लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. कोरोना के कारण प्रदेश सरकार ने प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. प्रदेश में सभी स्कूल कॉलेज 31 मार्च तक बंद रहेंगे. सरकार बार-बार भीड़ में न जाने की बात कह रही है. लखनऊ में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्वविद्यालय छात्रों की परीक्षाएं कराने पर अड़ा हुआ है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच परीक्षा कराने को लेकर छात्रों में भारी नाराजगी है. छात्रों की मांग है कि उनकी जान को जोखिम में न डाला जाए. खराब हालात को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षाएं टाल देनी चाहिए.
6 अप्रैल से प्रस्तावित हैं सेमेस्टर परीक्षाएं
विश्वविद्यालय की स्नातक पाठ्यक्रम की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं आगामी छह अप्रैल से प्रस्तावित हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी कार्यक्रम के तहत यह परीक्षाएं एमसीक्यू बेस्ड होंगी. पहली पाली में सुबह आठ से 9.30 बजे और दोपहर की पाली में दोपहर 2 से 3.30 बजे के बीच परीक्षा होगी. सभी स्नातक वार्षिक परीक्षाएं थ्योरी आधारित होंगी.
बनाए गए 50 केन्द्र
इन परीक्षाओं के लिए राजधानी में करीब 50 केन्द्र बनाए गए हैं. परीक्षाओं में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. इस सूची में जेएनपीजी कॉलेज, अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज, विद्यांत हिन्दू डिग्री कॉलेज, बीएसएनवी पीजी कॉलेज, लखनऊ क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज, कालीचरण पीजी कॉलेज, शिया पीजी कॉलेज, मुमताज डिग्री कॉलेज, महिला महाविद्यालय, सीबी गुप्ता एग्रीकल्चरल महाविद्यालय, इरम कॉलेज, एसकेडी एकेडमी रायबरेली रोड, रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज, सीडी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, डीएसएन महिला महाविद्यालय बीकेटी, आरएएस गर्ल्स डिग्री कॉलेज शामिल हैं.
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छात्र बोले परीक्षा से ज्यादा जान जरूरी
विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले को लेकर छात्रों में काफी नाराजगी है. सोशल मीडिया पर इसको लेकर सवाल खड़े किए गए हैं. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय सिर्फ अपनी वाहवाही के चक्कर में इस तरह के कदम उठा रहा है. छात्रों की मांग है कि ऑफलाइन परीक्षाएं फिलहाल निरस्त कर दी जाएं.