लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में शनिवार को 63वा दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है. मालवीय सभागार में दीक्षांत समारोह का शुक्रवार को करीब 1 घंटे तक रिहर्सल की गई. इस दौरान स्कॉलर परेड निकाली गई. प्रो. पूनम टंडन ने उत्तर प्रदेश के कुलाधिपति और राज्यपाल की भूमिका निभाई. इसके बाद कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने 15 मेधावियों को पदक दिए. वहीं विवि के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि दीक्षांत समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
दीक्षांत समारोह की हुई रिहर्सल
शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के होने वाले दीक्षांत समारोह को लेकर मालवीय सभागार में रिहर्सल हुई. समारोह को लेकर स्कॉलर परेड प्रॉक्टर ऑफिस से लेकर मालवीय सभागार तक निकाली गई. इसमें कुलपति, रजिस्ट्रार समेत प्रोफेसर मौजूद रहे. सभागार में विवि का कुल गीत और राष्ट्रीय गान गाया गया.
लखनऊ विवि का 63वां दीक्षांत समारोह
सभी स्वर्ण पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को दीक्षांत समारोह में आधे घंटे पूर्व 10:30 बजे पूर्ण ड्रेस के साथ अपने निर्धारित स्थान पर उपस्थित होना होगा. बता दें कि शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय का 63वां दीक्षांत समारोह आयोजित होने जा रहा है. दीक्षांत में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व डिप्टी सीएम प्रोफेसर दिनेश शर्मा मौजूद रहेंगे.
कोविड गाइडलाइन का होगा पालन
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का दीक्षांत समारोह के दौरान पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोर पदक (चांसलर के स्वर्ण पदक और कुलपति के पदक सहित कुल 15 पदक) दीक्षांत समारोह पर दिए जाएंगे. इसके अलावा अन्य पदक विभागीय वितरण शताब्दी वर्ष के दौरान जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दीक्षांत समारोह की फाइनल रिहर्सल की गई.
लविवि व निफ्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) के शताब्दी समारोह सप्ताह के दूसरे दिन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और डॉ. भरत शाह (निदेशक निफ्ट) ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान रायबरेली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस दौरान विवि के प्रो. अरविंद मोहन डीन एकडमिक्स, डॉ. विनोद सिंह रजिस्ट्रार, उज्जवल बनर्जी और अमिताव चौधरी एसोसिएट प्रोफेसर और लिफ्ट के संयुक्त निदेशक की उपस्थिति में ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. समझौता ज्ञापन का उद्देश राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों संस्थानों के बीच सहयोग और आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना होगा, जिससे एक-दूसरे की ताकत से लाभान्वित हो सकें.