लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होने के बाद इस बार बीकॉम छात्रों को इंटर्नशिप (सीए ट्रेनिंग) करना है. एनईपी के तहत बीकॉम छात्रों को भी अकाउंट की जानकारी लेना अनिवार्य किया गया है. ताकि उनमें की अकाउंट्स की व्यावहारिक कार्यशैली की समझ विकसित हो सके. अब थर्ड ईयर में पहुंचे छात्र ट्रेनिंग के लिए रजिस्टर्ड सीए के पास चक्कर लगा रहे हैं. सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, रायबरेली सब जगह के छात्र परेशान है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी ने पोस्ट ग्रेजुएट में 2020 में ही एनईपी लागू कर दिया था, जबकि अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में इसे वर्ष 2021 में लागू किया गया. इसके तहत बीकॉम में इंटर्नशिप को प्राथमिकता दी गई है. इसमें पांचवें सेमेस्टर में छात्रों को 45 दिन की ट्रेनिंग की अनिवार्यता है. अब वर्ष 2021 में बीकॉम में प्रवेश लेने वाले छात्र इंटर्नशिप के लिए चक्कर लगा रहे हैं. विश्वविद्यालय ने भी छात्रों का 45 दिन की कम्पलसरी ट्रेनिंग के लिए कहा है और बीकॉम छात्रों को इंटर्नशिप को लेकर कोई ज्ञान व समझ नहीं है. अभी तक यह ट्रेनिंग केवल एमकॉम करने वाले छात्रों को ही करनी अनिवार्य थी.
ग्रामीण परिवेश के छात्रों को हो रही है काफी दिक्कत
लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे का कहना है कि बीकॉम थर्ड ईयर में नई शिक्षा नीति के तहत इंटर्नशिप जोड़ा गया है. विश्वविद्यालय ने यह इंटर्नशिप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट के अंदर में करने को कहा है. जब राजधानी के डिग्री कॉलेज को छात्रों को ही चार्टर्ड अकाउंटेंट के अंदर में इंटर्नशिप करने में दिक्कत आ रही है. तो इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रायबरेली, हरदोई, सीतापुर व लखीमपुर जिलों में जो डिग्री कॉलेज में बच्चे बीकॉम फाइनल ईयर में पहुंचे हैं वह इंटर्नशिप कैसे करेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट के अलावा बैंकिंग या किसी अन्य सेक्टर से भी इंटर्नशिप कर सकते हैं पर इन जिलों में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों तक नहीं है. ऐसे में वहां दूसरी अव्यवहारिक दिक्कतें भी सामने आ रही हैं.