 8, 2022, 5:40 PM IST

लखनऊः गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायणी चौधरी ने प्रदेश सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सरकार बनने के बाद 100 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिसे पूरा कर लिया गया है. मंत्री ने कहा कि 100 दिन का हमारा गन्ना भुगतान का लक्ष्य 8000 करोड रुपये रखा गया था. जिसे हमने 100 दिन में 12 हजार 530 करोड़ रुपये का भुगतान करके 55% लक्ष्य से अधिक भुगतान किया है.

मंत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों में हमने 1 लाख 76 हजार 590 करोड रुपये गन्ना किसानों को भुगतान किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जितना 2002 से लेकर 2017 तक गन्ने का भुगतान हुआ था. उससे ज्यादा भुगतान हमने अपने कार्यकाल में किया है. मंत्री ने कहा कि हमने गन्ना सर्वेक्षण नीति 2022 जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इस सर्वेक्षण नीति का लक्ष्य सर्वे के माध्यम से होता है. उसे समय से पूरा करने की कोशिश भी किया गया.

स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट से किसानों का हलः उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं का हल इस सर्वे से तत्काल होगा. इसमें स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अंतर्गत हमने पूरा सर्वे कराया है. जिसमें इस सर्वे में किसी भी प्रकार की कोई भी धांधली नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमने एक यूनिट ग्रोवर कोड भी आवंटित किया है. जिसके द्वारा प्रत्येक किसान यह जान सकता है कि उसकी पर्चियां कितनी हैं. इस एक यूनिट ग्रोवर कोड के माध्यम से किसान उसकी डेट, उसका कितना पेमेंट आ गया और कितना पेमेंट अभी बाकी है. यह सभी चीजें यूनिकोड के द्वारा किसानों को पता चल जाएगी.

यूनिकोड में दर्ज होगा किसानों का रिकार्डः किसानों की समस्या देखते हुए हमने आधार कार्ड के तर्ज पर एक 14 डिजिट का यूनिकोड बनाया है. जिसमें किसान गांव में जमीन और गन्ने की मात्रा उस यूनिकोड में दर्ज होगा. इस कोड़ द्वारा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया के लिए प्रचार प्रसार सरकार के माध्यम से किया जा रहा है. हम लोगों ने नैनो यूरिया के लिए लक्ष्य रखा था. जिसमें 1 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में यूरिया का प्रयोग किया जाएगा. नैनो यूरिया से पर्यावरण को खतरा भी नहीं रहेगा. जिस कारण यूरिया का फर्जीवाड़ा भी बंद हो जाएगा. नैनो यूरिया के प्रयोग से विदेशी मुद्रा की भी हमारी बचत होगी.


किसानों की आय होगी दो गुनीः मंत्री ने कहा कि अपने लक्ष्य के मुताबिक हमने 110 परसेंट लक्ष्य इन 100 दिनों में पूरा कर लिया है. गन्ना किसानों की आय की वृद्धि के लिए हमने 9 सूत्रीय कार्यक्रम भी बनाया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत गन्ना किसानों की आय में वृद्धि करने की भी कार्य योजना बनाई गई है. जिसमें गन्ना किसानों को प्रशिक्षित करने का भी काम किया जा रहा है. इस माध्यम से सरकार किसानों को प्रशिक्षित करेगी. जिससे कि गन्ने की अच्छी गुणवत्ता और अधिक मात्रा हो.

9 सूत्रीय कार्यक्रम में चीनी मिलेंः इसके अलावा किसानों के प्रशिक्षण में इस बात का भी ध्यान दिया है कि गन्ना का विवरण और गन्ना मूल्य भुगतान किस तरह से किया जाए. उस पर भी हमने ध्यान दिया है. इसके लिए हमने नीति भी बनाई है. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा गन्ने की धुलाई के लिए कम से कम हमारा ट्रांसपोर्टेशन में कम हो इसके लिए हम लोगों ने नीतियां बनाई हैं. चीनी उद्योग का शुद्धीकरण पर भी हमने योजना बनाई है. पहले की सरकारों ने चीनी मिलें ही बेचना शुरू कर दी थी. लेकिन अब उसके शुद्धिकरण के लिए इसे 9 सूत्रीय कार्यक्रम में रखा गया है.उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा को भी 9 सूत्रीय कार्यक्रम में रखा है.

सबसे सुरक्षित फसल गन्नाः जिसमें गन्ना उत्पादन से लेकर गन्ने की पिराई तक चीनी जब तक बने और डिसलेरी में पहुंचे तब तक किसी भी प्रकार का पर्यावरण खराब ना हो उसके लिए भी हमने योजना बनाई है. इस परंपरागत खेती के लिए उसे पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. गन्ना सभी किसान की फसलों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि गन्ना ओला पड़े या सुखा पड़े, इसके बावजूद भी गन्ना किसानोंं की सुरक्षित फसल मानी जाती है. इसलिए गन्ना को बढ़ावा देने के लिए हमने इस साल भी किसान को जागरुक किया है.

गन्ने का सबसे अधिक मूल्यः पीछले सरकारों की अपेक्ष अब लगभग 6% किसानों ने गन्ने का क्षेत्रफल भी बढ़ाया है. देश में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य उत्तर प्रदेश में दिया जाता है. इसलिए गन्ने की पैदावार अधिक बड़े क्षेत्रफल में कराने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य में चीनी उद्योग को शुद्धीकरण करने के लिए हमने प्रयास किया है. इसमें सरकार द्वारा सभी सरकारी समितियों के मेंबर को शेयर देने का भी अब काम किया जाएगा. पहली बार शेयर प्रमाणपत्र का कार्य इस विभाग द्वारा किया जाएगा.


गन्ने की खेती के लिए प्रशिक्षणः उन्होंने कहा कि गन्ने की उन्नत खेती के लिए सरकार ने जो 100 दिन का लक्ष्य रखा था. उसके प्रशिक्षण के लिए हमने 15000 किसानों का लक्ष्य रखा था. जिसको प्रशिक्षण देकर लगभग साढ़े 16000 किसानों को प्रशिक्षण दे दिया है. जिसमें 108% लक्ष्य की भी प्राप्ति हुई है. हमने गन्ना किसानों और चीनी मिलों को स्वच्छ एवं ताजा गन्ना की आपूर्ति करने के लिए भी प्रशिक्षण दिया है. मंत्री ने कहा कि हमने सभी सरकारी और सहकारी गन्ना किसान समितियों की बैलेंस शीट ऑनलाइन करने का काम किया है. जिससे सभी किसान घर बैठे पता कर सकते हैं कि उनके शेयर की स्थिति क्या है. उनके नुकसान और फायदे की स्थिति का भी पता चल जाएगा

यह भी पढ़ें-शिक्षकों ने क्लासरूम में छात्र को किया बंद, खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच के दिए आदेश


ऑनलाइन बैलेंस शीटः इस ऑनलाइन बैलेंस शीट बनने के बाद सभी भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा. इसके लिए सरकार ने अपने कार्यालय के 25 भवनों का एक कलर कोड किया है. जिससे आम लोगों को जानकारी हो सके कि यह हमारे विभाग का ऑफिस है. देश में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन का श्रेय उत्तर प्रदेश को मिला है. कोविड काल के समय जब सब कुछ बंद था. उस समय भी उत्तर प्रदेश के अंदर चीनी मिलें चलती रही. किसानों के खेत में एक भी गन्ना खड़ा नहीं रहा. इस दौरान 35 हजार करोड़ का गन्ना भी खरीदा गया था. जिसमें अब तक हमने 28700 करोड़ का भुगतान भी किया है.

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लखनऊः गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायणी चौधरी ने प्रदेश सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सरकार बनने के बाद 100 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिसे पूरा कर लिया गया है. मंत्री ने कहा कि 100 दिन का हमारा गन्ना भुगतान का लक्ष्य 8000 करोड रुपये रखा गया था. जिसे हमने 100 दिन में 12 हजार 530 करोड़ रुपये का भुगतान करके 55% लक्ष्य से अधिक भुगतान किया है.

मंत्री ने कहा कि पिछले 5 सालों में हमने 1 लाख 76 हजार 590 करोड रुपये गन्ना किसानों को भुगतान किया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जितना 2002 से लेकर 2017 तक गन्ने का भुगतान हुआ था. उससे ज्यादा भुगतान हमने अपने कार्यकाल में किया है. मंत्री ने कहा कि हमने गन्ना सर्वेक्षण नीति 2022 जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इस सर्वेक्षण नीति का लक्ष्य सर्वे के माध्यम से होता है. उसे समय से पूरा करने की कोशिश भी किया गया.

स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट से किसानों का हलः उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं का हल इस सर्वे से तत्काल होगा. इसमें स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अंतर्गत हमने पूरा सर्वे कराया है. जिसमें इस सर्वे में किसी भी प्रकार की कोई भी धांधली नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमने एक यूनिट ग्रोवर कोड भी आवंटित किया है. जिसके द्वारा प्रत्येक किसान यह जान सकता है कि उसकी पर्चियां कितनी हैं. इस एक यूनिट ग्रोवर कोड के माध्यम से किसान उसकी डेट, उसका कितना पेमेंट आ गया और कितना पेमेंट अभी बाकी है. यह सभी चीजें यूनिकोड के द्वारा किसानों को पता चल जाएगी.

यूनिकोड में दर्ज होगा किसानों का रिकार्डः किसानों की समस्या देखते हुए हमने आधार कार्ड के तर्ज पर एक 14 डिजिट का यूनिकोड बनाया है. जिसमें किसान गांव में जमीन और गन्ने की मात्रा उस यूनिकोड में दर्ज होगा. इस कोड़ द्वारा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया के लिए प्रचार प्रसार सरकार के माध्यम से किया जा रहा है. हम लोगों ने नैनो यूरिया के लिए लक्ष्य रखा था. जिसमें 1 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में यूरिया का प्रयोग किया जाएगा. नैनो यूरिया से पर्यावरण को खतरा भी नहीं रहेगा. जिस कारण यूरिया का फर्जीवाड़ा भी बंद हो जाएगा. नैनो यूरिया के प्रयोग से विदेशी मुद्रा की भी हमारी बचत होगी.


किसानों की आय होगी दो गुनीः मंत्री ने कहा कि अपने लक्ष्य के मुताबिक हमने 110 परसेंट लक्ष्य इन 100 दिनों में पूरा कर लिया है. गन्ना किसानों की आय की वृद्धि के लिए हमने 9 सूत्रीय कार्यक्रम भी बनाया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत गन्ना किसानों की आय में वृद्धि करने की भी कार्य योजना बनाई गई है. जिसमें गन्ना किसानों को प्रशिक्षित करने का भी काम किया जा रहा है. इस माध्यम से सरकार किसानों को प्रशिक्षित करेगी. जिससे कि गन्ने की अच्छी गुणवत्ता और अधिक मात्रा हो.

9 सूत्रीय कार्यक्रम में चीनी मिलेंः इसके अलावा किसानों के प्रशिक्षण में इस बात का भी ध्यान दिया है कि गन्ना का विवरण और गन्ना मूल्य भुगतान किस तरह से किया जाए. उस पर भी हमने ध्यान दिया है. इसके लिए हमने नीति भी बनाई है. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा गन्ने की धुलाई के लिए कम से कम हमारा ट्रांसपोर्टेशन में कम हो इसके लिए हम लोगों ने नीतियां बनाई हैं. चीनी उद्योग का शुद्धीकरण पर भी हमने योजना बनाई है. पहले की सरकारों ने चीनी मिलें ही बेचना शुरू कर दी थी. लेकिन अब उसके शुद्धिकरण के लिए इसे 9 सूत्रीय कार्यक्रम में रखा गया है.उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा को भी 9 सूत्रीय कार्यक्रम में रखा है.

सबसे सुरक्षित फसल गन्नाः जिसमें गन्ना उत्पादन से लेकर गन्ने की पिराई तक चीनी जब तक बने और डिसलेरी में पहुंचे तब तक किसी भी प्रकार का पर्यावरण खराब ना हो उसके लिए भी हमने योजना बनाई है. इस परंपरागत खेती के लिए उसे पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. गन्ना सभी किसान की फसलों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि गन्ना ओला पड़े या सुखा पड़े, इसके बावजूद भी गन्ना किसानोंं की सुरक्षित फसल मानी जाती है. इसलिए गन्ना को बढ़ावा देने के लिए हमने इस साल भी किसान को जागरुक किया है.

गन्ने का सबसे अधिक मूल्यः पीछले सरकारों की अपेक्ष अब लगभग 6% किसानों ने गन्ने का क्षेत्रफल भी बढ़ाया है. देश में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य उत्तर प्रदेश में दिया जाता है. इसलिए गन्ने की पैदावार अधिक बड़े क्षेत्रफल में कराने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य में चीनी उद्योग को शुद्धीकरण करने के लिए हमने प्रयास किया है. इसमें सरकार द्वारा सभी सरकारी समितियों के मेंबर को शेयर देने का भी अब काम किया जाएगा. पहली बार शेयर प्रमाणपत्र का कार्य इस विभाग द्वारा किया जाएगा.


गन्ने की खेती के लिए प्रशिक्षणः उन्होंने कहा कि गन्ने की उन्नत खेती के लिए सरकार ने जो 100 दिन का लक्ष्य रखा था. उसके प्रशिक्षण के लिए हमने 15000 किसानों का लक्ष्य रखा था. जिसको प्रशिक्षण देकर लगभग साढ़े 16000 किसानों को प्रशिक्षण दे दिया है. जिसमें 108% लक्ष्य की भी प्राप्ति हुई है. हमने गन्ना किसानों और चीनी मिलों को स्वच्छ एवं ताजा गन्ना की आपूर्ति करने के लिए भी प्रशिक्षण दिया है. मंत्री ने कहा कि हमने सभी सरकारी और सहकारी गन्ना किसान समितियों की बैलेंस शीट ऑनलाइन करने का काम किया है. जिससे सभी किसान घर बैठे पता कर सकते हैं कि उनके शेयर की स्थिति क्या है. उनके नुकसान और फायदे की स्थिति का भी पता चल जाएगा

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ऑनलाइन बैलेंस शीटः इस ऑनलाइन बैलेंस शीट बनने के बाद सभी भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा. इसके लिए सरकार ने अपने कार्यालय के 25 भवनों का एक कलर कोड किया है. जिससे आम लोगों को जानकारी हो सके कि यह हमारे विभाग का ऑफिस है. देश में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन का श्रेय उत्तर प्रदेश को मिला है. कोविड काल के समय जब सब कुछ बंद था. उस समय भी उत्तर प्रदेश के अंदर चीनी मिलें चलती रही. किसानों के खेत में एक भी गन्ना खड़ा नहीं रहा. इस दौरान 35 हजार करोड़ का गन्ना भी खरीदा गया था. जिसमें अब तक हमने 28700 करोड़ का भुगतान भी किया है.

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